Friday, March 29, 2024
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स्वभाव के विपरीत काम करने पर मनुष्य को भुगतना पड़ता है ये अंजाम, कई बार कोशिश करने पर भी होता है यही हश्र

खुशहाल जिंदगी के लिए आचार्य चाणक्य ने कई नीतियां बताई हैं। अगर आप भी अपनी जिंदगी में सुख और शांति चाहते हैं तो चाणक्य के इन सुविचारों को अपने जीवन में जरूर उतारिए।

India TV Lifestyle Desk Written by: India TV Lifestyle Desk
Updated on: July 06, 2020 19:13 IST
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Image Source : INDIA TV खुशहाल जिंदगी के लिए आचार्य चाणक्य ने कई नीतियां बताई हैं। अगर आप भी अपनी जिंदगी में सुख और शांति चाहते हैं तो चाणक्य के इन सुविचारों को अपने जीवन में जरूर उतारिए।

आचार्य चाणक्य ने जीवन को और बेहतर जीने के लिए कुछ नीतियां और विचार व्यक्ति किए हैं। आजकल के जमाने में लोग इन नीतियों और विचारों को गए हैं। लेकिन क्या आपको पता है ये विचार आजकल के जमाने में भी प्रासांगिक बने हुए हैं। इन नीतियों और विचारों का जिसने भी अनुसरण किया वो जीवन में आने वाली किसी भी परिस्थिति का मुकाबला आसानी से कर सकता है। आचार्य चाणक्य के इन विचारों में से आज हम एक विचार का विश्लेषण करेंगे। आज का ये विचार मनुष्य के स्वभाव पर आधारित है। 

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"स्वभाव का अतिक्रमण अत्यंत कठिन है।" आचार्य चाणक्य  

आचार्य चाणक्य के इस कथन का मतलब स्वभाव से हैं। अपने इस कथन में चाणक्य ने कहा है कि किसी भी मनुष्य का अपने स्वभाव के विपरीत कार्य करना मुश्किल होता है। आचार्य चाणक्य अपने इस कथन के जरिए कहना चाहते हैं कि दुनिया में कई तरह के स्वभाव के लोग हैं। हर एक का स्वभाव दूसरे से अलग होता है ऐसे में अगर किसी कारणवश कोई व्यक्ति अपना नेचर बदलता है तो ये बिल्कुल नहीं समझना चाहिए कि ये स्वभाव उसका स्थिर है। ऐसा इसलिए क्योंकि कोई भी अपने बेसिक नेचर को नहीं बदल सकता। इतना जरूर हो सकता है कि किसी कारण वश वो अपने स्वभाव में थोड़ा बदलाव जरूर करें लेकिन पूरी तरह से स्वभाव के विपरीत कार्य करना नामुमकिन है। 

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असल जिंदगी में इसे कई बार देखा जा सकता है। कुछ लोग दिल के बहुत साफ होते हैं। उनके मन में जो होता वही मुंह पर होता है। ऐसे में बोलते वक्त भले ही उनकी बोली में थोड़ी नरमी हों लेकिन उनके सच बोलने का स्वभाव लोगों को कई बार अखर भी जाता हैं। यहां तक कि कई लोग तो उनके सच बोलने पर चिढ़ भी जाते हैं। ऐसे में हो सकता है कि ऐसा व्यक्ति लोगों को देखते हुए थोड़ा डिप्लोमैटिक हो जाए लेकिन बेसिक नेचर के विपरीत कार्य करना बहुत मुश्किल होता है। ऐसा व्यक्ति कुछ दिन को अपने स्वभाव के विपरीत लोगों के साथ बातचीत कर सकता है लेकिन लंबे समय के लिए नहीं। 

 

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