Switzerland's Economy: स्विट्जरलैंड की इकोनॉमी को सफलतापूर्वक रेस्क्यू कर लिया गया है। वित्तीय संकट का सामना कर रहे क्रेडिट सुइस का अधिग्रहण पूरा कर लिया गया है।
लेहमन ने संस्थान की विफलताओं के लिए मंगलवार को शेयरधारकों से माफी मांगी और कहा कि इसके चलते पहुंचे आघात और उनके रोष को वह समझते हैं।
अमेरिका और यूरोप में कुछ बैंकों के विफल होने से उपजी स्थिति के बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने विभिन्न वित्तीय मानकों पर सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) के प्रदर्शन और उनके जुझारूपन की शनिवार को समीक्षा की।
UBS की बात करें तो भारत में इसका परिचालन बहुत छोटे स्तर पर है। 2013 में यूबीएस ने भारत में मौजूद अपनी एकमात्र शाखा को बंद कर दिया था।
क्रेडिट सुइस ने बृहस्पतिवार को कहा था कि वह अपने शेयरों के गिरने के बाद स्विस सेंट्रल बैंक (केंद्रीय बैंक) से 54 अरब डॉलर तक का कर्ज लेगा।
क्रेडिट सुइस को संकट से उबारने के लिए स्विट्जरलैंड के सबसे बड़े बैंक यूनियन बैंक ऑफ स्विट्जरलैंड (Union Bank of Switzerland) ने इसका अधिग्रहण करने की घोषणा की है।
क्रेडिट सुइस ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह अपने शेयरों के गिरने के बाद स्विस सेंट्रल बैंक (केंद्रीय बैंक) से 54 अरब डॉलर तक का कर्ज लेगा।
जिन खातों के बारे में जानकारी लीक हुई है उनमें अरबों डॉलर से अधिक राशि जमा है। पत्रकारों के निष्कर्षों की समीक्षा करने वाले विशेषज्ञों का कहना है कि इनमें से कई ग्राहकों को क्रेडिट सुइस में अनुमति नहीं दी जानी चाहिए थी।
एजेंसी ने कहा है कि उसके ताजा अनुमान में गिरावट का जोखिम बना हुआ है, क्योंकि कोविड-19 मामलों से लॉकडाउन का और विसतार होगा।
जियो ने 2016 में फ्री वॉइस कॉल्स और सस्ते डाटा की पेशकश कर भारतीय टेलीकॉम सेक्टर में तबाही मचा दी थी।
स्विस ब्रोकरेज फर्म क्रेडिट सुइस ने कहा है कि साल 2022 तक मौजूदा संपत्ति-जो की 5,000 अरब डॉलर के करीब है- में 2,100 अरब डॉलर का इजाफा होगा।
भारत में करोड़पतियों की संख्या 2,45,000 के स्तर पर पहुंच गई है, जबकि यहां परिवारों की कुल संपत्ति 5,000 अरब डॉलर हो गई है।
क्रेडिट सुइस ने डाटा नेटवर्क सर्वेक्षण के आधार पर एक रिपोर्ट में कहा है कि नेटवर्क कवरेज के लिहाज से रिलायंस जियो अन्य कंपनियों से काफी आगे है।
क्रेडिट स्विस को 2015 में 2.9 अरब स्विस फ्रेंक (2.8 अरब डॉलर) का शुद्ध घाटा हुआ है। 2008 के बाद बैंक को पहली बार ये वार्षिक घाटा हुआ है।
स्विस की ब्रोकरेज फर्म क्रेडिट सुइस ने भारत की आर्थिक स्थिति पर संतोष जताया है। क्रेडिट सुइस ने कहा कि तेल, बिजली और गाड़ियों की मांग में बढ़ोत्तरी हुई है।
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