केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने शुक्रवार को तीनों नए कृषि कानूनों को वापस लिये जाने से इनकार किया है। हालांकि, उन्होंने कहा है कि सरकार इन कानूनों के विभिन्न प्रावधानों को लेकर आंदोलन कर रहे किसानों के साथ बातचीत फिर शुरू करने को तैयार है।
किसान कानूनों को लेकर सरकार और किसानों के बीच बातचीत पर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिह तोमर का बड़ा बयान आया है। नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि किसान कानूनों के प्रावधान पर अगर कोई भी किसान संगठन आधी रात को भी बात करना चाहता है तो सरकार उसके लिए तैयार है।
किसान संगठनों द्वारा 4 घंटे बंद का ‘रेल रोको' आह्वान किया गया था, लेकिन यह 2 मिनट से लेकर अधिकतम 120 मिनट तक ही चला पाया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में बहस के दौरान कहा कि दिल्ली की सीमा पर मौजूद किसान गलत धारणाओं के शिकार हुए हैं।
भारतीय किसान यूनियन (BKU) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने शुक्रवार को कहा कि हमारे पुास पुख्ता सबूत थे कि कल कुछ लोग चक्का जाम के दौरान हिंसा फैलाने की कोशिश करते। हमारे पास पक्की रिपोर्ट थी।
वे दिन गए जब किसान नेता किसी सियासी लीडर द्वारा धरनास्थल के मंच पर आने की किसी भी कोशिश का कड़ाई से विरोध कर रहे थे।
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के डायरेक्टर ऑफ कम्युनिकेशंस गेरी राइस ने कहा कि नए कानून बिचौलियों की भूमिका को कम करेंगे और दक्षता को बढ़ाएंगे।
कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली की सीमाओं पर डटे किसानों के लिए अगला सप्ताह महत्वपूर्ण होने जा रहा हैं।
नए कृषि कानूनों को लेकर जारी गतिरोध के बीच किसान नेताओं और सरकार के बीच बैठक खत्म हो गई है। अगली बैठक 4 जनवरी को होगी।
ऐसा कैसे हो सकता है कि केरल में APMC की जरूरत नहीं है, लेकिन यूपी, पंजाब और हरियाणा में यह जरूर होनी चाहिए? ऐसा दोहरा मानदण्ड क्यों है?
किसानों ने शनिवार को बताया कि सरकार के साथ 29 दिसंबर सुबह 11 बजे बातचीत का समय तय किया गया है। किसानों ने कहा कि सरकार किसानों के खीलाफ दुष्प्रचार बंद करे।
किसान आंदोलन पर प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए गुरुवार को भाजपा नेता सुधांशु त्रिवेदी ने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि राहुल केरल के किसानों के साथ क्यों नहीं खड़े हैं? राहुल गांधी ने निराधार आरोप लगाए हैं।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इंडिया टीवी के साथ खास बातचीत में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर पलटवार किया है।
किसान संघों ने बुधवार को सरकार से कहा कि वह नए कृषि कानूनों में "निरर्थक" संशोधन करने की बात को नहीं दोहराए, क्योंकि इन्हें पहले ही खारिज किया जा चुका है, बल्कि वार्ता के एक और दौर के लिए लिखित में ठोस प्रस्ताव दे।
सरकार ने रविवार को आंदोलनरत किसान संगठनों को पत्र भेजकर उन्हें वार्ता के अगले चरण के लिए आमंत्रित किया तथा उनसे तारीख बताने को कहा है।
केंद्र के नए कृषि कानूनों के विरोध में किसान सोमवार को सभी प्रदर्शन स्थलों पर एक दिन की क्रमिक भूख हड़ताल करेंगे तथा 25 से 27 दिसंबर तक हरियाणा में सभी राजमार्गों पर टोल वसूली नहीं करने देंगे।
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने शनिवार को केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से मुलाकात की और नये कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के प्रदर्शन के बारे में बातचीत की।
राजग की घटक राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) के संयोजक व नागौर से सांसद हनुमान बेनीवाल ने किसान आंदोलन के समर्थन में व लोकहित के मुद्दों को लेकर संसद की तीन समितियों के सदस्य पद से त्याग पत्र देने की घोषणा की है।
कृषि कानूनों को लेकर जारी किसान आंदोलन के बीच केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने गुरुवार को किसानों के नाम एक खुला पत्र लिखा है। कृषि मंत्री ने 8 पन्नों के अपने पत्र में केंद्र के नए कृषि कानूनों की खूबियां गिनाई हैं।
किसान आंदोलन से एक दुखद खबर आई है। कोंडली बॉर्डर पर किसान आोदलन को सपोर्ट करने पहुंचे संत बाबा राम सिंह ने आत्महत्या कर ली है। संत बाबा राम सिंह ने अपनी गाड़ी में खुद को गोली मार ली।
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