Tuesday, May 20, 2025
Advertisement
  1. Hindi News
  2. राशिफल
  3. Varuthini Ekadashi: 24 अप्रैल को रखा जाएगा वरुथिनी एकादशी का व्रत, जानें पूजा विधि और शुभ मुहूर्त

Varuthini Ekadashi: 24 अप्रैल को रखा जाएगा वरुथिनी एकादशी का व्रत, जानें पूजा विधि और शुभ मुहूर्त

Varuthini Ekadashi: वरुथिनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा की जाती है। इस दिन श्रद्धापूर्वक रखा गया व्रत आपकी मनोकामनाओं को पूरा करता है। पूजा करने के लिए इस दिन शुभ मुहूर्त कब से कब तक रहेगा आइए जानते हैं।

Written By: Naveen Khantwal
Published : Apr 23, 2025 11:50 IST, Updated : Apr 23, 2025 11:50 IST
Varuthini Ekadashi
Image Source : SOCIAL वरुथिनी एकादशी 2025

Varuthini Ekadashi: वरुथिनी एकादशी का व्रत वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को रखा जाता है। इस दिन व्रत रखने से पुण्य फलों की प्राप्ति भक्तों को होती है। साल 2025 में 24 अप्रैल को वरुथिनी एकादशी का व्रत रखा जाएगा। पूजा-पाठ के साथ ही मंत्रों का जप, दान और ध्यान करने से भी शुभ फलों की प्राप्ति भक्तों को होती है। पूजा करने के लिए इस दिन शुभ मुहूर्त कब से कब तक रहेगा और किस विधि से आपको पूजन करना चाहिए, आइए जानते हैं। 

वरुथिनी एकादशी के दिन पूजा का शुभ मुहूर्त 

प्रत्येक वर्ष वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि पर वरुथिनी एकादशी का व्रत रखा जाता है। पंचांग के अनुसार 23 अप्रैल के दिन शाम 4 बजकर 43 मिनट से एकादशी शुरू होगी वहीं 24 अप्रैल को दोपहर 2 बजकर 32 मिनट पर इसका समापन होगा। उदयातिथि की मान्यता के अनुसार 24 अप्रैल को ही वरुथिनी एकादशी का व्रत रखा जाएगा। 

पूजा का शुभ मुहूर्त- वरुथिनी एकादशी के दिन सुबह 5 बजकर 48 मिनट से 7 बजकर 26 मिनट तक पूजा के लिए शुभ समय रहेगा। इसके बाद सुबह 10 बजकर 40 मिनट से दोपहर 12 बजकर 20 मिनट के बीच भी आप पूजा कर सकते हैं। शाम की पूजा के लिए 6 बजकर 52 मिनट से 8 बजकर 14 मिनट का समय शुभ रहेगा। एकादशी के व्रत का पारण द्वादशी तिथि पर किया जाता है, इसलिए 25 अप्रैल की सुबह आपको व्रत का पारण करना चाहिए। 

वरुथिनी एकादशी पूजा विधि

वरुथिनी एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठकर आपको स्नान ध्यान करना चाहिए। इसके बाद पीले रंग के वस्त्र धारण करके पूजा आरंभ करनी चाहिए। इस दिन विष्णु भगवान को पीले फूल, चंदन, खीर, पंजीरी, तुलसी के पत्ते अर्पित आपको करने चाहिए। पूजा का शुभारंभ  'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय' मंत्र का जप करते हुए करें। इसके बाद वरुथिनी एकादशी व्रत की कथा का पाठ करें। अंत में भगवान विष्णु की आरती पढ़ें और प्रसाद लोगों में बांटें। श्रद्धापूर्वक इस दिन पूजन करने से आपको ईश्वर का आशीर्वाद और मानसिक शांति की प्राप्ति होती है। व्रत रखने वालों को इस दिन दिन के समय सोने से बचना चाहिए और धार्मिक पुस्तकों का अध्ययन करना चाहिए। 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इंडिया टीवी इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है। इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है।)

ये भी पढ़ें-

Vaishakh Amavasya 2025: वैशाख अमावस्या पर राशि के अनुसार कर दें इन चीजों का दान, बन जाएगी हर बिगड़ी बात

Akshaya Tritiya 2025: अक्षय तृतीया पर बनेंगे 2 शुभ योग, वृषभ समेत इन 3 राशियों की होगी चांदी ही चांदी

 

 

 

More Rashifal News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। News in Hindi के लिए क्लिक करें राशिफल सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement