नई दिल्ली.।भारत सरकार ने 'स्टडी इन इंडिया, स्टे इन इंडिया' अभियान शुरू किया है। ऐसा भारत को शिक्षा के एक वैश्विक हब के रूप में स्थापित करने के लिए किया जा रहा है। आईआईटी-बॉम्बे, मोनाश यूनिवर्सिटी (ऑस्ट्रेलिया), वाशिंगटन यूनिवर्सिटी (यूएसए), ओहायो स्टेट यूनिवर्सिटी (यूएसए) जैसे विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं के साथ समझौतों के माध्यम से इस मिशन को पूरा करने में मदद कर रहा है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने मंगलवार को आईआईटी बॉम्बे द्वारा 'नई शिक्षा नीति' पर आयोजित एक वर्कशॉप का उद्घाटन किया। इसी दौरान उन्होंने यह तथ्य पेश किया।
उन्होंने आईआईटी बॉम्बे के सोसायटी फॉर इन्नोवेशन एंड एंटरप्रेन्योरशिप पहल के बारे में बात करते हुए कहा, "इस पहल से लगभग 165 स्टार्टअप्स जुड़े हुए हैं। साथ ही यहां प्रतिवर्ष लगभग 300 के करीब उद्योगों के इस संस्थान परिसर के विजिट के लिए आवेदन प्राप्त होते हैं। संस्थान ने वर्ष 2019-20 में 153 पेटेंट भी फाइल किए हैं। इनमें से 48 पेटेंट को अनुमोदन प्राप्त हो चुका है।"
केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा, "नई शिक्षा नीति 'कैरेक्टर बिल्डिंग' से लेकर 'नेशन बिल्डिंग' तक भारतीय मूल्यों पर आधारित है। इसमें इंडियन, इंटरनेशनल, इंपैक्टफुल, इंटरएक्टिव और इन्क्लूसिविटी जैसे तत्व शामिल हैं। इस नीति में हर भारतीय की आकांक्षाएं, स्वप्न और एक दूरगामी सोच है।"
निशंक ने कहा, "हम अपनी नई शिक्षा नीति में 'जय अनुसंधान' की सोच के साथ ज्ञान-विज्ञान-अनुसंधान के क्षेत्र में नए कीर्तिमान स्थापित करने के लिए एक दृढ़ संकल्प होकर आगे बढ़ रहे हैं। मुझे बेहद खुशी है कि यह संस्थान भी इसी सोच के साथ रिसर्च तथा इनोवेशन के क्षेत्र में पूरे समर्पण के साथ कार्यरत है।"
उन्होंने आईआईटी बॉम्बे द्वारा कोरोना संकट काल में किए गए कार्यो की भी प्रशंसा की और कहा, "आईआईटी मुंबई जैसे संस्थानों के योगदान से हम न केवल 'विश्वगुरु बनेंगे अपितु 5 ट्रिलियन इकॉनमी' का हमारा महत्वाकांक्षी स्वप्न भी जल्द ही साकार होगा।"इस अवसर पर आईआईटी-बॉम्बे के छात्रों को रिसर्च पब्लिकेशन अवार्ड, रिसर्च डिसेमिनेशन अवार्ड, अर्ली रिसर्च अचीवर अवार्ड व सृजनात्मक अनुसंधान के लिए प्रो. कृति रमामृतम अवार्ड से सम्मानित किया गया।