नई दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय ने छात्रों को पूर्ण सेमेस्टर की फीस का भुगतान करने के लिए कहा। स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) डीयू ने दिल्ली विश्वविद्यालय के इस कदम का विरोध किया है। छात्रों का कहना है कि कोविड 19 महामारी ने वित्तीय बाधाएं उत्पन्न की हैं, जिससे पूर्ण सेमेस्टर की फीस का भुगतान करना लगभग असंभव हो गया है। छात्रों के मुताबिक ऑनलाइन कक्षा की विभिन्न परेशानियों से भी आर्थिक बोझ बढ़ा है।
दिल्ली विश्वविद्यालय की छात्रा काजल शर्मा ने कहा, "अब फीस के भुगतान के मामले पर डीयू प्रशासन की ओर से लगातार दबाव काफी छात्रों को संकट में डाल रहा है। छात्रों की समस्याओं और उस पर व्यस्त ऑनलाइन क्लास शेड्यूल के लिए महंगे डेटा पैक का बोझ बढ़ गया है।"एसएफआई डीयू ने विश्वविद्यालय के संस्थानों के समक्ष कई मांगें रखी हैं।
छात्र संगठन ने विश्वविद्यालय प्रशासन के समक्ष अपनी मांगे रखते हुए कहा, "सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों के छात्रों के लिए विशेष शुल्क छूट लागू की जानी चाहिए। छात्रों के लिए अनुदान और छात्रवृत्ति तत्काल जारी किया जाए। ऑनलाइन कक्षाओं के लिए डेटा और उपकरण खचरें को पूरा करने के लिए विश्वविद्यालय से छात्रों के लिए अतिरिक्त सहायता होनी चाहिए।"
ऑनलाइन शिक्षा वर्तमान में कितनी उपयोगी और सार्थक है, इसके लिए दिल्ली टीचर्स एसोसिएशन ने छात्रों से फीडबैक लेने की बात कही है। छात्रों के माध्यम से एक महीने का डाटा तैयार किया जाएगा, जिससे यह पता लगेगा कि कितने प्रतिशत छात्र ऑनलाइन कक्षा ले पा रहे हैं।दिल्ली टीचर्स एसोसिएशन ने कहा, "कई छात्र कक्षा नहीं ले पा रहे हैं। इसका कारण स्मार्टफोन, इंटरनेट, वाईफाई, लैपटॉप, डाटा कनेक्शन, कम्प्यूटर आदि की सुविधाएं न होना है। विक्लांग छात्र इस व्यवस्था में सबसे ज्यादा प्रभावित हैं।"
दिल्ली विश्वविद्यालय का नया शैक्षिक सत्र 2020-21 कोविड 19 के चलते इस वर्ष तीन सप्ताह विलंब से शुरू हुआ है। फिलहाल अभी तीसरे और पांचवें सेमेस्टर की ऑनलाइन कक्षाएं लग रही हैं। इसके अंतर्गत द्वितीय व तृतीय वर्ष के छात्रों की कक्षाएं शिक्षकों द्वारा ऑनलाइन एजुकेशन के माध्यम से ली जा रही हैं।