सुप्रीम कोर्ट और दिल्ली सरकार द्वारा पटाखों पर प्रतिबंध के बावजूद राजधानी दिल्ली में कई जगहों पर जमकर पटाखे फुटे हैं। दिवाली की अगली सुबह कई इलाकों में धुंध देखने को मिल रही है। ऐसे में लोगों को फिर से परेशानी उठानी पड़ सकती है।
दिल्ली, नोएडा और गुरुग्राम में प्रदूषण का स्तर हर बीतते दिन के साथ बढ़ता ही जा रहा है। आज के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, राजधानी दिल्ली की हवा की गुणवत्ता 309 AQI पर पहुंच गई, वहीं नोएडा में भी यही हाल है।
Air pollution in Delhi-NCR: सर्दियों की आहट अभी हुई नहीं है लेकिन एयर क्वालिटी खराब होने लगी है। साथ ही मौसम का ये बदलाव कमजोर फेफड़ों और इम्यूनिटी वाले इन लोगों के लिए परेशानियों का सबब बन सकता है।
दीपावली में अभी लगभग दो महीने का समय बकाया है लेकिन उससे पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में पटाखों की बिक्री को लेकर दिए जाने वाले लाइसेंस को लेकर दिल्ली पुलिस को आदेश जारी किया है।
दिल्ली-NCR को एयर पॉल्यूशन से निजात मिलता नहीं दिखा रहा है। सफर के मुताबकि, दिल्ली में एयर क्वालिटी का हाल आज जैसा ही रहेगा। हालांकि, नोएडा को लेकर स्थिति बदलती नजर आ रही है। नोएडा की हवा और खराब होने की संभावना जताई गई है।
Delhi Air Pollution: दिल्ली और उसके आस-पास के इलाकों में वायु प्रदूषण को काबू में करने के लिए संशोधित वर्गीकृत प्रतिक्रिया कार्य योजना (Graded Response Action Plan) सामान्य तारीख से 15 दिन पहले यानी एक अक्टूबर से लागू होगी।
दिल्ली में सोमवार को हवा चलने से वायु गुणवत्ता में मामूली सुधार देखा गया और वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) गंभीर से बेहद खराब में पहुंच गया। शहर में 24 घंटे के औसत एक्यूएआई 389 दर्ज किया गया।
‘सफर’ ने कहा कि हवा की रफ्तार भी बढ़ गयी है। इसके मद्देनजर सोमवार को वायु गुणवत्ता में थोड़े सुधार का अनुमान है और यह ‘खराब’ श्रेणी में आ सकती है।
राष्ट्रीय राजधानी में 1 नवंबर तक हवा की गति बढ़ने के कारण वायु प्रदूषण के स्तर में उल्लेखनीय सुधार होने की संभावना है।
राष्ट्रीय राजधानी में एयर क्वॉलिटी शुक्रवार सुबह ‘बहुत खराब’ श्रेणी में रही। प्रदूषण संबंधी अनुमान जताने वाली सरकारी एजेंसी ने कहा कि हवा की अनुकूल गति के कारण वायु गुणवत्ता में थोड़ा सुधार होने की उम्मीद है।
दिल्ली समेत उत्तर भारत के अधिकतर हिस्सों में धुंध छाने और हवा की गुणवत्ता में तेजी से गिरावट आने के बीच वैज्ञानिकों ने आगाह किया है कि वायु प्रदूषण और कोविड-19 के मामलों के बीच कोई संबंध पूरी तरह भले ही साबित नहीं हो पाया है लेकिन लंबे समय तक प्रदूषण से फेफड़े के संक्रमण का खतरा बना रहेगा।
राष्ट्रीय राजधानी और आसपास के क्षेत्रों में सोमवार सुबह वायु की गुणवत्ता ‘खराब’ श्रेणी में दर्ज की गई और अतिसुक्ष्म कणों - पीएम 2.5 और पीएम10 - का स्तर इस मौसम में अब तक का अधिकतम रहा।
राष्ट्रीय राजधानी में शनिवार को वायु गुणवत्ता (Air Quality of Delhi) उच्च मानक अंकों के साथ ‘सामान्य’ श्रेणी में दर्ज की गई और रविवार को इसमें आंशिक रूप से और सुधार होने की उम्मीद है।
पाकिस्तान में हवाई सीमाएं सील होने के चलते शुक्रवार को दिल्ली के इंदिरा गांधी हवाई अड्डे पर मुश्किलों का सामना करना पड़ा।
दिल्ली की वायु गुणवत्ता सोमवार को बहुत खराब दर्ज की गयी क्योंकि बारिश का असर घटने लगा और प्रदूषण का स्तर बढ़ने लगा । केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के मुताबिक शहर में कुल वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 337 तक पहुंच गया जो बहुत खराब श्रेणी में आता है।
दिल्ली की वायु गुणवत्ता मंगलवार को लगातार चौथे दिन ‘गंभीर’ श्रेणी में बनी रही। वहीं अधिकारियों ने कहा कि तेज हवाएं चलने से कुछ राहत मिल सकती है और वायु गुणवत्ता में सुधार हो सकता है।
उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण प्राधिकरण (ईपीसीए) ने राष्ट्रीय राजधानी में वायु की गुणवत्ता के 'गंभीर' स्थिति में पहुंचने के बाद सोमवार को दिल्ली-एनसीआर के ज्यादा प्रदूषण वाले इलाकों में औद्योगिक गतिविधियों और निर्माण कार्य पर बुधवार तक के लिए रोक लगा दी।
उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से कहा कि उसकी अधिकृत सोशल मीडिया साइट पर दिल्ली में वायु प्रदूषण के बारे में मिली करीब 250 शिकायतों पर कार्रवाई नहीं करने वाले सरकारी अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा चलाया जाये।
दिल्ली की वायु गुणवत्ता शुक्रवार को गंभीर श्रेणी में बनी रही जबकि प्रदूषण के स्तर में धीमा लेकिन महत्वपूर्ण सुधार देखने को मिला है।
दिल्ली के लोगों को आने वाले दिनों में प्रदूषण और हवा की खराब क्वॉलिटी से राहत मिलती नहीं दिख रही है।
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