नई दिल्ली। बजट में घोषित नेशनल रिसर्च फाउंडेशन (एनआरएफ) को पांच साल में 50,000 करोड़ रुपये के आवंटन से नवाचार (इनोवेशन) को बढ़ावा मिलेगा और देश के समग्र अनुसंधान पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूती मिलेगी। जुलाई 2019 में नेशनल रिसर्च फाउंडेशन के तौर-तरीकों की घोषणा तो की गई थी, लेकिन अभी तक इसके लिए कोई बजट आवंटित नहीं किया गया था।
एनआरएफ के लिए 50,000 करोड़ रुपये के परिव्यय का प्रस्ताव करने के बाद वित्तमंत्री ने कहा, "यह सुनिश्चित करेगा कि देश के समग्र अनुसंधान पारिस्थितिकी तंत्र को राष्ट्रीय प्राथमिकता वाले क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करने के साथ मजबूत किया जाए।"
इंटेल इंडिया में वाइस प्रेसिडेंट और मैनेजिंग डायरेक्टर (सेल्स, मार्केटिंग एंड कम्युनिकेशंस ग्रुप) प्रकाश माल्या ने एक बयान में कहा कि नेशनल रिसर्च फाउंडेशन के माध्यम से अगले पांच वर्षों में 50,000 करोड़ रुपये के आवंटन के साथ वैश्विक नवाचार केंद्र (ग्लोबल इनोवेशन हब) के रूप में भारत की क्षमता को विकसित करने के लिए विशेष रूप से रोमांचक है।
उन्होंने कहा, "यह निस्संदेह भारतीय नवाचार स्टोरी को अधिक गति प्रदान करेगा और अग्रणी अर्थव्यवस्थाओं के वैश्विक मानचित्र पर हमारी स्थिति को मजबूत करेगा।"देश के समग्र अनुसंधान पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने के लिए, केंद्रीय बजट 2021-22 में देश में नवाचार और अनुसंधान एवं विकास (आर एंड डी) को बढ़ावा देने के लिए नई पहलों की घोषणा की गई है।
प्रस्ताव पर प्रतिक्रिया देते हुए, पॉपुलेशन फाउंडेशन ऑफ इंडिया की कार्यकारी निदेशक पूनम मुतरेजा ने कहा कि अनुसंधान एवं विकास को मजबूत करने के लिए पांच वर्षो में 50,000 करोड़ रुपये का बढ़ा निवेश निश्चित रूप से भारत के नवाचार को वैश्विक मानचित्र पर लाएगा।जे.के. बिजनेस स्कूल के निदेशक संजीव मारवाह ने कहा, "यह देश के समग्र अनुसंधान पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करेगा और भारत को अनुसंधान एवं विकास क्षेत्र के रूप में उभरने में मदद करेगा।"