Wednesday, April 17, 2024
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कोरोना से खुद को बचाने के लिए स्वामी रामदेव ने बताया रामबाण तरीका, जानें क्या है वो

कोरोना से खुद को बचाने के लिए स्वामी रामदेव ने कुछ प्राणायाम और योगासन बताए हैं। इन्हें रोजाना करके आप अपने शरीर को मजबूत कर सकते हैं।

India TV Lifestyle Desk Written by: India TV Lifestyle Desk
Updated on: July 12, 2020 9:53 IST
Swami Ramdev- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV कोरोना से खुद को बचाने के लिए स्वामी रामदेव ने बताया रामबाण तरीका, जानें क्या है वो 

इस समय पूरा देश कोरोना वायरस से जूझ रहा है। इसका असर हर शख्स पर पड़ रहा है, शारीरिक और मानसिक दोनों ही रूप से। ऐसे में इंडिया टीवी के स्पेशल प्रोग्राम 'कोरोना से जंग, बाबा रामदेव के संग' में स्वामी रामदेव देशवासियों को योगासन के जरिए स्वस्थ रहना सिखा रहे हैं। स्वामी रामदेव ने आज कोरोना से बचने के लिए प्राणायाम बताए हैं। 

स्वामी रामदेव ने कहा कि ये प्राणायाम जो लोग कोरोना से संक्रमित हैं और जो लोग संक्रमित नहीं हैं दोनों ही इन प्राणायाम को कर सकते हैं। ये प्राणायाम आपके शरीर को मजबूती देगा। जो लोग कोरोना से संक्रमित हैं वो प्राणायाम 5 मिनट करें और जो संक्रमित नहीं हैं वो प्राणायाम करने का समय बढ़ा सकते हैं। इसके साथ ही स्वामी रामदेव ने कहा कि प्राणायाम करने से न केवल कोरोना से खुद को बचा पाएंगे बल्कि कैंसर, डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर जैसी कई बीमारियों से भी लड़ने में आपकी मदद करेगा। 

कपालभाति

  • रोजाना सुबह शाम कपालभाति करने से हार्ट ब्लॉकेज की समस्या को दूर किया जा सकता है।
  • मन को शांत रखता है।
  • थायराइड की समस्या दूर से निजात दिलाता है।
  • सिगरेट की लत से छुड़ाने में मददगार है कपालभाति।
  • जिन लोगों को सिगरेट पीने की लत हो जाती है तो उनके फेफड़े ब्लॉक हो जाते हैं। कपालभाति की मदद से फेफड़े की ब्लॉकेज को सही कर सकता है।
  • कपालभाति से क्रॉनिक लिवर, क्रॉनिक किडनी और फैटी लिवर की समस्या दूर होती है।
  • हैपेटाइटिस की समस्या को भी कपालभाति दूर करने में मददगार है।

अनुलोम विलोम

सबसे पहले आराम से बैठ जाएं और आंखें बंद कर लें। ध्यान रहे कि इस मुद्रा में आपकी रीढ़ की हड्डी एकदम सीधी होनी चाहिए।
अब बाएं हाथ की हथेली को ज्ञान की मुद्रा में बाएं घुटने पर रखें। इसके बाद दाएं हाथ की अनामिका यानि कि हाथ की सबसे छोटी उंगली को मिलाकर बाएं नथुना पर रखें। अब अंगूठे को दाएं वाले नथुना पर लगा लें। इसके बाद तर्जनी और मध्यमा को मिलाकर मोड़ लें। अब बाएं नथुना से सांस भरें और उसे अनामिका और सबसे छोटी उंगली को मिलाकर बंद कर लें। फौरन ही दाएं नथुना से अंगूठे को हटाकर सांस बाहर निकाल दें। अब दाएं नथुना से सांस भरें और अंगूठे से उसे बंद कर दें। इस सांस को बाएं नथुना से बाहर निकाल दें। अनुलोम विलोम का यह पूरा एक राउंड हुआ। इसी तरह के कम से कम 5 बार ऐसा करें। 

फायदे

  • तनाव को कम करता है।
  • कफ से संबंधित समस्या को दूर करता है। 
  • मन को शांत करता है जिससे एकाग्रता बढ़ती है।  
  • दिल को स्वस्थ रखता है और ब्लड सर्कुलेशन बेहतर करता है।

उज्जयी प्राणायाम
गले से सांस अंदर भरकर जितनी देर रोक सके उतनी देर रोके। इसके बाद दाएं नाक को बंद करके बाएं नाक के छिद्र से छोड़े।

फायदे
मन शांत रहता है, अस्थमा, टीबी, माइग्रेम, अनिद्रा आदि समस्याओं से दिलाएं निजात। 

भ्रामरी प्राणायाम
इस प्राणायाम को करने के लिए पहले सुखासन या पद्मासन की अवस्था में बैठ जाएं। अब अंदर गहरी सांस भरते हैं। सांस भरकर पहले अपनी अंगूलियों को ललाट में रखते हैं। जिसमें 3 अंगुलियों से आंखों को बंद करते हैं। अंगूठे से कान को बंद कते हैं। मुंह को बंदकर 'ऊं' का नाद करते हैं। इस प्राणायाम को 3-21 बार किया जा सकता है। 

फायदे

  • इस आसन को करने से तनाव से मुक्ति के साथ मन शांत रहेगा। 
  • उज्जयी प्राणायाम
  • गले से सांस अंदर भरकर जितनी देर रोक सके उतनी देर रोके। इसके बाद दाएं नाक को बंद करके बाएं नाक के छिद्र से छोड़े।

 

भ्रामरी प्राणायाम

इस प्राणायाम को करने के लिए पहले सुखासन या पद्मासन की अवस्था में बैठ जाएं। अब अंदर गहरी सांस भरते हैं। सांस भरकर पहले अपनी उंगुलियों को ललाट में रखते हैं। जिसमें 3 उंगुलियों से आंखों को बंद करते हैं। अंगूठे से कान को बंद करते हैं। मुंह को बंदकर 'ऊं' का नाद करते हैं। इस प्राणायाम को 3-21 बार किया जा सकता है। 

फायदे
इस आसन को करने से तनाव से मुक्ति के साथ मन शांत रहेगा। ​​

शीतकारी प्राणायाम
इस प्राणायाम में होंठ खुले, दांत बंद करें। दांत के पीछे जीभ लगाकर, दांतो से धीमे से सांस सांस अंदर लें और मुंह बंद करें। थोड़ी देर रोकने के बाद दाएं नाक से हवा बाहर निकाल लें और बाएं से हवा अंदर लें।

फायदे

इस आसन को करने से तनाव, हाइपरटेंशन से निजात मिलता है। इसके साथ ही अधिक मात्रा में ऑक्सीजन अंदर जाती है।  

भस्त्रिका

  • इस प्राणायाम को रोजाना करने से हाइपरटेंशन, अस्थमा, हार्ट संबंधी बीमारी, टीवी, ट्यूमर, बीपी,  लिवर सिरोसिस, साइनस, किसी भी तरह की एनर्जी और फेफड़ों के लिए अच्छा माना जाता है। 
  • भस्त्रिका करने से शरीर में ऑक्सीजन का लेवल बढ़ जाता है। जिसके कारण कैंसर की कोशिकाएं मर जाती हैं। 

ये योगासन भी फायदेमंद

प्राणायाम के अलावा योगासन भी आपके शरीर को मजबूती देगा। जानिए रोजाना कौन-कौन से योगासन करने चाहिए।

  • मंडूकासन 
  • वक्रासन
  • गोमुखासन
  • भुजंगासन
  • नौकासन

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