Tuesday, March 19, 2024
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शरीर में यूरिक एसिड बढ़ने के पीछे होते हैं कई कारण, जानें लक्षण और बचाव के तरीके

जब किडनी की फिल्टर करने की क्षमता कम हो जाती है, तो शरीर में मौजूद यूरिया, यूरिक एसिड में बदलने लगता है। जिसके बाद यूरिक एसिड हड्डियों के बीच में इकट्ठा होने लगता है।

India TV Lifestyle Desk Written by: India TV Lifestyle Desk
Published on: April 19, 2021 21:40 IST
uric acid - India TV Hindi
Image Source : INSTAGRAM/THEHEALTHMASTER19 यूरिक एसिड 

आज के समय में यूरिक एसिड का बढ़ना एक आम समस्या बन गई है। अनहेल्दी लाइफस्टाइल और खराब खानपान के कारण आज के समय में लोग कई गंभीर बीमारियों से जूझ हैं। शरीर में यूरिक एसिड का बढ़ना भी कई खतरनाक बीमारियों को जन्म देता है, जिसमें गठिया-बाय, गाउट, आर्थराइटिस जैसी समस्याएं शामिल हैं। 

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शरीर में यूरिक एसिड बढ़ने के कारण 

जब किडनी की फिल्टर करने की क्षमता कम हो जाती है, तो शरीर में मौजूद यूरिया, यूरिक एसिड  में बदलने लगता है। जिसके बाद यूरिक एसिड हड्डियों के बीच में इकट्ठा होने लगता है। बता दें सेल्स और खानपान की चीजों से शरीर में यूरिक एसिड बनता है। हालांकि, इसका ज्यादा हिस्सा किडनी द्वारा फिल्टर नहीं कर पाती, तो खून में इसका लेवल बढ़ने लगता है, जससे गाउट की समस्या पैदा हो सकती है। 

यूरिक एसिड के लक्षण 

शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा अगर बढ़ने लगती है, तो इससे पैरों और जोड़ो में दर्द। साथ ही एड़ियों में दर्द महसूस होता है। इसके अलावा गांठो में सूजन आने लगती है। इसके अलावा अगर आप एक ही स्थान पर कुछ समय के लिए बैठ जाएं, तो एडियों में तेज दर्द होने लगता है। हालांकि, कुछ समय बाद यह सामान्य भी हो जाता है। 

शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ने से ना सिर्फ पैरों, जोड़ों और ऊंगलियों की गांठों में सूजन आने लगती है। इसके अलावा तेज बुखार, अधिक प्यास लगना, शरीर में कंपन और जोड़ों में लालिमा जैसी समस्याएं भी होने लगती हैं। 

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सेब का सिरका

सेब का सिरका समग्र स्वास्थ्य के लिए काफी लाभदायक है। इसके लिए एक गिलास पानी में दो चम्मच सेब का सिरका मिलाकर दिन में दो बार इसका सेवन करें। दो हफ्ते तक सेब के सिरका का नियमित तौर पर सेवन करें। इसमें यूरिक कंट्रोल किया जा सकता है। 

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जैतून का तेल 

जैतून का तेल शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा को कंट्रोल करने के लिए एक बेहद गी कारगर आयुर्वेदिक दवा है। इसमें मौजूद विटामिट ई यूरिक को नियंत्रित करने में मदद करता है। ऐसे में अपने खाने में जैतून के तेल का इस्तेमाल करन चाहिए। 

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