सिविल एविएशन रेगुलेटर डीजीसीए के आंकड़े से पता चलता है कि देश में फ्लाइट से घरेलू सफर करने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। एयरलाइन कंपनियों के बीच कॉम्पिटीशन भी तेज हुआ है।
भारत में फ्लाइट से सफर करने वालों की तादाद में कोविड के बाद लगातार तेजी का रुझान देखा जा रहा है। आने वाले समय में भारत सिविल एविएशन का बहुत बड़ा हब बन सकता है। अक्टूबर में घरेलू हवाई यात्रियों की संख्या 11 प्रतिशत बढ़कर 1.26 करोड़ पर पहुंच गई।
इस साल जून में घरेलू यात्री यातयात करीब 29-30 लाख रहा। जबकि मई में यह करीब 19.8 लाख था।
कोविड-19 की दूसरी लहर के कारण हवाई यात्रियों की संख्या में भारी कमी आई है, जिसकी उनकी आय घटी है।
साल की पहली तिमाही के दौरान घरेलू एयरलाइंस ने हर महीने 77 लाख से ज्यादा यात्रियों को सेवा दी, वहीं अप्रैल में ये आंकड़ा घटकर 58 लाख से नीचे आ गया।
गोएयर को उम्मीद है कि 21 सितंबर तक उसकी परिचालन क्षमता कोविड-19 से पूर्व के 45 प्रतिशत पर पहुंच जाएगी।
घरेलू हवाई यात्रियों की संख्या सितंबर में सालाना आधार पर मात्र 1.18 प्रतिशत बढ़ी है। नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) के गुरुवार को जारी आंकड़ो में यह बात सामने आयी है।
घरेलू विमान यात्रियों की संख्या में सितंबर महीने में 23.6 फीसदी का इजाफा हुआ है। इस दौरान वैश्विक स्तर पर घरेलू यात्रियों की औसतन बढ़ोतरी 7.2 फीसदी रही।
जुलाई में करीब 26 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई। यह लगातार 24वां महीना है, जब दहाई अंक में वृद्धि हुई है। कम किराये से अधिक संख्या में लोग आकर्षित हो रहे हैं।
भारत में 2015 में घरेलू हवाई यात्रियों की संख्या में 18.8 फीसदी की उच्च वृद्धि हुई और इस मामले में पड़ोसी देश चीन तथा अमेरिका से आगे रहा।
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