
Matangi Jayanti 2025: आज अक्षय तृतीया के दिन दस महाविद्याओं में से एक देवी मातंगी की जयंती मनाई जाती है। इनकी कृपा से सब तरह की सिद्धियों को प्राप्त किया जा सकता है। साथ ही किसी तरह के वशीकरण और संगीत के क्षेत्र में तरक्की पाने के लिये भी देवी मां की पूजा बड़ी ही लाभकारी है। लिहाजा आज के दिन हम आपको मंत्र महार्णव में दिये देवी मातंगी के 32 अक्षरों के उस मंत्र के बारे में बतायेंगे, जिससे आप बहुत-सी सिद्धियां हासिल कर सकते हैं। हालांकि, इस मंत्र का जप सही विधि से आपको करना चाहिए।
देवी मातंगी का मंत्र
ऊँ ह्री ऐं श्रीं नमो भगवति उच्छिष्ट चाण्डालि श्री मातङ्गेश्वरि सर्वजन वशंकरि स्वाहा।
मंत्र जप की विधि
इस मंत्र का पुरश्चरण वैसे तो दस हजार जप है, लेकिन जो लोग इतना जप ना कर पाये, वो केवल एक हजार मंत्रों का जप करके भी लाभ उठा सकते हैं। इसके लिये सबसे पहले आपको देवी मातंगी की मानसिक रूप से धूप-दीप, पुष्प आदि से विधिपूर्वक पूजा करनी चाहिए, यानि मन ही मन देवी मां का ध्यान करते हुए ठीक इस प्रकार पूजा करनी चाहिए जैसे कि आप साक्षात देवी मां की मूर्ति की ही पूजा कर रहे हों। इस प्रकार पूजा के बाद आपको आसन पर बैठकर देवी मातंगी के मंत्र का कम से कम एक हजार बार जप करना चाहिए, लेकिन अगर स्वास्थ्य कारणों से आपके लिये इतने मंत्र का जप करना भी मुश्किल हो, तो आप केवल 108 मंत्रों का जप भी कर सकते हैं। इस प्रकार जप के बाद मधु, यानि शहद से युक्त महुए के फूलों से आपको हवन करना चाहिए। फिर ब्राह्मण को भोजन कराना चाहिए। इस प्रकार आपका मंत्र सिद्ध हो जायेगा। अब आप उसका प्रयोग भी कर सकते हैं। इस मंत्र को सिद्ध करने से देवी मातंगी आपकी मनोकामनाओं को पूरा करती हैं।
मातंगी देवी से जुड़ी रोचक बातें
मातंगी माता संगीत, वाणी और कला की देवी मानी जाती है। मतंग ऋषि की पुत्रि होने के कारण इनका नाम मातंगी पड़ा। हर वर्ष वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को इनकी जयंती मनाई जाती है। इन्हें माता सरस्वती का तांत्रिक रूप भी माना जाता है। भारत के आदिवासी समाज के लोग इस देवी की पूजा करते हैं। इसके साथ ही बौद्ध धर्म के लोग भी देवी मातंगी में आस्था रखते हैं। मातंगी माता इंद्रजाल और हर प्रकार के जादू-टोने के प्रभाव को दूर करती हैं।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इंडिया टीवी इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है। इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है।)
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