दिल्ली सरकार शुक्रवार को कनॉट प्लेस के सेंट्रल पार्क में 51,000 दीये जलाकर 'दीये जलाओ, पटाखे नहीं' अभियान शुरू करेगी।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि दूसरों के स्वास्थ्य की कीमत पर उत्सव की नहीं हो सकता और स्पष्ट किया था कि जहां पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध नहीं है वहां भी बेरियम युक्त पटाखों पर रोक रहेगी।
दिल्ली सरकार ने कहा कि अधिकरण ने हरित पटाखों के इस्तेमाल पर भी रोक लगा दी है। न्यायमूर्ति संजीव सचदेवा ने पक्षकारों को आगे निर्देश लेने के लिए समय दिया और मामले को अगली सुनवाई के लिए एक नवंबर को सूचीबद्ध किया।
कलकत्ता हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि छठ पूजा, गुरु नानक जयंती, क्रिसमस और नए साल के समारोहों सहित इस वर्ष के सभी बाकी उत्सवों के लिए यह आदेश जारी रहेगा और केवल मोम या तेल आधारित 'दीयों' के उपयोग की अनुमति होगी।
वहीं सुप्रीम कोर्ट ने आज सुनवाई के दौरान नेताओं पर तंज कसते हुए कहा, चुनाव जीतने के बाद पटाखे जलाए जाते हैं, जिनकी जिम्मेदारी है आदेश लागू कराने की वही उल्लंघन कराते हैं।
दिल्ली सरकार ने सभी दिल्ली वासियों से अपील की है कि दीपावली पर सभी लोग मिलकर के दीया जलाएं और पटाखे न जलाएं। विपक्ष के लोग युवाओं को पटाखा जलाने के लिए न उकसाएं।
सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्ता हाईकोर्ट के दिवाली, काली पूजा, जगद्धात्री पूजा और छठ पर पटाखों के इस्तेमाल और बिक्री पर बैन लगाने के आदेश पर मुहर लगा दी है।
दिवाली पर पटाखे फोड़ने को लेकर देश में एक अलग ही बहस छिड़ी हुई है। कई राज्यों ने अपने यहां इस त्यौहार के मौके पर पटाखे फोड़ने पर प्रतिबंध लगा दिया है।
दिल्ली सरकार में मंत्री गोपालय राय ने कहा है कि अगर कोई व्यक्ति पटाखे चलाते हुए पकड़ा जाता है उसपर एयर एक्ट के तहत 1 लाख रुपए जुर्माना हो सकता है
सरकार के इस फैसले से पर्यावरण प्रेमी तो खुश हैं लेकिन पटाखा कारोबारियों की नींद उड़ गई है।
केजरीवाल सरकार ने दिवाली से ठीक पहले बड़ा फैसला लेते हुए पटाखों पर बैन लगा दिया है। दिवाली के पहले कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा के बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली सरकार ने पटाखों पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है।
उत्तर प्रदेश में दीवाली की रात आठ बजे से दस बजे तक कम प्रदूषण फैलाने वाले इको—फ्रेंडली पटाखे चलाने की अनुमति होगी ।
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