ANI के मुताबिक, 2 जनवरी तक भारत के 11 राज्यों से JN.1 वैरिएंट के कुल 511 मामले सामने आए हैं। इनमें सबसे ज्यादा 199 मामले कर्नाटक से सामने आए हैं।
देश में कोरोना संक्रमण से पिछले 24 घंटे में तीन लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। इसके साथ ही कोरोना के एक्टिव मरीजों की संख्या बढ़कर 4,309 हो गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने रविवार को यह जानकारी दी।
देश में पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस से छह संक्रमितों की मौत हो गई। कोविड-19 से महाराष्ट्र में दो, जबकि कर्नाटक, केरल, पश्चिम बंगाल और दिल्ली में एक-एक मरीज की मौत हुई है।
स्वास्थ्य विभाग और सरकार की ओर से लगातार बताया जा रहा है कि कोरोना के इस वैरिएंट के कारण चिंता की जरूरत नहीं है। हालांकि, लगातार बढ़ते मामलों के कारण लोगों में खौफ फैल रहा है।
सिंगापुर में कोविड-19 के मरीज लगातार बढ़ रहे हैं। इससे लोगों में दहशत बढ़ने लगी है। दुनिया के दूसरे देश भी कोरोना को लेकर सतर्क हो गए हैं। भारत में भी कोविड के मामले फिर से आने लगे हैं। इससे एक नई लहर की आशंका बढ़ती जा रही है।
कोरोना वायरस ने नए सब वैरिएंट JN.1 के दुनियाभर से मामले सामने आ रहे हैं। भारत में भी इसके मामलों में बढ़ोतरी हो रही है। इसके सबसे ज्यादा मामले केरल से सामने आ रहे हैं।
कोरोना का एक नया सब वैरिएंट JN-1 सामने आया है। इससे लोग संक्रमित हो रहे हैं और मौत भी हो रही है। यह नया वैरिएंट JN-1 दुनिया के 40 देशों में फैसल चुका है।
कोरोना एक बार फिर से नए रूप में वापसी कर चुका है। नए सब वैरिएंट JN-1 के देशभर से कई मामले सामने आ चुके हैं। इसके साथ ही इसकी वजह से कई मौतें भी हो चुकी हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने लोगों से सावधानी बरतने को कहा है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, केरल में पिछले 24 घंटों में कोरोना वायरस के 115 ताजा मामले दर्ज किए गए हैं। राज्य में कोरोना वायरस के कुल सक्रिय मामले 1,749 हो गए हैं।
साल 2019 में चीन से निकला कोविड-19 वायरस ने पूरी दुनिया को थाम दिया था। दुनियाभर में इससे संक्रमित होकर करोड़ों लोगों की मौत हुई थी। कई देशों की अर्थव्यवस्था तबाह हो गई थी और अब एक बार से इसका नया वैरिएंट सामने आने से लोगों की चिंता बढ़ गई है।
चीन में अचानक से एक रहस्यमयी बीमारी फेल गई है जिसके लक्षण निमोनिया जैसे हैं। यह बीमारी बच्चों को शिकार बना रही है। अब पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि क्या यह निमोनिया है या कोविड का नया वेरिएंट। भारत सरकार इसे लेकर अलर्ट मोड में है।
ऐसा अनुमान जताया जा रहा है कि जून महीने में चीन में कोरोना के 6.5 करोड़ केस सामने आ सकते हैं। वहीं चीनी के महामारी विशेषज्ञों ने जोर देकर कहा है कि देश को अस्पतालों में एंटी वायरल दवाओं की सप्लाई के लिए तैयार रहना चाहिए।
बीते 3 सालों से दिसंबर में सिर्फ कोरोना की बात होती है। ये साल भी यही हो रहा है। स्थिति यह है कि भारत में पिछले दो दिनों में 39 इंटरनेशनल यात्री कोविड पॉजिटिव पाए गए हैं और ये क्या मायने रखते हैं। जानते हैं।
कोरोना वायरस: कोरोना वायरस की स्थिति देश और दुनियाभर में तेजी से खराब हो रही है। जहां जापान में इस समय कोरोना की 8वीं लहर चल रही है वहीं, चीन में हर दिन 400 से 500 लोगों की मौत हो रही है।
चीन में कोरोना से हालात बेहद बुरे हैं। इसी बीच एक सरकारी दस्तावेज ने चीन में कोरोना के बर्बाद हालातों की हकीकत बयां कर दी है। बताया जा रहा है कि ये दस्तावेज लीक हो गए हैं, जिससे यह स्पष्ट हो रहा है कि चीन में 1 से 20 दिसंबर के बीच करीब 25 करोड़ लोग कोरोना संक्रमित हुए हैं।
Corona Infection in China: चीन ने कोरोना को लेकर अब तक का सबसे खतरनाक अनुमान लगाया है। ब्लूमबर्ग ने सरकार के शीर्ष स्वास्थ्य प्राधिकरण के अनुमान के अनुसार बताया कि चीन में लगभग 37 मिलियन लोग एक ही दिन में कोविड-19 से संक्रमित हो सकते हैं, जिससे देश का प्रकोप दुनिया का अब तक का सबसे बड़ा प्रकोप बन गया है।
लोकप्रिय चीनी गायक और गीतकार Jane Zhang ने जानबूझकर खुद को COVID-19 से संक्रमित कर लिया। इसे लेकर वह ऑनलाइन ट्रोल हो रही हैं।
Corona Back in China & World: वर्ष 2019 में चीन के वुहान से निकले कोरोना वायरस ने पिछले तीन-चार वर्षों के दौरान पूरी दुनिया में मौत का भीषण तांडव मचाया है। अब पिछले कुछ महीनों से दुनिया भर में कोरोना के केस लगभग नगण्य हो गए थे। मगर इसका खतरा एक बार फिर से बढ़ गया है।
PFI in Maharashtra: एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने दावा किया है कि पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) को कोविड-19 महामारी के दौरान उसके स्वयंसेवकों की ओर से किए गए कार्यों से महाराष्ट्र में अपना प्रभाव बढ़ाने में मदद मिली।
PM Cares Fund: अदालत ने जुलाई में केंद्र से सम्यक गंगवाल की याचिका पर ‘विस्तृत और पूर्ण’ जवाब दाखिल करने के लिए कहा था, जिसमें संविधान के अनुच्छेद-12 के तहत पीएम केयर्स फंड को ‘राजकीय’ घोषित करने का अनुरोध किया गया था, ताकि इसके कामकाज में पारदर्शिता सुनिश्चित हो सके।
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