Friday, April 19, 2024
Advertisement

Vinayak Ganesh Chaturthi 2021: आज विनायक गणेश चतुर्थी व्रत, जानिए शुभ मुहूर्त, मंत्र और पूजा विधि

चतुर्थी तिथि को गणेश जी की उपासना शीघ्र फलदायी मानी गयी है और इस दिन गणेश जी के निमित्त व्रत करने से व्यक्ति की समस्त इच्छाओं की पूर्ति होती है।

India TV Lifestyle Desk Written by: India TV Lifestyle Desk
Updated on: March 17, 2021 6:17 IST
चतुर्थी तिथि को गणेश जी की उपासना शीघ्र फलदायी मानी गयी है और इस दिन गणेश जी के निमित्त व्रत करने से- India TV Hindi
Image Source : PEXEL Vinayak Ganesh Chaturthi 2021: 17 मार्च को विनायक गणेश चतुर्थी व्रत, जानिए शुभ मुहूर्त, मंत्र और पूजा विधि

फाल्गुन शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि रात 11 बजकर 29 मिनट तक रहेगी। प्रत्येक महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को वैनायकी श्री गणेश चतुर्थी व्रत किया जाता है। लिहाज़ा 17 मार्च को वैनायकी श्री गणेश चतुर्थी व्रत किया जायेगा। आचार्य इंदु प्रकाश के अनुसार भगवान गणेश को चतुर्थी तिथिका अधिष्ठाता माना जाता है । इसलिए इस दिन विशेष रूप से भगवान गणेश की पूजा-अर्चना की जाती है और इस दिन तो और भी विशेष है, क्योंकि  बुधवार है और बुधवार को गणेश जी का दिन भी माना जाता है।

हमारी संस्कृति में गणेश जी को प्रथम पूजनीय का दर्जा दिया गया है | किसी भी देवी-देवता की पूजा से पहले भगवान श्री गणेश की पूजा का ही विधान है। भगवान श्री गणेश को बुद्धि, समृद्धि और सौभाग्य के देवता के रूप में पूजा जाता है।

चतुर्थी तिथि को गणेश जी की उपासना शीघ्र फलदायी मानी गयी है और इस दिन गणेश जी के निमित्त व्रत करने से व्यक्ति की समस्त इच्छाओं की पूर्ति होती है। साथ ही हर तरह के संकटों से छुटकारा मिलता है, ज्ञान की प्राप्ति होती है और धन- संपत्ति में भी बढ़ोतरी होती है और जीवन में चल रही हर तरह की परेशानियों से छुटकारा भी मिलता है। 

17 मार्च को शुक्र का गोचर, इन 5 राशियों की किस्मत देगी पूरा साथ, वहीं ये लोग रहें सतर्क

वैनायकी श्री गणेश चतुर्थी शुभ मुहूर्त

चतुर्थी तिथि आरंभ- 16 मार्च रात 8 बजकर 59 मिनट से शुरू

चतुर्थी तिथि समाप्त- 17 मार्च रात 11 बजकर 29 मिनट तक 

वैनायकी श्री गणेश चतुर्थी पूजा विधि

ब्रह्म मुहूर्त में उठकर सभी कामों ने निवृत्त होकर स्नान करे। इसके बाद गणपति का ध्यान करे। इसके बाद एक चौकी पर साफ पीले रंग का कपड़ा बिछाएं इस कपड़े के ऊपर भगवान गणेश की मूर्ति रखें। अब गंगा जल छिड़के और पूरे स्थान को पवित्र करें। इसके बाद  गणपति को फूल की मदद से जल अर्पण करें। इसके बाद रोली, अक्षत और चांदी की वर्क लगाए। इसके बाद लाल रंग का पुष्प, जनेऊ, दूब, पान में सुपारी, लौंग, इलायची और कोई मिठाई रखकर चढ़ाए। इसके बाद नारियल और भोग में मोदक अर्पित करें। गणेश जी को दक्षिणा अर्पित कर उन्हें 21 लड्डूओं का भोग लगाएं। सभी सामग्री चढ़ाने के बाद धूप, दीप और अगरबत्‍ती से भगवान गणेश की आरती करें। इसके बाद इस मंत्र का जाप करें। 

Garuda Purana: स्त्री हो या पुरुष कभी भी इन 4 लोगों पर न करें भरोसा, हो सकता है आपके लिए जानलेवा

वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ।
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥

या फिर

ॐ श्री गं गणपतये नम: का जाप करें।

अंत में चंद्रमा को दिए हुए मुहूर्त में अर्घ्य देकर अपने व्रत को पूर्ण करें । गणपति की विधि-विधान से पूजा करने के बाद प्रसाद बांटे। 

Latest Lifestyle News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Religion News in Hindi के लिए क्लिक करें लाइफस्टाइल सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement