धार भोजशाला मसले से जुड़े एक हिंदू पक्षकार ने दावा किया है कि देवी सरस्वती के मंदिर के गर्भगृह के दाहिनी ओर एक तहखाने में संस्कृत शिलालेख के अलावा भगवान हनुमान की प्रतिमा सरीखी धार्मिक वस्तुएं और प्रतीक चिह्न पाए गए हैं।
एएसआई के संरक्षित ऐतिहासिक भोजशाला परिसर को हिन्दू वाग्देवी (सरस्वती) का मंदिर मानते हैं, जबकि मुस्लिम समुदाय इसे कमाल मौला की मस्जिद बताता है। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के आदेश के मुताबिक ASI ने आज भोजशाला परिसर का वैज्ञानिक सर्वेक्षण शुरू कर दिया है।
मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के आदेश के मुताबिक भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) धार के विवादास्पद भोजशाला परिसर का वैज्ञानिक सर्वेक्षण शुक्रवार अलसुबह से शुरू करेगा।
सिमरन गुप्ता ने आपत्तिजनक टिप्पणी करते हुए कहा था कि ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती कथित तौर पर एक ‘‘बलात्कारी’’ और ‘‘आतंकवादी’’ थे और दरगाह का ‘जन्नती दरवाजा’ वास्तव में एक प्राचीन शिव मंदिर को तोड़कर बनाया गया था।
एएसआई की सर्वे रिपोर्ट सामने आने के बाद कई खुलासे हुए हैं। वकील विष्णु शंकर जैन ने गुरुवार को इसकी जानकार दी है। साथ ही उन्होंने एएसआई की सर्वे रिपोर्ट के हवाले से कहा है कि यह स्पष्ट हो गया है कि यहां पर एक भव्य हिंदू मंदिर था, जिसे तोड़कर मस्जिद बनाया गया है।
ज्ञानवापी मस्जिद मामले में ASI की ओर से कुल 839 पन्नों की रिपोर्ट दाखिल की गई है। रिपोर्ट में साफ कहा गया है कि मौजूदा ढांचे के निर्माण से पहले वहां एक बड़ा हिंदू मंदिर मौजूद था।
वाराणसी से ज्ञानवापी पर बड़ी खबर है। एएसआई की रिपोर्ट का हवाला देते हुए हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने दावा किया है कि ज्ञानवापी में प्राचीन मंदिर के खंभों की पुष्टि हुई है।
वाराणसी के विवादित ज्ञानवापी मामले में सर्वे का काम पूरा किया जा चुका है। वहीं आज के दिन सर्वे रिपोर्ट को कोर्ट में पेश किया जाना था, लेकिन रिपोर्ट पेश करने से पहले एएसआई के अधिवक्ता ने कोर्ट से एक सप्ताह का और समय मांगा है।
वाराणसी कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष द्वारा दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए अहम आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा कि ज्ञानवापी परिसर पर सर्वेक्षण को लेकर किसी तरह की मीडिया कवरेज न की जाए।
GYANVAPI SURVEY UPDATE: वाराणसी स्थित ज्ञानवापी परिसर में आज एएसआई के सर्वे का चौथा दिन है। चौथे दिन के सर्वे के लिए ASI टीम ज्ञानवापी पहुंच गई है।
ज्ञानवापी परिसर में एएसआई सर्वे का आज तीसरा दिन है। आईआईटी के विशेषज्ञों के साथ एएसआई की टीम सर्वे कर रही है।
ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में एएसआई सर्वे को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान सीजेआई ने कहा कि अयोध्या मामले में भी ASI का सर्वे हुआ था और हम सबूतों के मामले में सभी ऑप्शन खुले रखेंगे।
इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के बाद ज्ञानवापी में एएसआई का सर्वे शुरू हो चुका है।क्या ASI के सर्वे से ज्ञानवापी का सच आएगा सामने? यह जानने के लिए इंडिया टीवी ने एक पोल किया जिसके नतीजे कुछ इस प्रकार रहे।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस बाबत अपने फैसले में कहा था कि न्याय के हित में यह जरूरी है कि ज्ञानवापी का सर्वे कराया जाए। गौरतलब है कि वाराणसी जिला अदालत ने ज्ञानवापी के सर्वे का आदेश जारी किया था।
ज्ञानवापी परिसर में कल सुबह सात बजे से एएसआई की टीम सर्वे का काम शुरू कर देगी। आज रात टीम वाराणसी पहुंच जाएगी।
दिल्ली में एएसआई की मीटिंग के बाद ही ज्ञानवापी में सर्वे की तारीख को लेकर फैसला लिया जाएगा।
अदालत इस बाबत 3 अगस्त को फैसला सुनाने वाली है। मुख्य न्यायधीश प्रीतिंकर दिवाकर की अदालत ने इस मामले पर कहा कि तीन अगस्त तक एएसआई सर्वेक्षण पर लगी रोक बरकरार रहेगी।
वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर में एएसआई को सर्वेक्षण करना है। कोर्ट के आदेश के बाद एएसआई की टीम के साथ जीपीआर टेक्नोलॉजी के माध्यम से सर्वे करने के लिए आईआईटी कानपुर की टीम ज्ञानवापी परिसर जाएगी।
ज्ञानवापी परिसर में एएसआई सर्वे पर फिलहाल 3 अगस्त तक रोक जारी रहेगी। इलाहाबाद हाईकोर्ट 3 अगस्त को इस मामले में फैसला सुनाएगा।
ज्ञानवापी परिसर के एएसआई सर्वे को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई जारी है। हाईकोर्ट आज इस पर कोई आदेश दे सकता है।
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