बजट में कृषि क्षेत्र के लिए की गई घोषणाओं पर आयोजित वेबिनार में PM मोदी देशवासियों को संबोधित किया, पीएम ने कहा कि, "लगातार बढ़ते कृषि उत्पादन के बीच 21वीं सदी में भारत को पोस्ट हार्वेस्ट क्रांति या फिर फूड प्रोसेसिंग क्रांति और वेल्यू एडिशन की आवश्यकता है"।
स्मृति ईरानी ने बजट सम्मलेन 2021 के मौके पर इंडिया टीवी खास बातचीत की। स्मृति ईरानी ने ममता बनर्जी द्वारा केंद्र सरकार पर लगाए आरोपों पर जवाब देते हुए कहा कि अगर ममता बनर्जी को गरीबों और आम आदमी की इतनी फ़िक्र थी तो उन्होंने पश्चिम बंगाल में अभी तक आयुष्मान भारत योजना लागू क्यों नहीं की, उन्हें इसका जवाब देना चाहिए।
किसानों के आंदोलन में कुछ एंटी सोशल एलिमेंट घुस गए हैं। लाल किले पर जो कुछ भी हुआ उससे किसान संगठनों का भी नुकसान हुआ है। किसान संगठनों के प्रति लोगों की सहानुभूति कम हुई है।
नितिन गडकरी ने कहा कि हम देश के किसानों को बताना चाहते हैं कि एमएसपी रद्द नहीं होनेवाली है। हमने स्वामीनाथ की रिपोर्ट लागू की है। साढ़े तीन लाख करोड़ मार्केट प्राइस और एमएसपी के अंतर पर किसानों पर खर्च किया है। क्या यह किसी उद्य़ोगपति के लिए है? एक लाख करोड़ एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर सुधारने के लिए दिया।क्या यह किसी उद्य़ोगपति के लिए है?नितिन गडकरी ने स्पष्ट तौर पर कहा कि सरकार किसानों के विरोध में नहीं है।
स्मृति ईरानी ने केंद्रीय बजट 2021 को लेकर इंडिया टीवी खास बातचीत की। स्मृति ईरानी ने कहा कि विपक्ष बजट पर झूठी बातों को फैलाने का प्रयास कर रहा है। साल 2020 आसान साल नहीं था। कल बजट में वित्त मंत्री ने टैक्स के रूप में जनता पर एक पैसे का बोझ नहीं डाला है। उन्होंने साथ में यह भी कहा कि बजट में किसानों, ग्रामीणों के लिए योजनाएं हैं विपक्ष इससे क्यों परेशान हैं, ये मेरी समझ से परे है।
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि देश के कुछ मुद्दे ऐसे हैं जिनका राजनीतिकरण नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि देशहित, किसान हित और गरीबों के हित वाले मुद्दों पर राजनीति नहीं करनी चाहिए। नितिन गडकरी ने इंडिया टीवी बजट सम्मेलन में किसान आंदोलन से जुड़े एक सवाल का जवाब देते हुए ये बातें कही।
पेंशन के भुगतान के लिए परिव्यय सहित रक्षा बजट 2021-22 के लिए 4.78 लाख करोड़ रुपये तक बढ़ा दिया गया, जबकि पिछले साल के 4.71 लाख करोड़ रुपये था। पेंशन बहिर्गमन को छोड़कर, सशस्त्र बलों के लिए केंद्रीय बजट में आवंटन 3.62 लाख करोड़ रुपये है।
सरकार के लिए अब विनिवेश कमाई का प्रमुख स्रोत बन गया है। कोरोना की वजह से मौजूदा वित्त वर्ष में तो कुछ खास विनिवेश हो नहीं पाया, इसलिए इस बजट में सरकार आक्रामक तरीके से विनिवेश लक्ष्य तय कर सकती है। आम लोगों की रुचि खासकर इसमें होगी कि एलआईसी का कितना हिस्सा सरकार बेचती है और उसकेआईपीओ के बारे में क्या प्रगति होती है।
अच्छी खबर यह है कि टैक्स स्लैब और कर की दरें एक समान रहीं। वरिष्ठ नागरिकों के लिए भी अच्छी खबर थी जो केवल पेंशन और ब्याज आय अर्जित करते हैं। उन्हें अब आयकर रिटर्न भरने से छूट दी जाएगी।
बजट में एक नया कृषि अवसंरचना एवं विकास उपकर लगाने की घोषणा की गई है, जिसका आम जनता पर असर नहीं पड़ेगा। इनकम टैक्स स्लैब में भी कोई बदलाव नहीं किया गया है। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने नई स्क्रैप पॉलिसी से होने वाले फायदों के बारे में जानकारी दी ।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा संसद में पेश किए गए आम बजट की खूब सराहना हो रही है। इसे आत्मनिर्भर भारत के लिए महत्वपूर्ण बजट बताया जा रहा है। इससे अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलने की संभावना जताई जा रही है। पूंजीगत व्यय, वरिष्ठ नागरिकों (75 वर्ष के ऊपर) को कर में छूट और स्टार्ट अप्स में प्रोत्साहन राशि दिए जाने सहित कुछ अन्य घोषणाओं का स्वागत किया जा रहा है।
इंडिया टीवी के साथ एक विशेष बातचीत में, भाजपा सांसद स्मृति ईरानी ने कहा कि, इस बजट को एक असाधारण परिस्थितियों में प्रस्तुत किया गया है और इन परिस्थितियों के बीच, आज का बजट भारत के आत्मविश्वास को प्रदर्शित करने वाला है।
विभिन्न वर्गों की जरूरतों के हिसाब से यह बजट संवेदनशील है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए योजनाबद्ध तरीके से एक रूपरेखा प्रस्तुत की है। यह पांच हजार अरब अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था के सरकार के वादे की दिशा में है। और भी कई अच्छी बाते हैं जिनमें अवसंरचना, कृषि और स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में सरकार द्वारा अपना खर्च बढ़ाया जाना शामिल है। वंचितों के सुरक्षा का दायरा बढ़ाया गया है और निजी निवेश के मौके भी बढ़ाए गए हैं।
इस बजट में 16.5 लाख करोड़ रुपये का ऋण किसानों को मिलेगा। APMC सशक्त हो सकेंगे, बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर वहां खड़े हो सकेंगे, इसके लिए 1 लाख करोड़ रुपये के इंफ्रास्ट्रक्टर फंड में APMC को शामिल किया गया है: कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर
बजट 2021 को एक अभूतपूर्व स्थिति में प्रस्तुत किया गया है। यह समावेशी है और भारत के सभी लोगों के कल्याण के लिए समर्पित है: भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने कार्यकाल का तीसरा आम बजट आज संसद में पेश कर दिया है। ये बजट देश का पहला पेपरलेस बजट था।
बजट में व्यापक रूप से रोजगार सृजन और ग्रामीण विकास पर खर्च को बढ़ाने, विकास योजनाओं के लिये उदार आवंटन, औसत करदाताओं के हाथों में अधिक पैसा डालने और विदेशी कर को आकर्षित करने के लिये नियमों को आसान किये जाने की उम्मीद की जा रही है।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा संसद में पेश किए गए आम बजट की खूब सराहना हो रही है। इसे आत्मनिर्भर भारत के लिए महत्वपूर्ण बजट बताया जा रहा है। इससे अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलने की संभावना जताई जा रही है। पूंजीगत व्यय, वरिष्ठ नागरिकों (75 वर्ष के ऊपर) को कर में छूट और स्टार्ट अप्स में प्रोत्साहन राशि दिए जाने सहित कुछ अन्य घोषणाओं का स्वागत किया जा रहा है।
बजट किसानों की आय बढ़ाने पर केंद्रित है, इस दिशा में कई उपाय किए गए हैं। किसान आसानी से ऋण प्राप्त कर सकेंगे। कृषि इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड की मदद से एपीएमसी बाजारों को मजबूत करने के लिए प्रावधान किए गए हैं: पीएम मोदी
लंबे समय से हम जो सपना देखते थे, वो सपना नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में साकार हुआ है। लोगों के स्वास्थ्य और कल्याण को केंद्र में जगह मिली है। स्वास्थ्य के क्षेत्र में निवेश 137% बढ़ा है, ये पिछले साल के अनुमानित बजट से 2.37 गुना ज़्यादा है: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री
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