Thursday, March 28, 2024
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दिल्ली पुलिस के कांस्टेबल थान सिंह लगाते हैं गरीब बच्चों की पाठशाला

दिल्ली पुलिस के कांस्टेबल थान सिंह को गरीब बच्चों की पढ़ाई का बहुत फिक्र है। वह ड्यूटी खत्म करने के बाद शाम 5 बजे से लालकिले के पीछे बने एक छोटे से मंदिर में पाठशाला लगाते हैं। साल 2016 में उन्होंने 4 बच्चों के साथ इस पाठशाला की शुरुआत की थी, लेकिन अब उनके पास करीब की झुग्गियों से करीबन 50 से 60 बच्चे पढ़ने आते हैं।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: October 20, 2020 10:49 IST
Delhi Police Constable Than Singh sets up poor children's...- India TV Hindi
Image Source : GOOGLE Delhi Police Constable Than Singh sets up poor children's school

नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस के कांस्टेबल थान सिंह को गरीब बच्चों की पढ़ाई का बहुत फिक्र है। वह ड्यूटी खत्म करने के बाद शाम 5 बजे से लालकिले के पीछे बने एक छोटे से मंदिर में पाठशाला लगाते हैं। साल 2016 में उन्होंने 4 बच्चों के साथ इस पाठशाला की शुरुआत की थी, लेकिन अब उनके पास करीब की झुग्गियों से करीबन 50 से 60 बच्चे पढ़ने आते हैं।

पढ़ाई करने के लिए जब शाम को बच्चे आते हैं, तो दूर से ही 'अंकल नमस्ते' कहते हैं और पाठशाला में आकर बैठ जाते हैं। इन सभी बच्चों की उम्र 5 से 15 वर्ष के बीच है। कांस्टेबल थान सिंह इन बच्चों को किताब-कॉपी, पेंसिल और खाने के लिए भी खुद से ही मुहैया कराते हैं। वहीं आला अफसर भी इस काम में थान सिंह की मदद करते हैं। थान सिंह पाठशाला में बच्चों को किताबी ज्ञान के अलावा नैतिक मूल्यों के विषय में भी बताते हैं और उन्हें जीवन में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते हैं।

दरअसल, इन बच्चों के माता-पिता मजदूरी करते हैं और इन सभी के पास इतना पैसा नहीं कि वे अपने बच्चों की पढ़ाई का इंतजाम कर सकें।कांस्टेबल सिंह का कहते हैं, "मेरा बस यह उद्देश्य है कि ये बच्चे सही-गलत की पहचान करने लायक बन जाएं, अपने माता-पिता का सहारा बन सकें, अपना नाम लिख सकें। बस, रिक्शा, दुकान और अन्य स्थानों पर लिखे शब्दों को पढ़ और पहचान सकें।"

कांस्टेबल थान सिंह ने आईएएनएस को बताया, "मैंने 2016 में इस पाठशाला की शुरुआत की थी, उस वक्त 4 बच्चे आते थे। आज करीब 50 बच्चे आ रहे हैं, वहीं लॉकडाउन लगने की वजह से कई बच्चे अपने गांव चले गए हैं, अभी तक वापस नहीं आए हैं।"

उन्होंने कहा, "मैं खुद झुग्गियों में रहा हूं, पढ़ाई की एहमियत जानता हूं। किन परिस्थितियों में गुजारा करना पड़ता है, ये सब मैंने देखा है और मैं नहीं चाहता कि ये बच्चे भी यही सब देखें। मुझसे जितना हो सकता है, उतने बच्चों की जिंदगी सुधारने की कोशिश करूंगा। इस पहल में मेरे आला अफसरों ने बहुत मदद की, सभी ने मुझे आर्थिक रूप से भी सहायता दी, ताकि मैं इन बच्चों की पढ़ाई का काम जारी रख सकूं।"

थान सिंह ने बताया कि कोविड-19 की वजह से उन्हें पाठशाला की व्यवस्था में कुछ बदलाव करने पड़े। अब सभी बच्चे मुंह पर मास्क लगाकर आते हैं। वहीं पाठशाला में सेनिटाइजर भी रखा गया है और 2 गज की दूरी का पालन करने के लिए जगह-जगह पर निशान बनाए गए हैं।

कांस्टेबल थान सिंह को दिल्ली पुलिस की नौकरी करते 11 साल हो गए हैं। इन दिनों वह कोतवाली थाना इलाके की लालकिला चौकी में तैनात हैं। वह हर दिन शाम को ड्यूटी पूरी करके बच्चों को पढ़ाने जाते हैं। अगर किसी तरह की इमरजेंसी आती है तो उनकी पाठशाला संभालने का जिम्मा 12वीं की छात्रा अंकिता शर्मा उठाती है।

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