केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया और विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री जितेंद्र सिंह ने मेड-इन-इंडिया वैक्सीन iNCOVACC को लॉन्च किया।
यह वैक्सीन जनवरी के चौथे सप्ताह से बाजार में उपलब्ध होगी। इस वैक्सीन का इस्तेमाल 18 साल से ज्यादा उम्र के लोग बूस्टर डोज के तौर पर कर सकेंगे। यह दुनिया की पहली कोविड नेजल वैक्सीन है जिसे इस्तेमाल की मंजूरी मिली है।
India Intranasal Corona Vaccine: कोरोना महामारी का दंश झेल रहे देश और दुनिया के लोगों के लिए भारत ने फिर से उम्मीद की एक नई किरण जगाई है। भारत बायोटेक द्वारा निर्मित दुनिया की पहली इंट्रानेजल कोविड वैक्सीन के आपात इस्तेमाल की अनुमति मिल गई है।
अमेरिका की फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने भारत बायोटेक द्वारा विकसित कोरोना का टीका कोवैक्सीन (Covaxin) के दूसरे और तीसरे चरण के क्लिनिकल ट्रायल पर रोक लगी दी है। अमेरिका और कनाडा के लिए भारत बायोटेक की पार्टनर कंपनी Ocugen Inc ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार एम्स दिल्ली समेत पांच स्थानों पर परीक्षण किया जाएगा। भारत बायोटेक ने दिसंबर में डीसीजीआई से इंट्रानेजल कोविड-19 टीके का उन प्रतिभागियों पर तीसरे चरण का अध्ययन करने की अनुमति मांगी थी जिन्हें पहले सार्स-सीओवी 2 टीके लग चुके हों।
भारत बायोटेक को पहले ही वियतनाम में यूईएल मिल चुका है। भारत बायोटेक को वियतनाम के दूतावास द्वारा नेशनल असेंबली के अध्यक्ष के साथ बैठक के लिए आमंत्रित किया गया था, ताकि सहयोग, आपूर्ति और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण की संभावनाओं पर चर्चा की जा सके।
भारत बायोटेक के चेयरमैन कृष्णा एल्ला ने एक बयान में कहा, ‘‘हमारे उत्पाद विकास और नैदानिक परीक्षणों के आंकड़ों को दस समीक्षा पत्रिकाओं में प्रकाशित किया गया है, जो कोवैक्सिन को दुनिया में सबसे अधिक प्रकाशित कोविड-19 टीकों में से एक बनाती है।’’
कोवैक्सीन को विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से मंजूरी मिलने में देरी हो रही है। इस बार फिर तकनीकी सलाहकार समूह ने भारत बायोटेक से अतिरिक्त दस्वावेजों की माग की है। अब इसपर आखिरी फैसला तीन नवंबर को होगा।
डब्ल्यूएचओ का यह ट्वीट उसकी मुख्य वैज्ञानिक सौम्या स्वामीनाथन के यह कहने के एक दिन बाद आया है कि एजेंसी का तकनीकी सलाहकार समूह 26 अक्टूबर को भारत के कोवैक्सीन को आपातकालीन उपयोग सूची में सूचीबद्ध करने पर विचार करने के लिए बैठक करेगा।
कोवैक्सीन को डब्लूएचओ की मंजूरी मिलने की खबरें पहले भी आई हैं। जुलाई में ही बताया गया था कि कोवैक्सीन को अगले कुछ हफ्तों में हरी झंडी मिलने वाली है। हालांकि, तब ऐसा नहीं हुआ।
भारत बायोटेक के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक (सीएमडी) कृष्णा इल्ला ने रविवार को कहा कि भारत ने कोविड-19 के टीकों की वहनीयता और लोगों तक पहुंच के मामले में दुनिया के किसी भी देश से बेहतर प्रदर्शन किया है।
क्लिनिकल पूर्व अध्ययनों में भी टीका सुरक्षित पाया गया था। पशुओं पर हुए अध्ययन में टीका एंटीबॉडी का उच्च स्तर बनाने में सफल रहा। कोविड-19 टीके के विकास के लिए मिशन कोविड सुरक्षा की शुरुआत की गई थी।
जैवप्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी) ने कहा कि 18 साल से 60 साल के आयुवर्ग के समूह में पहले चरण का क्लिनिकल परीक्षण पूरा हो गया है। उसने कहा, ‘‘भारत बायोटेक का नाक से दिया जाने वाला (इन्ट्रानेजल) टीका पहला नेजल टीका है जिसे दूसरे और तीसरे चरण के परीक्षण के लिए नियामक की मंजूरी मिल गयी है।’’
ब्राजील ने भारत बायोटेक के कोविड-19 रोधी टीके कोवैक्सीन का क्लिनिकल ट्रायल निलंबित कर दिया है। दक्षिण अमेरिकी देश के स्वास्थ्य नियामक ने बताया कि वहां उसके साझेदार के साथ कंपनी का समझौता समाप्त किए जाने के बाद यह कदम उठाया गया है।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, दिल्ली AIIMS में अगले हफ्ते से बच्चों के कोवैक्सीन ट्रायल शुरू होंगे। 2 से 6 साल के बच्चों पर कोवैक्सीन का सेकेंड ट्रायल शुरू होगा।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) भारत बायोटेक के कोविड-19 रोधी टीके कोवैक्सीन को आपात उपयोग की सूची (ईयूएल) में शामिल करने पर फैसला चार से छह सप्ताह में कर सकता है।
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के प्रमुख डॉ.रणदीप गुलेरिया ने कहा कि बच्चों के लिये कोविड-19 टीकों की उपलब्धता एक महत्वपूर्ण उपलब्धि होगी और इससे स्कूल खुलने तथा उनके लिए बाहर की गतिविधियों के लिये मार्ग प्रशस्त होगा।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) से कोवैक्सीन को जल्द मंजूरी दिलाने के लिए उनके हस्तक्षेप का आग्रह किया।
भारत बायोटेक द्वारा जारी बयान में कहा गया कि भारत सरकार को 150 रुपये/खुराक पर कोवैक्सिन का आपूर्ति मूल्य, एक गैर-प्रतिस्पर्धी मूल्य है और स्पष्ट रूप से लंबे समय में वहनीय नहीं है।
देशभर के विभिन्न निजी अस्पतालों ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित की गई नई नीति के तहत कोविड-19 रोधी टीकों की खरीद को लेकर कोई स्पष्टता नहीं है और इसकी वजह से उनके केंद्रों पर टीकाकरण स्थगित करना पड़ा है।
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