Thursday, March 28, 2024
Advertisement

झारखंड: IAS अधिकारी छात्रों, अभिभावकों में जगा रहे शिक्षा की ललक

आमतौर पर सरकारी अधिकारियों को अपने सरकारी कार्यो से ही फुर्सत नहीं मिलती, लेकिन झारखंड में भारतीय प्रशासनिक सेवा

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: March 22, 2021 13:03 IST
- India TV Hindi
Image Source : FILE

रांची। आमतौर पर सरकारी अधिकारियों को अपने सरकारी कार्यो से ही फुर्सत नहीं मिलती, लेकिन झारखंड में भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के एक अधिकारी इन दिनों अभिभावकों और छात्रों के बीच शिक्षा की ललक जगाने के लिए अनोखी पहल की है। ये अधिकारी स्वयं न केवल सुदूरवर्ती क्षेत्रों के स्कूलों में जाकर कुछ घंटे छात्रों को पढ़ाते हैं, बल्कि गांवों में पहुंचकर अभिभावकों को शिक्षा की महत्ता को बताते हुए उनसे अपने बच्चों को स्कूल भेजने के लिए प्रेरित भी करते हैं।

लातेहार के उपायुक्त (डीसी) और 2010 बैच के आईएएस अधिकारी अबू इमरान इस जिले के उपायुक्त का पदभार ग्रहण करने के पहले यहां के अनुमंडल अधिकारी (एसडीओ) भी रह चुके हैं। ऐस में वे लातेहार से पूर्व परिचित थे। युवा अधिकारी इमरान जब यहां उपायुक्त बनकर आए तब उनकी नजर यहां के सुदूरवर्ती क्षेत्रों की शिक्षा व्यवस्था पर पड़ी।

अबू इमरान आईएएनएस से कहते हैं, "प्रारंभ से ही मुझे स्कूल, कॉलेजों में बच्चों को पढ़ाने की आदत रही है। आमतौर पर सुदूरवर्ती क्षेत्रों में शिक्षा को लेकर जागरूकता की कमी है, लेकिन जब कोई अधिकारी इन गांवों के स्कूलों में स्वयं पढ़ाने जाता है तथा उन बच्चों के अभिभावकों से मिलता है, तो उनमें भी शिक्षा के प्रति ललक बढ़ती है और वे शिक्षा को लेकर जागरूक होते हैं।"

कभी नक्सलियों का गढ़ समझा जाने वाला नावागढ़ में उपायुक्त अबू इमरान अपनी पत्नी जबीन फातिमा के साथ पहुंचकर उत्क्रमित प्लस टू उच्च विद्यालय में शिक्षा का अलख जगा चुके हैं।

उपायुक्त अपनी पत्नी के साथ इंटर व मैट्रिक के बच्चों की क्लास ली एवं जीवन में सफलता के मूलमंत्र दिए। कहा जाता है कि कभी इन इलाकों में बंदूकें गरजा करती थीं, लेकिन उपायुक्त व उनकी पत्नी ने विद्यालय पहुंच कर बच्चों का उत्साह बढ़ाने के लिए कलम एवं डायरी दी एवं जीवन में कभी पढ़ाई या रोजगार में शार्टकट नहीं अपनाने की बात कही।

उपायुक्त मानते हैं कि यहां के स्कूलों में कई समस्याएं हैं, लेकिन बच्चों के बेंच पर बैठकर उनसे समस्याओं की जानकारी लेकर छोटी-छोटी समस्याओं का पता चल जाता है, जिसे आम लोगों की पहल से सुलझाया जा सकता है।

इमरान ने आईएएनएस को बताया कि कोरोना के दौर में जब स्कूलों में ताले लगे थे, तब यूट्यूब 'ज्ञान कोरा लातेहार' प्रारंभ करवाया गया था। इस चैनल पर अनुभवी और योग्य शिक्षकों से पाठ्यक्रमों के हल करवाकर विषयों को डाला गया, जिसका लाभ यहां के छात्रों को खूब हुआ।

उन्होंने कहा कि कई स्कूलों में छात्र विषयों के शिक्षक नहीं होने का भी रोना रोते हैं, लेकिन आज सोशल साइटों से कई विषयों को पढा जा सकता है, इसकी जानकारी छात्रों को देने की जरूरत है।

उन्होंने कहा कि समस्याएं हैं, लेकिन इसे कहकर तो छोड़ा नहीं जा सकता। इसके समाधान के लिए हम सब भी तो कोशिश कर सकते हैं। हो सकता है समस्याओं का पूरा समाधान न हो, लेकिन कुछ तो सफलता मिलेगी।

उपायुक्त अबू इमरान गांवों में पहुंचकर सामाजिक कुरीतियों को भी दूर करने के लिए लोगों को जागरूक करते हैं। शुक्रवार को राष्ट्रीय राजमार्ग 39 के किनारे स्थित चंदवा प्रखंड के सासंग स्थित प्रोजेक्ट उच्च विद्यालय में बच्चों को पाठ्यक्रम आधारित ज्ञान देने के साथ डायन-बिसाही जैसी कुरीतियों की जानकारी देते उसे खत्म करने के लिए जागरूक किया। इसके बाद वे कस्तुरबा गांधी आवासीय विद्यालय चंदवा पहुंचे।

बहरहाल, ग्रामीण भी उपायुक्त की इस पहल की सराहना करते हैं। नवागढ़ के मदन प्रसाद कहते हैं कि उपायुक्त की इस अनोखी पहल का परिणाम है कि स्कूलों में शिक्षक समय पर आने लगे हैं और बच्चे भी स्कूल जा रहे हैं।

 

Latest Education News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। News in Hindi के लिए क्लिक करें एजुकेशन सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement