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रेल हादसों में 45 पैसे प्रीमियम वाला यह इंश्योरेंस देता है बड़ा सहारा, जानें कितनी मिलती है मदद

ऐसे हादसों के समय में इस पॉलिसी के तहत मिलने वाला कवर इंश्योरंस कंपनी की तरफ से उन घायल या इसके शिकार हुए पैसेंजर्स को उनकी स्थिति के मुताबिक दी जाती है।

Edited By: Sourabha Suman @sourabhasuman
Published : Jun 17, 2024 13:55 IST, Updated : Jun 17, 2024 14:25 IST
ऑनलाइन बुकिंग के वक्त यह इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदना ऑप्शनल होता है। - India TV Paisa
Photo:FREEPIK ऑनलाइन बुकिंग के वक्त यह इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदना ऑप्शनल होता है।

पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग में एक्सप्रेस ट्रेन पर मालगाड़ी ने सोमवार को पीछे से टक्कर मारी जिससे 15 पैसेंजर्स की मौत हो गई। ऐसे हादसों में ही टिकट बुक कराते समय 45 पैसे देकर खरीदी गई ट्रैवल इंश्योरेंस पॉलिसी एक बड़ी मददगार के तौर पर अपनी भूमिका निभाती है। हालांकि, ऑनलाइन बुकिंग के वक्त यह इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदना ऑप्शनल होता है। ऐसे हादसों के समय में इस पॉलिसी के तहत मिलने वाला कवर इंश्योरंस कंपनी की तरफ से उन घायल या इसके शिकार हुए पैसेंजर्स को उनकी स्थिति के मुताबिक दी जाती है।

कितने का मिलता है ट्रैवल इंश्योरेंस कवर

आईआरसीटीसी के मुताबिक, रेल हादसों में अगर 45 पैसे वाली ट्रैवल पॉलिसी होल्ड करने वाले पैसेंजर की मृ्त्यु हो जाती है तो 10 लाख रुपये इंश्योरेंस कंपनी की तरफ से उस पैसेंजर के परिजन (नॉमिनी) को दी जाती है। अगर पैसेंजर की कुल विकलांगता स्थायी तौर पर हो गई हो तब भी 10 लाख रुपये मिलते हैं। अगर स्थायी आंशिक विकलांगता हो गई हो तो  7,50,000 रुपये मिलेंगे। इसके अलावा, चोट लगने पर अस्पताल में भर्ती होने का खर्च 2,00,000 रुपये मिलेगा और पार्थिव शरीर का परिवहन करने के लिए 10,000 रुपये मिलते हैं।

ट्रैवल इंश्योरेंस के लिहाज से एक्सीटें की परिभाषा

जब रेलवे के संचालन के दौरान कोई दुर्घटना घटित होती है, जो या तो यात्रियों को ले जाने वाली ट्रेनों के बीच टक्कर होती है या किसी ट्रेन या यात्री ले जाने वाली रेलगाड़ी के किसी भाग का पटरी से उतर जाना या अन्य दुर्घटना होती है। दूसरा, जब रेलवे के संचालन के दौरान यात्रियों को ले जाने वाली रेलगाड़ी (रेलगाड़ी का कोई भाग) में या प्रारंभिक स्टेशन से प्रस्थान करने और गंतव्य स्टेशन पर रेलगाड़ी के आगमन के दौरान कोई अप्रिय घटना घटित होती है।

क्लेम को लेकर समझना है जरूरी

आईआरसीटीसी के मुताबिक, इस ट्रैवल पॉलिसी के तहत देय लाभ आखिरी जरूरी डॉक्यूमेंट हासिल होने के 15 दिनों के भीतर भुगतान किए जाते हैं। अगर किसी दायित्व का उल्लंघन होता है तो बीमा कंपनी बीमा लाभ का भुगतान करने के किसी भी दायित्व के लिए जिम्मेदार नहीं है। इस पॉलिसी के तहत सभी क्लेम भारतीय मुद्रा में दिए जाते हैं।

बीमा कंपनी बीमाधारक द्वारा निपटान के प्रस्ताव को स्वीकार करने पर, लेकिन स्वीकृति की तारीख से 7 दिनों से अधिक भुगतान में देरी होने पर, इस पॉलिसी के तहत भुगतान की गई या देय राशि के लिए, जिस वित्तीय वर्ष में दावे की समीक्षा की जाती है, उसके आरंभ में प्रचलित बैंक दर से 2% अधिक ब्याज का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी होती है। इंश्योरेंस पीरियड के भीतर अस्पताल में भर्ती होने के संबंध में पॉलिसी के एक्सपायर की तारीख से 365 दिनों से अधिक कोई दावा स्वीकार्य नहीं होता है। साथ ही अगर दावा धोखाधड़ीपूर्ण है या धोखाधड़ी के साधनों द्वारा समर्थित है, तो पॉलिसी के तहत कोई देयता स्वीकार नहीं की जाती है।

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