Thursday, April 25, 2024
Advertisement

लक्ष्य को हासिल करने के लिए सीचे-साधे लोगों को जरूर करना चाहिए ये काम, तभी छू पाएंगे बुलंदी

आचार्य चाणक्य ने हमारे जीवन संबंधी कई नीतियां बताई है। उन्होंने यह गहर चिंतन, जीवन का अनुभव, गहन अध्ययन से जो ज्ञान अर्जित किया। उसे अपनी नीतियों के तौर पर उतार दिया।

India TV Lifestyle Desk Written by: India TV Lifestyle Desk
Published on: May 05, 2021 7:27 IST
लक्ष्य को हासिल करने के लिए सीचे-साधे लोगों को जरूर  करना चाहिए ये काम, तभी छू पाएंगे बुलंदी- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV लक्ष्य को हासिल करने के लिए सीचे-साधे लोगों को जरूर  करना चाहिए ये काम, तभी छू पाएंगे बुलंदी

आचार्य चाणक्य के बारें में कौन नहीं जानता है। एक ऐसे विद्वान जो अपनी बुद्धिमत्ता, क्षमता के बल पर भारतीय इतिहार की धारा ही बदल कर रख दी। आचार्य चाणक्य मौर्य साम्राज्य के संस्थापक के साथ-साथ चतुर कूटनीतिज्ञ, प्रकांड अर्थशास्त्री के रूप में भी जानें जाते है।

आचार्य चाणक्य ने हमारे जीवन संबंधी कई नीतियां बताई है। उन्होंने यह गहर चिंतन, जीवन का अनुभव, गहन अध्ययन से जो ज्ञान अर्जित किया। उसे अपनी नीतियों के तौर पर उतार दिया। 

जीवन से जुड़े तमाम क्षण हर किसी के जीवन में आते हैं और उसे प्रभावित करते हैं। लोगों को आमतौर पर लगता है कि हमारा स्वभाव ही हमारी सफलता और असफलता की कहानी लिखता है, मगर ऐसा हर बार सच नहीं होता। कई बार देखा जाता है कि अच्छे स्वभाव के लोगों को भी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है और उन्हें भी असफलता हाथ लगती है। वहीं आजकल के तेजतर्रार जमाने में सीधे-साधे लोगों का जीना मुश्किल होता है। 

जिंदगी में कभी भी इन 5 लोगों के बीच से ना निकले, हो सकता है आपको भारी नुकसान

सीधे साधे लोग कई बार मुश्किलों में फंसते हैं जो उनकी कामयाबी को उनसे दूर कर देता है। वैसे तो भोले-भाले और सीधे साधे लोगों को हर कोई प्रताड़ित कर लेता है लेकिन प्रकांड विद्वान आचार्य चाणक्य ने भी ऐसे ही लोगों के लिए कुछ खास युक्तियां बताई हैं जो उनकी कामयाबी को सुनिश्चित कर सकती हैं। जानिए आचार्य चाणक्य ने क्या कहा।  

श्लोक

 
अतिहि सरल नहिं होइये, देखहु जा बनमाहिं।
तरु सीधे छेदत तिनहिं, बांके तरु रहि जाहि।।

इस दोहे का अर्थ है कि जो लोग स्वभाव से सीधे साधे होते हैं उन्हें हरदम ऐसे नहीं रहना चाहिए। क्योंकि उनके हरदम ऐसा रहने से कोई भी उनका गलत फायदा उठा सकता है। दुनिया की हर पीढ़ी में विद्यमान चालाक लोग ऐसे ही सीधे साधे लोगों के लिए कई तरह की मुश्किलें खड़ी करते हैं। कभी कभार इसी वजह से इन्हीं सीधे साधे लोगों को अपमान भी सहना पड़ता है। इसी कारण ऐसे लोगों को दुर्बल माना जाता है। अत: उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए। आचार्य चाणक्य का मानना था कि अत्यधिक सीधा स्वभाव भी मूर्खता की श्रेणी में आता है। इसलिए: व्यक्ति को थोड़ा चतुर होना चाहिए ताकि वह जीवन में कुछ बेहतर कार्य कर सके। इस बात का उम्दा उदाहरण है जंगल में लगे सीधे वृक्ष। जंगल में लगे सीधे वृक्ष ही काटने के लिए सबसे पहले चुने जाते हैं।

इन 4 तरह से हमेशा रहें सावधान, कभी भी नहीं होगी कोई परेशानी

 अक्सर ऐसा होता है कि एक सीधा-साधा व्यक्ति अपनी पूरी मेहनत लगन से काम करता हैं। लेकिन उसकी अहमियत कोई नहीं करता है। जहां पर वह कार्य करता वहां पर भी सौ प्रतिशत देने के बावजूद वह पीछे का पीछे बना रहता है। लेकिन वहीं दूसरी ओर थोड़ा सा चालाक व्यक्ति अपनी चालाकी से बड़े पद में पहुंच जाते है। उनके लिए काम में ज्यादा मेहनत करने की जरूरत ही नहीं पड़ती है। आज के समय में ऐसे ही लोग ज्यादा सफल देखें गए है। इसलिए कहा जाता है कि सीधा-साधा व्यक्ति को थोड़ा चालाक जरूर बनना चाहिए। जिससे कि वह खुद को दूसरों के सामने दर्शा सके। 

 

 

Latest Lifestyle News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Religion News in Hindi के लिए क्लिक करें लाइफस्टाइल सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement