Friday, March 29, 2024
Advertisement

Pitri Paksha 2020: पितृ पक्ष में इन 13 बातों का रखें ध्यान, नजरअंदाज करना परिवार पर पड़ सकता है भारी

पितृ पक्ष में कुछ कामों को नहीं करना चाहिए, नहीं तो इसके बुरे परिणाम पूरे परिवार को भुगतने पड़ते हैं। जानिए इस दौरान कौन सी बातों का ध्यान रखना चाहिए।

India TV Lifestyle Desk Written by: India TV Lifestyle Desk
Updated on: August 29, 2020 8:24 IST
Pitri Paksha- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV Pitri Paksha

पितृ पक्ष 1 सितंबर से शुरू हो रहा है। इस दौरान पूर्वजों को याद किया जाता है साथ ही उन्हें तर्पण दिया जाता है। श्राद्ध के दौरान किसी भी शुभ कार्य को नहीं किया जाता है। इसी तरह से कुछ और नियम है जिनका पालन पितृ पक्ष में करना चाहिए। ऐसा करके ही पितरों को पिंडदान वाला गृहस्थ दीर्घायु, यशस्वी होता है लेकिन इस दौरान कुछ बातों को ध्यान में रखना बहुत जरूरी होती है। इस दौरान कुछ कामों को नहीं करना चाहिए, नहीं तो इसके बुरे परिणाम पूरे परिवार को भुगतने पड़ते हैं। जानिए इस दौरान कौन सी बातों का ध्यान रखना चाहिए।

1.श्राद्ध में तुलसी व तिल के प्रयोग से पितृगण प्रसन्न होते हैं। अतः श्राद्ध के भोजन आदि में इनका उपयोग जरूर करना चाहिए।

2.श्राद्ध में चांदी के बर्तनों का उपयोग व दान बड़ा ही पुण्यदायी बताया गया है। अगर हो सके तो श्राद्ध में ब्राह्मणों को भोजन भी चांदी के बर्तनों में ही कराना चाहिए।

3.श्राद्धकर्म में गाय का घी, दूध या दही काम में लेना बेहतर होता है।

4.श्राद्ध में ब्राह्मण को भोजन जरूर करवाना चाहिए। जो व्यक्ति बिना ब्राह्मण को भोजन कराये श्राद्ध कर्म करता है, उसके घर में पितर भोजन ग्रहण नहीं करते और ऐसा करने से व्यक्ति पाप का भागी होता है। श्राद्ध से एक दिन पहले ही ब्राह्मण को खाने के लिये निमंत्रण दे आना चाहिए और अगले दिन खीर, पूड़ी, सब्जी और अपने पितरों की कोई मनपसंद चीज और एक मनपसंद सब्जी बनाकर ब्राह्मण को भोजन कराना चाहिए।

Pitri Paksha 2020: 1 सितंबर से शुरू हो रहा है पितृ पक्ष, जानें इसका महत्व और इसके पीछे की कथा

5.ब्राह्मण को खाना खिलाते समय दोनों हाथों से खाना परोसें और ध्यान रहे श्राद्ध में ब्राह्मण का खाना एक ब्राह्मण को ही दिया जाना चाहिए। ऐसा नहीं है कि आप किसी जरूरतमंद को दे दें। श्राद्ध में पितरों की तृप्ति केवल ब्राह्मणों द्वारा ही होती है। इसलिए श्राद्ध में ब्राह्मण का भोजन एक सुपात्र ब्राह्मण को ही कराएं।

6.आपके जिस भी पूर्वज का स्वर्गवास है, उसी के अनुसार ब्राह्मण या ब्राह्मण की पत्नी को निमंत्रण देकर आना चाहिए। जैसे अगर आपके स्वर्गवासी पूर्वज एक पुरुष हैं, तो पुरुष ब्राह्मण को और अगर महिला है तो ब्राह्मण की पत्नी को भोजन खिलाना चाहिए। साथ ही ध्यान रखें कि अगर आपका स्वर्गवासी पूर्वज कोई सौभाग्यवती महिला थी, तो किसी सौभाग्यवती ब्राह्मण की पत्नी को ही भोजन के लिये निमंत्रण देकर आएं।

7.भोजन कराते समय ब्राह्मण को आसन पर बिठाएं। आप कपड़े, ऊन, कुश या कंबल आदि के आसन पर बिठाकर भोजन करा सकते हैं, लेकिन ध्यान रहे आसन में लोहे का प्रयोग बिल्कुल भी नहीं होना चाहिए। भोजन के बाद ब्राह्मण को अपनी इच्छा अनुसार कुछ दक्षिणा और कपड़े आदि भी देने चाहिए।

8.श्राद्ध के दिन बनाये गये भोजन में से गाय, देवता, कौओं, कुत्तों और चींटियों के निमित भी भोजन जरूर निकालना चाहिए। 

9.एक ही नगर में रहने वाली अपनी बहन, जमाई और भानजे को भी श्राद्ध के दौरान भोजन जरूर कराएं। ऐसा न करने वाले व्यक्ति के घर में पितरों के साथ-साथ देवता भी भोजन ग्रहण नहीं करते। 

10.श्राद्ध के दिन अगर कोई भिखारी या कोई जरूरमंद आ जाये, तो उसे भी आदरपूर्वक भोजन जरूर कराना चाहिए।

12.श्राद्ध के भोजन में जौ, मटर, कांगनी और तिल का उपयोग श्रेष्ठ रहता है। तिल की मात्रा अधिक होने पर श्राद्ध अक्षय हो जाता है। कहते हैं तिल पिशाचों से श्राद्ध की रक्षा करते हैं। साथ ही श्राद्ध के कार्यों में कुशा का भी महत्व है।

13.श्राद्ध के दौरान चना, मसूर, उड़द, कुलथी, सत्तू, मूली, काला जीरा, कचनार, खीरा, काला नमक, लौकी, बड़ी सरसों, काले सरसों की पत्ती और बांसी अन्न निषेध है। 

Latest Lifestyle News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Religion News in Hindi के लिए क्लिक करें लाइफस्टाइल सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement