Friday, March 29, 2024
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ज्यादा गुस्सा करना हार्ट के लिए हो सकता है खतरनाक, स्वामी रामदेव से सीखिए Anger मैनेजमेंट

स्वामी रामदेव के अनुसार गुस्सा करने से हार्ट पर तो बुरा असर पड़ता ही है। इसके अलावा आप कई बीमारियों के भी शिकार हो सकते हैं। जानिए गुस्से को कैसे करें कंट्रोल।

India TV Lifestyle Desk Written by: India TV Lifestyle Desk
Updated on: June 30, 2020 11:52 IST

आज के समय में अधिक टेंशन और स्ट्रेस के कारण कई लोगों को गुस्सा अधिक आता है जिसे  पह काबू नहीं कर पाते हैं। यह गुस्सा शारीरिक और मानसिक तौर पर काफी नुकसानदेय साबित होता है  गुस्से के कारण हार्ट पर भी बुरा असर पड़ता ही है इसके अलावा आप अन्य कई बीमारियों की गिरफ्त में आ जाते हैं। ऐसे में गुस्सा को कंट्रोल करना बहुत ही ज्यादा जरूरी है। जिससे आपका मन और मस्तिष्क शांत रहें। अगर आप भी खुद के गुस्से को कंट्रोल करना चाहते हैं तो इसमें योग आपकी मदद कर सकता है। स्वामी रामदेव से सीखिए गुस्से को कैसे करें कंट्रोल।  

गुस्से के कारण होने वाली बीमारियां

  • फेफड़ों की बीमारी
  • डिप्रेशन
  • डायबिटीज
  • हार्ट डिजीजी
  • हाई बीपी
  • सिर दर्द
  • एंग्जाइटी
  • स्किन डिजीज

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गुस्से को कंट्रोल करने के लिए प्राणायाम

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गुस्से को कंट्रोल करने के लिए प्राणायाम

गुस्सा कंट्रोल करने के लिए करें ये प्राणायाम

भस्त्रिका

इस प्राणायाम को 3 तरह से किया जाता है। पहले में 5 सेकंड में सांस ले और 5 सेकंड में सांस छोड़े। दूसरे में ढाई सेकंड सांस लें और ढाई सेकंड में छोड़ें। तीसरा तेजी के साथ सांस लें और छोड़े।  इस प्राणायाम को लगातार 5  मिनट करें। इस प्राणायाम को रोजाना करने से हाइपरटेंशन, अस्थमा, हार्ट संबंधी बीमारी, टीवी, ट्यूमर, बीपी,  लिवर सिरोसिस, साइनस, किसी भी तरह की एनर्जी और फेफड़ों के लिए अच्छा माना जाता है। 

कपालभाति
अगर आपको अधिक गुस्सा आ रहा है तो कपालभाति तेज गति में करें। इससे आपका दिमाग कुछ ही देर में शांत हो जाएगा। इसके साथ ही आपका हार्ट हेल्दी रहेगा और तनाव छूमंतर हो जाएगा।

अनुलोम-विलोम
सबसे पहले पद्मासन की मुद्रा में बैठ जाएं। अब दाएं हाथ की अनामिका और सबसे छोटी उंगली को मिलाकर बाएं नाक पर रखें और अंगूठे को दाएं वाले नाक पर लगा लें। तर्जनी और मध्यमा को मिलाकर मोड़ लें। अब बाएं नाक की ओर से सांस भरें और उसे अनामिका और सबसे छोटी उंगली को मिलाकर बंद कर लें। इसके बाद दाएं नाक की ओर से अंगूठे को हटाकर सांस बाहर निकाल दें। इस आसन को 5 मिनट से लेकर आधा घंटा कर सकते हैं।

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शीतली प्राणायाम
सबसे पहले आराम से रीढ़ की हड्डी सीधी करके बैठ जाएं। इसके बाद जीभ को बाहर निकालकर सांस लेते रहें। इसके बाद दाएं नाक से हवा को बार  निकालें। इस प्राणायाम को 5 से 10 मिनट तक कर सकते हैं। इस आसन को करने से मन शांत होगा, तनाव, हाइपरटेंशन के साथ-साथ एसिडिटी से निजात मिलेगा।

शीतकारी प्राणायाम
इस प्राणायाम में होंठ खुले, दांत बंद करें। दांत के पीछे जीभ लगाकर, दांतो से धीमे से सांस सांस अंदर लें और मुंह बंद करें। थोड़ी देर रोकने के बाद दाएं नाक से हवा बाहर निकाल लें और बाएं से हवा अंदर लें। इस आसन को करने से तनाव, हाइपरटेंशन से निजात मिलता है। इसके साथ ही अधिक मात्रा में ऑक्सीजन अंदर जाती है।  

भ्रामरी
इस प्राणायाम को करने के लिए पहले सुखासन या पद्मासन की अवस्था में बैठ जाएं। अब अंदर गहरी सांस भरते हैं। सांस भरकर पहले अपनी अंगूलियों को ललाट में रखते हैं। जिसमें 3 अंगुलियों से आंखों को बंद करते हैं। अंगूठे से कान को बंद कते हैं। मुंह को बंदकर 'ऊं' का नाद करते हैं। इस प्राणायाम को 3-21 बार किया जा सकता है। 

  • हाइपरटेंशन को दूर भगाता है।
  • मन और मस्तिष्क को रखें शांत
  • डिप्रेशन को कंट्रोल करने में रामबाण
  • एकाग्रता बढ़ाने में मददगार
  • सिरदर्द, माइग्रेन में लाभकारी
  • अनिद्रा, क्रोध और चिंता को करें कम

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मंडूकासन,

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मंडूकासन

गुस्सा कंट्रोल करने के लिए योगासन

मंडूकासन
इस आसन के लिए व्रजासन या पद्मासन में बैठ जाएं। इसके बाद गहरी सांस लें और अपने दोनों हाथ के उंगलियों को मोड़कर मुट्ठी बनाएं। अब दोनों हाथ की मुट्ठी को नाभि के दोनों तरफ रखें और सांस छोड़ते हुए आगे की ओर झुकेंगे। इस आसन में थोड़ी देर रहने के बाद फिर आराम से  सांस छोड़ते हुए सीधे हो जाए। इस आसन को कैंसर के रोगियों के साथ-साथ हर किसी को करना चाहिए।

शशकासन
लिवर और किडनी को हेल्दी रखने के साथ ही हाथों और कंधों को मजबूत रखता है। इसके अलावा पाचन क्रिया को सही रखें। तनाव और मन को शांत रखने में करें मदद। 

गोमुखासन
 इस आसन के लिए वज्रासन की मुद्रा में बैठ जाएंगे आप चाहे तो दाहिने पैर को घुटने से मोड़ते हुए बाएं पैर के कुल्हें के नीचे रख सकते हैं और बाएं बाएं पैर को दोनों हाथों से उठाकर के घुटने से मोड़ते हुए दाहिने पैर के ठीक घुटने के ऊपर रखेंगे। इसके बाद बाएं हाथ को ऊपर से लेकर पीठ की ओर ले  जाएंगे। वहीं दूसरा हाथ नीचे से होते हुए पीठ के पास जाएगा। इसके बाद दोनों हाथों की अंगुलियों एक दूसरे से पकड़ लेंगे।  इस आसन को 5 मिनट तक किया जा सकता है।

पवनमुक्तासन
पवनमुक्तासन पेट और कमर की मांसपेशियों के खिंचाव को करने में मदद करता है। इससे पाचन तंत्र सही होता है। इसके साथ ही डायबिटीज के मरीजों को लाभ मिलेगा। इस आसन को करने से जांघो, पेट, कूल्हें को वसा मुक्त करें। इसके साथ रही दिल को रखें हेल्दी  इसके अलावा रीढ़ की हड्डी को मजबूत रखें, जांघों, पेट और कूल्हों को वसा मुक्त रखें। इसके साथ तनाव कम करने में मदद करें। 

भुंजगासन
इस आसन को दो तरह से किया जाता है। इस आसन के लिए योग मैट में आराम से पेट के बल ले जाएं। इसके बाद दोनों हाथों को अपने मुंह के सामने लाकर एक दूसरे के पास रखकर पान का आकार दें। इसके बाद  लंबी-लंबी सांस लेते हुए कमर के ऊपरी हिस्से को धीमे-धीमे उठाएं और फिर मुंह से अपने हथेलियों को छुए और फिर ऊपर जाएं। इस प्रक्रिया को 50 से 100 बार करना चाहिए।  इस आसन को करने से तनाव, चिंता, कमर के निचला दर्द से मिलेगा निजात। फेफड़ों, पीठ दर्द को करें दूर। रीढ़ की हड्डी को करें मजबूत। 

मर्कटासन
मर्कटासन कई तरीके से किया जाता है। इसके लिए पीठ के बल आराम से लेट जाए। इसके बाद कंधों के बराबर अपने हाथों को फैलाएं। फिर दोनों पैरों को घुटनों से मोड़ लें। अब दोनों पैरों को मिलाकर पहले दाएं ओर करें। इसके साथ ही गर्दन को बाएं ओर मोड़े। फिर इस तरह दोबारा करें। इस आसन को करने से पीठ दर्द से निजात, तनाव से निजात मिलता है। इसके साथ ही मन और मस्तिष्क को शांत रखता है।

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नौकासन

  • शुगर लेवल को करें कम
  • पेट की चर्बी को खत्म करें
  • वजन कम करने में करें मदद
  • पाचन शक्ति को ठीक रहता है
  • एसिडिटी, कब्ज आदि समस्याओं से बचाएं
  • किडनी की क्षमता को बढ़ाता है।

मकरासन

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मकरासन

मकरासन

  • रीढ़ की हड्डी के लिए उत्तम।
  • घुटने, कंधों के लिए लाभकारी।
  • जोडों के दर्द से दिलाएं निजात
  • ब्लड प्रेशर को करें कंट्रोल।
  • शरीर में रक्त संचार बढ़ाता है। 
  • इम्यूनिटी सिस्टम को करें मजबूत।
  • डायबिटीज को करें कंट्रोल।
  • रीढ़ की हड्डी को लचीला बनाएं।
  • जोडों के दर्द को करें ठीक।

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अर्द्ध हलासन

  • हार्ट को हेल्दी और मजबूत बनाएं।
  • डायबिटीज को करें कंट्रोल।
  • फेफड़ों में ऑक्सीजन की पूर्ति।
  • तनाव से दिलाएं निजात।
  • शरीर को लचीला बनाएं।
  •  पाचन तंत्र को करें ठीक।

शवासन
सभी प्राणायाम और योगासन करने के शवासन जरूर करें। इससे आपका मन और दिमाग शांत रहता है।

  • हाई बीपी को करें कंट्रोल
  • हद्य रोग को दूर करने में मददगार
  • मेडिटेशन के लिए सबसे बेस्ट
  • डिप्रेशन और तनाव के लिए कारगर
  • तंत्रिका तंत्र को रखें स्वस्थ
  • शरीर की थकान करें दूर
  • मांसपेशियों को आराम मिलती है।

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सूर्य नमस्कार
जिन लोगों को अधिक गु्स्सा आता है वह रोज सूर्य नमस्कार जरूर करें। 

  • हद्य रोग दूर होता है
  • मेडिटेशन के लिए सबसे बेहतर आसन
  • डिप्रेशन और तनाव से राहत मिलती है।
  • तंत्रिका तंत्र को रखें स्वस्थ
  • शरीर की थकान को करें दूर
  • हाई बीपी को करें कंट्रोल

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