Thursday, March 28, 2024
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कमाल के बच्चे, मेधा के दम पर आपदा को अवसर में रहे बदल

हौसला और हिम्मत हो तो उम्र कोई मायने नहीं रखती है। यह देवरिया के अवरही गांव के भाई-बहन सरीम और कशिश की जोड़ी ने सिद्घ कर दिया है। इन दोनों की जोड़ी ने इन दिनों ऑनलाइन शिक्षा देकर सोशल मीडिया पर तहलका मचा रखा है।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: October 08, 2020 15:14 IST
Amazing kids, turn disaster into opportunity on the...- India TV Hindi
Image Source : GOOGLE Amazing kids, turn disaster into opportunity on the strength of merit

देवरिया। हौसला और हिम्मत हो तो उम्र कोई मायने नहीं रखती है। यह देवरिया के अवरही गांव के भाई-बहन सरीम और कशिश की जोड़ी ने सिद्घ कर दिया है। इन दोनों की जोड़ी ने इन दिनों ऑनलाइन शिक्षा देकर सोशल मीडिया पर तहलका मचा रखा है। लॉकडाउन में सही मायने में इस जोड़ी ने आपदा को अवसर में बदलने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। देवरिया के देसही विकास खंड स्थित अवरही गांव के रहने वाले निजी विद्यालय के शिक्षक मोहसिन रजा के कक्षा पांच में पढ़ने वाले बेटा सरीम और कक्षा आठ में पढ़ने वाली बेटी कशिश -- दोंनों ही बचपन से बहुत ही मेधावी हैं। लॉकडाउन के दौरान विद्यालय बंद होने के कारण अपने पिता की सलाह पर दोंनों ने घर पर ही ऑनलाइन पढ़ाई शुरू की। मेधावी सरीम ने 12 वीं तक के भौतिक विज्ञान को पूरा पढ़ डाला है। बहन कशिश ने 10 वीं की एनसीईआरटी पैटर्न की गणित की पूरी तैयार कर ली।

उनकी लगन देख कर उनके पिता मोहसिन रजा ने दोंनों बच्चों के लिए एसके वॉंडर किड्स नामक एक यूट्यूब चैनल बनाया है। जिसमें सरीम ने 12 वीं के भौतिक विज्ञान और जेईई मेंस के सवालों के उत्तर अपलोड करने शुरू कर दिए। बहन कशिश गणित पढ़ाते हुए वीडियो डाल रही है।

चार माह के अधिक समय में ढाई हजार से ऊपर उनके सब्सक्राइबर हो गये हैं। उनके इस वीडियो को आईआईटी प्रवेश की तैयारी करने वाली संस्था सुपर 30 के आनंद कुमार ने शेयर किया है। उनकी प्रतिभा को उन्होंने सराहा है। उन्होंने लिखा कि हमारे देश में प्रतिभाओं की कमीं नहीं है। मुझे गर्व है तुम पर।

सरीम के पिता मोहसिन रजा ने आईएएनएस को बताया कि ये दोंनों बच्चे बचपन से प्रतिभावान है। कक्षा 1 में ही अंग्रेजी के नैरेशन वगैरह साल्व करने लगा था। 6 साल की उम्र में सेक्सपीयर जैसी किताबों को पढ़ता था। अभी कक्षा 5 की परीक्षा दी है। वर्तमान में जेईई मेंन्स के सवालों को हल करता है। डी.सी. पांडेय, एससी वर्मा की भौतिक विज्ञान के सवालों को हल करता है। बच्चा हिन्दी में बात नहीं करता है। इनके कारण माता जी को भी आगे पढ़ाई करवानी पड़ी। यूकेजी से डायरेक्ट कक्षा चार में प्रवेश मिला है। उसका कैंचिंग पावर बहुत अच्छा है। इसके पहले इसे किसी ने भौतिक विज्ञान नहीं पढ़ाया है।

सरीम ने बताया कि उनका नोबल पुरस्कार जीतने का सपना है। वह सुपर 30 के निदेशक आनंद कुमार से काफी प्रभावित है। वह उन्हें अपना आदर्श मानते हैं। उसका कहना है कि वो हाईस्कूल इंटर के भौतिक विज्ञान को पढ़ चुका है। उनके सवालों को हल कर सकता है। जेईई मेंस की प्रवेश परीक्षा के सवालों को हल कर सकता है। लॉकडाउन के दौरान अगल-बगल के बच्चों को उन्होंने शिक्षा भी दी है।

कशिश आठवीं क्लास में है, लेकिन दसवीं की गणित के सवाल हल करती है और वीडियो बनाती है। दोनों भाई-बहन आपस में एक दूसरे का वीडियो बनाते हैं और अपलोड करते हैं। कशिश का कहना है यह सब कठिन मेहनत से हासिल हुआ है। कहीं परेशानी होने पर वह अपने भाई से पूछ लेती है या फिर गूगल का सहारा लेती है। कशिश बड़ी होकर सिविल सेवा में जाना चाहती हैं।

आयोग से चयनित एसएमके कालेज में भौतिक विज्ञान के प्रवक्ता रंजीत सिंह इन दोंनों बच्चों को अपने मार्गदर्शन में आगे बढ़ा रहे हैं। रंजीत ने बताया कि दोंनों बच्चों का आइक्यू लेवल बहुत अच्छा है। सरीम का थ्योरी बहुत अच्छा है। उसका न्यूमेरिकल अपरोच और ठीक की जा रही है। बच्चे को गाइडेंस देंने पर जेईई मेंस के सवालों को बहुत अच्छे से साल्व कर लेता है। बच्चों की अंग्रेजी बहुत अच्छी है।

 

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