सुप्रीम कोर्ट ने समान नागरिक संहिता कानून पर फिलहाल रोक लगाने से इनकार कर दिया है। वहीं केंद्र सरकार से तीन हफ्ते में जवाब मांगा है।
सुप्रीम कोर्ट आज नागरिकता संशोधन अधिनियम के प्रावधानों को लागू करने पर रोक लगाने की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई करेगा। CAA प्रावधान पारित होने के बाद से इस मामले पर शीर्ष अदालत में 230 से ज्यादा याचिकाएं दायर की गई हैं।
असम के गुवाहाटी युनिवर्सिटी में छात्रों के गुटों के बीच मारपीट का मामला सामने आया है। बताया जा रहा है कि सीएए विरोधी पोस्टर फाड़े जाने के बाद छात्रों के दो गुट आमने-सामने आ गए। इस मारपीट में कई छात्र घायल भी हुए हैं।
CAA लागू होने के बाद सोशल मीडिया पर पाकिस्तानी पीएम शाहबाज शरीफ का एक ट्वीट जमकर वायरल हो रहा है। इसमें दावा किया गया है कि पाकिस्तानी पीएम ने भारतीय मुस्लिमों को अपने यहां नागरिकता देने का ऐलान किया है।
भारतीय विदेश मंत्रालय ने सीएए पर अमेरिकी की टिप्पणी का करारा जवाब दिया है। प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि सीएए भारत का आंतरिक मामला है और इस पर अमेरिका की टिप्पणी पूरी तरह अनुचित है। विदेश मंत्रायल ने यह भी कहा कि अमेरिका की टिप्पणी गलत सूचना पर आधारित है।
हजरत बाबा ताजुद्दीन ट्रस्ट के अध्यक्ष प्यारे खान ने कहा कि इस कानून को गलत बताकर कई राजनीतिक दल अपनी रोटियां सेंक रहे हैं। सीएए बहुत अच्छा कानून है। इससे देश के मुसलमानों को कोई नुकसान नहीं है।
CAA देश में लागू हो चुका है, इसे लेकर कई राज्य में विरोध के सुर भी उठ रहे हैं। इसी बीच TMC के एक नेता ने इसे लेकर एक विवादित बयान दिया है। TMC नेता ने हिंदुओं को आतंकी कह दिया है।
दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि सरकार का पैसा हमारे टैक्स का पैसा है। इसे पाकिस्तानियों पर खर्च करना हमें मंजूर नहीं है। इससे पहले बुधवार को भी केजरीवाल ने सीएए पर बयान जारी किया था।
देश में सीएए कानून को लागू कर दिया गया है। इस बाबत असम के सीएम हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा कि नागरिकता संशोधन अधिनियम असम में पूरी तरह से निरर्थक है। असम से भारत की नागरिकात के लिए सब कम संख्या में लोग आवेदन करेंगे।
गृह मंत्री अमित शाह ने ममता बनर्जी को खुली चुनौती देते हुए कहा कि इस कानून की धारा में से एक धारा वे नागरिकता छीनने वाली बता दें, वे खौफ पैदा कर रही हैं। शाह ने कहा है कि CAA में किसी की नागरिकता लेने का प्रावधान नहीं है।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा कि हम सीएए पर कोई समझौता नहीं करने वाले हैं, इसे वापस नहीं लिया जाएगा। इस दौरान उन्होंने कहा कि मोदी सरकार जो कहती है उसे पूरा करने का काम भी करती है।
भारत सरकार की तरफ से जैसे ही CAA कानून को लागू किया गया, देश में मुसलमानों के बीच एक डर देखने को मिल रहा है। आखिर मुसलमानों के बीच CAA को लेकर क्या डर है?
इंडिया टीवी-CNX के ओपिनियन पोल में 62 प्रतिशत लोगों का मानना है कि सीएए लागू होने से बीजेपी को चुनावी फायदा मिलेगा। 24 फीसदी ऐसे लोग भी हैं जिन्होंने कहा कि चुनाव में बीजेपी को इसका कोई लाभ मिलने वाला नहीं है।
पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से सताए हुए शरणार्थियों को केंद्र सरकार ने बड़ी राहत देते हुए भारतीय नागरिकता देने का फैसला किया है। सरकार का कानून देश में लागू भी कर दिया गया है।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए CAA के विरोध में रैली करने वाली थीं लेकिन बुधवार सुबह यह घोषणा की गई कि मुख्यमंत्री केवल प्रशासनिक कार्यक्रमों में भाग लेंगी।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी CAA के मुद्दे पर बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की और कई बड़े बयान जारी किए हैं। केजरीवाल ने कहा कि सरकार को पहले अपने लोगों को रोजगार देना चाहिए।
महाराष्ट्र के पूर्व सीएम और शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे सीएए के मुद्दे पर कहा कि CAA सिर्फ एक चुनावी हथकंडा है। उन्होंने कहा कि आरोप लगाया कि भाजपा धर्मों के बीच भेदभाव पैदा करना चाहती है।
केंद्र सरकार ने यह साफ किया कि सीएए से भारतीय मुसलमानों को किसी तरह की चिंता करने की जरूरत नहीं है क्योंकि इस कानून का भारतीय मुसलमानों से कोई लेना-देना नहीं है
CAA का भारतीय नागरिकों से सरोकार नहीं हैं। इसमें किसी भी भारतीय की नागरिकता नहीं जाएगी। ये कानून सिर्फ पड़ोसी देशों में जुल्मों की शिकार अल्पसंख्यकों की मदद के लिए हैं। पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से भागकर भारत आने वाले हिन्दू, सिख, ईसाई, जैन, बौद्ध और पारसियों के लिए हैं।
आज तेलंगाना के हैदराबाद में अमित ने कहा कि देश की आजादी के समय संविधान निर्माताओं ने बांग्लादेश, अफगानिस्तान और पाकिस्तान छोड़ने वाले शरणार्थियों को वादा किया था कि उन्हें भारतीय नागरिकता दी जाएगी। उसे हम पूरा कर रहे। वहीं, ओवैसी ने इस पर अपनी बात कही है।
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