
IPO में पैसा लगाने वाले निवेशकों के लिए अच्छी खबर है। आने वाले समय में वे आईपीओं में आवंटित शेयर को स्टॉक मार्केट में लिस्ट होने से पहले ही बेच पाएंगे। दरअसल, पूंजी बाजार नियामक SEBI एक ऐसी प्रणाली शुरू करने पर विचार कर रहा है, जहां निवेशक आरंभिक सार्वजनिक पेशकश (IPO) में शेयर आवंटित होते ही उन्हें बेच सकते हैं। सेबी की चेयरपर्सन माधवी पुरी बुच ने मंगलवार को यह जानकारी देते हुए कहा कि अनाधिकृत बाजार की गतिविधियों (unauthorized market activities) को रोकने के लिए ऐसा किया जा रहा है। उन्होंने यह घोषणा भी की कि दो शीर्ष प्रॉक्सी सलाहकार फर्म एक पोर्टल शुरू करने वाली हैं, जो संबंधित पार्टी लेनदेन के लिए भंडार की तरह काम करेगा और हितधारकों के लिए कंपनी में संचालन मानकों का आकलन करने में उपयोगी होगा।
गैरकानूनी मार्केट को रोकने की तैयारी
गौरतलब है कि हाल के दिनों में कई आईपीओ में बहुत अधिक सब्सक्रिप्शन देखा गया है और कई बार शेयरों के सूचीबद्ध होने के दिन निवेशकों को भारी लाभ हुआ है। ऐसे में अनाधिकृत बाजार की गतिविधियां भी बढ़ी हैं, जहां आवंटन की स्थिति में पहले से तय शर्तों के आधार पर शेयरों को बेचा जा सकता है। बुच ने यहां एसोसिएशन ऑफ इन्वेस्टमेंट बैंकर्स ऑफ इंडिया (एआईबीआई) के एक कार्यक्रम में कहा कि हमें लगता है कि अगर निवेशक ऐसा करना चाहते हैं, तो उन्हें उचित विनियमित तरीके से यह अवसर क्यों नहीं दिया जाए? उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि विचार यह है कि जो भी गैरकानूनी बाजार चल रहा है, हमें लगता है कि वह सही नहीं है। अगर आपको आवंटन मिला है और आप अपना अधिकार बेचना चाहते हैं, तो इसे संगठित बाजार में बेचें।
आईपीओ बूम को कंट्रोल करने की तैयारी
यह टिप्पणी भारत में आईपीओ बूम के बीच आई है। एनालिटिक्स फर्म प्राइम डेटाबेस के आंकड़ों के अनुसार, 2024 में 91 बड़ी फर्में सार्वजनिक हुईं, जिन्होंने आईपीओ के जरिये रिकॉर्ड ₹1.6 खरब जुटाए। उनकी टिप्पणी भारत के पूंजी बाजारों में गैरकानूनी तरीके को रोकना और सही प्रैक्टिस को बढ़ावा देना है। उन्होंने कहा कि निवेशकों का भरोसा सेबी के केंद्र में है। बुच ने इस बात पर जोर दिया कि जोखिमों को कम करने के लिए पारदर्शिता और सही तरीका आईपीओ चरण से ही शुरू होने चाहिए।