Friday, March 29, 2024
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दिल्ली सरकार का फैसला, नहीं हटेंगे एडहॉक शिक्षक; होगी स्थाई प्रिंसिपलों की नियुक्ति

दिल्ली सरकार के कॉलेजों में कार्यरत किसी भी एडहॉक शिक्षक को नहीं हटाया जाएगा। सरकार से इन सभी एडहॉक शिक्षकों को परमानेंट करने की मांग की गई है।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: January 04, 2021 11:48 IST
Delhi government's decision, adhoc teachers will not be...- India TV Hindi
Image Source : GOOGLE Delhi government's decision, adhoc teachers will not be removed; Permanent principals will be appointed

नई दिल्ली। दिल्ली सरकार के कॉलेजों में कार्यरत किसी भी एडहॉक शिक्षक को नहीं हटाया जाएगा। सरकार से इन सभी एडहॉक शिक्षकों को परमानेंट करने की मांग की गई है। यह मांग दिल्ली टीचर्स एसोसिएशन ने की है। दिल्ली से आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद सुशील गुप्ता के मुताबिक, दिल्ली सरकार के कॉलेजों में बेशक नई भर्तियां हो रही हैं, लेकिन किसी भी कॉलेज से एडहॉक टीचरों को नहीं हटाया जाएगा।

सुशील गुप्ता ने कहा, पता चला है कि दिल्ली सरकार के कॉलेजों में लंबे समय से स्थायी प्रिंसिपलों की नियुक्ति नहीं हुई है। सरकार का प्रयास रहेगा कि जिन कॉलेजों में प्रिंसिपल पदों के विज्ञापन निकल चुके हैं वहां पर प्रिंसिपलों की स्थायी नियुक्ति हो। जब प्रिंसिपल स्थायी होंगे तो ही शिक्षकों व गैर शैक्षिक पदों पर जल्द नियुक्त किए जा सकते हैं।

आम आदमी पार्टी से राज्यसभा सांसद सुशील कुमार गुप्ता ने शिक्षक संगठन दिल्ली टीचर्स एसोसिएशन (डीटीए) के सदस्यों के साथ हुई मुलाकात में यह जानकारी दी। इस अवसर पर पैनल के साथ लगभग 50 से अधिक शिक्षक मौजूद थे।

सुशील गुप्ता ने शिक्षा मंत्रालय के 5 दिसंबर 2019 के पत्र का हवाला देते हुए शिक्षकों को कहा कि उस पत्र को लागू कराने के लिए केंद्र सरकार व दिल्ली विश्वविद्यालय पर दबाव बनाने के लिए पत्र लिखेंगे। उनका कहना था कि पिछले एक साल से उस पत्र को लागू नहीं करने से शिक्षकों में डर और भय का माहौल है।

उन्होंने बताया कि आगामी संसद सत्र में 5 दिसंबर के पत्र पर सरकार से जवाब मांगेंगे कि इसे लागू करते हुए एडहॉक शिक्षकों की स्थायी नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू क्यों नहीं की। साथ ही इन शिक्षकों को स्थायी कराने के लिए सरकार ने क्या प्रयास किए।

दिल्ली टीचर्स एसोसिएशन के प्रभारी प्रोफेसर हंसराज सुमन ने बताया कि डीटीए ने पहली बार डीयू में ईसी उम्मीदवार के रूप में डॉ नरेंद्र कुमार पाण्डेय को उतारा है। डॉ पाण्डेय रामलाल आनंद कॉलेज में इतिहास विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर है और डूटा कार्यकारिणी में निर्वाचित सदस्य रह चुके हैं। उम्मीदवार विद्वत परिषद में डॉ आशा रानी, पीजीडीएवी कॉलेज सांध्य में हिंदी विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर है। सुनील कुमार भगतसिंह कॉलेज सांध्य में वाणिज्य विभाग में सहायक प्रोफेसर है।

उन्होंने बताया है कि वे शिक्षकों के बीच अपना एजेंडा लेकर जाएंगे जिसमें मुख्य मुद्दों का समाधान कराएंगे। 5 दिसम्बर 2019 के लैटर को ध्यान में रखते हुए किसी भी एडहॉक शिक्षक को स्थायी नियुक्ति होने तक न हटाया जाए। दिल्ली सरकार के अन्तर्गत आने वाले महाविद्यालयों में स्थायी नियुक्तियों की प्रक्रिया जल्द से जल्द शुरू की जाएगी। इसके अलावा एसोसिएट प्रोफेसर के लिए 2010 की पीएचडी की अनिवार्यता समाप्त कराने के लिए यूजीसी पर दबाव डाला जाएगा।

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