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पाकिस्तान में पेट्रोल 10.20 रुपये सस्ता लेकिन अभी भी कीमत भारत से ढाई गुनी महंगी, जानें ताजा रेट

पाकिस्तान का वित्त विभाग आमतौर पर हर 15 दिन में ईंधन की कीमतों की समीक्षा करता है। विभाग ने ताजा मूल्य कटौती के लिए एक आधिकारिक अधिसूचना जारी की और कहा कि नई कीमतें अगले पखवाड़े तक लागू रहेंगी।

Edited By: Alok Kumar @alocksone
Published : Jun 15, 2024 15:00 IST, Updated : Jun 15, 2024 15:00 IST
Pakistan- India TV Paisa
Photo:AP पाकिस्तान

पाकिस्तान में महंगाई की मार झेल रहे लोगों को बड़ी राहत देते हुए सरकार ने ईद-उल-अजहा से पहले पेट्रोल और हाई-स्पीड डीजल (एचएसडी) की कीमतों में क्रमश: 10.20 पाकिस्तानी रुपये और 2.33 पाकिस्तानी रुपये प्रति लीटर की कटौती की है। एक्सप्रेस ट्रिब्यून अखबार ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री कार्यालय के एक बयान के हवाले से बताया कि कटौती के बाद पेट्रोल की कीमत 258.16 पाकिस्तानी रुपये प्रति लीटर और एचएसडी की कीमत 267.89 पाकिस्तानी रुपये प्रति लीटर होगी। कटौती शनिवार से प्रभावी है। अगर भारत से पेट्रोल और डीजल की कीमत की तुलना करें तो यह ढाई गुना अभी भी अधिक है।

आर्थिक तंगी के बीच कई बार बढ़ाई गई कीमत 

गंभीर आर्थिक तंगी से जूझ रहा पाकिस्तान ने टैक्स से इनकम बढ़ाने के लिए पिछले कुछ साल में कई बार पेट्रोल और डीजल के दाम में इजाफा किया था। जनता एक ओर कम कमाई से जूझ रही है। वहीं, दूसरी ओर ईंधन से लेकर खानेपीने के सामान काफी महंगे हो गए हैं। आपको बता दें कि पाकिस्तान में सिर्फ पेट्रोल और डीजल ही नहीं, बल्कि आटा, दाल, चावल, चीनी, गैस और चाय व दूध के दाम भी आसमान छू रहे हैं। इससे आम जनता की हालत खराब हो गई है। 

हर 15 दिन पर होती है समीक्षा 

पाकिस्तान का वित्त विभाग आमतौर पर हर 15 दिन में ईंधन की कीमतों की समीक्षा करता है। विभाग ने ताजा मूल्य कटौती के लिए एक आधिकारिक अधिसूचना जारी की और कहा कि नई कीमतें अगले पखवाड़े तक लागू रहेंगी। 

पाकिस्तान में 9.8 करोड़ जनता गरीबी रेखा से नीचे

पाकिस्तान में लगभग 9.8 करोड़ जनता गरीबी रेखा के नीचे हैं। इसके साथ गरीबी की दर लगभग 40 प्रतिशत पर बनी हुई है। विश्व बैंक की रिपोर्ट के अनुसार, गरीबी रेखा के ठीक ऊपर रह रहे लोगों के नीचे आने के जोखिम को बताया गया है। इसके तहत एक करोड़ लोगों के गरीबी रेखा के नीचे आने का जोखिम है। विश्व बैंक ने कहा कि गरीबों और हाशिये पर खड़े लोगों को कृषि उत्पादन में अप्रत्याशित लाभ से फायदा होने की संभावना है। लेकिन यह लाभ लगातार ऊंची महंगाई तथा निर्माण, व्यापार तथा परिवहन जैसे अधिक रोजगार देने वाले क्षेत्रों में सीमित वेतन वृद्धि से बेअसर होगा।

महंगाई दर 30% से ऊपर

रिपोर्ट में कहा गया है कि इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही के दौरान दिहाड़ी मजदूरों की मजदूरी केवल पांच प्रतिशत बढ़ी जबकि मुद्रास्फीति 30 प्रतिशत से ऊपर थी। विश्व बैंक ने आगाह किया कि बढ़ती परिवहन लागत के साथ-साथ जीवन-यापन खर्च बढ़ने के कारण स्कूल न जाने वाले बच्चों की संख्या में वृद्धि की आशंका है। साथ ही इससे किसी तरह गुजर-बसर कर रहे परिवारों के लिए बीमारी की स्थिति में इलाज में देरी हो सकती है।

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