इसका भी तरीका बिल्कुल अलग है। टोटो समुदाय के लड़के को जो लड़की पसंद आती है वो उसे रात के अंधेरे में लेकर भाग जाता है। फिर उसे अपने घर में रखता है। दोनों साथ-साथ रहते हैं और इस दौरान जब लड़की मां बन जाती है तब जाकर करीब सालभर बाद दोनों की शादी होती है।
परंपरा के हिसाब से यहां के लड़के अपने मामा की बेटी को लेकर भागते हैं और उन्हीं से शादी करते हैं।
इस जनजाति के लोगों ने ऐसी परंपरा की नींव अपने अस्तित्व को बचाने के लिए डाली जिससे ये जनजाति बची रहे। शादी का नियम बेहद सख्त है और इसे तोड़ने वालों को शादी में ज्यादा खर्च और पूजा-पाठ करना पड़ता है।
वहीं अगर कोई लड़की मां नहीं बन पाती है और लड़के-लड़की इस संबंध से छुटकारा चाहते हैं तो इसके लिए भी कायदा है। ऐसे युगल को इस संबंध से तभी मुक्त मिलती है जब वो सूअर की बलि दे दे।
लेकिन अपने बनाए रस्मो-रिवाज ने भी इनके लिए मुसीबत खड़ी कर दी है। इस समुदाय पर थैलिसीमिया मौत बनकर मंडराने लगा है।
अगली स्लाइड में पढ़िए जाने क्यो पड़ी यह परंपरा के बारें में..