मध्य प्रदेश में स्थित ग्वालियर के सिंधिया राजघराने से ताल्लुक रखने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया सूबे में कांग्रेस के एक असरदार नेता के रूप में उभरे हैं। उनके पिता माधवराव सिंधिया भी कांग्रेस के बड़े नेताओं में गिने जाते थे, लेकिन एक दुर्घटना में हुई उनकी असमय मृत्यु ने ज्योतिरादित्य को राजनीति की दुनिया में ला खड़ा किया। सिंधिया का जन्म 1 जनवरी 1971 को मुंबई (तब बंबई) में हुआ था। उन्होंने 1993 में हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से अर्थशास्त्र में ग्रैजुएशन किया और 2001 में स्टैनफर्ड ग्रैजुएट स्कूल ऑफ बिजनस से एमबीए की पढ़ाई पूरी की। वह अब गुना लोकसभा सीट से सांसद हैं और पार्टी के असरदार युवा चेहरों में गिने जाते हैं। सिंधिया पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं। 2018 के मध्य प्रदेश विधानसभा चुनावों में सिंधिया कांग्रेस की तरफ से मुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदारों में से हैं। कांग्रेस की जीत की सूरत में सूबे का मुखिया बनने के लिए सिंधिया को कमलनाथ और दिग्विजय सिंह जैसे नेताओं से पार पाना होगा।
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