Phool Dei 2024: आज फूलदेई का त्योहार है और उत्तराखंड में ये त्योहार बेहद आनंद के साथ मनाया जाता है। आइए, जानते हैं क्यों खास है ये flower festival और इसे कैसे मनाया जाता है।
अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दौरान इस नगरी को सजाने के लिए भोपाल से फूल मंगाए जाएंगे।
महाराष्ट्र के नागपुर में जारी ढाई दिनों के महालक्ष्मी उत्सव को लेकर बाजारों में गजब की चमक देखने को मिल रही है। आलम तो ये है कि नागपुर में महालक्ष्मी को चढ़ाई जाने वाली फूलों की माला 2500 रुपये से लेकर 10,000 रुपये बिक रही है।
गणेश टेकरी मंदिर में भगवान गणेश को चढ़ाए गए फूल और माला को फेंकने के बजाए सदुपयोग में लाया जा रहा है। ये स्वच्छ भारत अभियान की संकल्पना के तहत शुरू किया गया है। इस मंदिर के इस प्रयोग से अब देश के अन्य मंदिर भी प्रेरित हो रहे हैं।
महाराष्ट्र समेत पूरे देश में गणेश उत्सव की धूम है। इस मौके पर महाराष्ट्र के नागपुर में फूलों के दाम आसमान छू रहे हैं। नागपुर सहित पूरे विदर्भ में गणेश उत्सव के साथ ही महालक्षमी का पर्व मनाया जाता है। ऐसे में यहां फूलों के दामों सीधे 300 प्रतिशत कर बढ़ोत्तरी देखी गई है।
स्किन के लिए अपराजिता के फूल के इस्तेमाल के बारे में कभी आपने सोचा है। नहीं तो, आज हम ऐसे ही कुछ फूलों के बारे में बताएंगे जो कि स्किन के लिए फायदेमंद हैं।
हरियाणा के गुरुग्राम में G20 मेहमानों के स्वागत के लिए सड़क किनारे फूल के गमले सजाकर रखे गए थे, लेकिन कथित तौर पर मनमोहन उन गमलों को अपनी लग्जरी SUV किया कार्निवल में लादकर चलते बने।
अगर आपके बाल सफेद हो रहे हैं या जड़ों से कमजोर हैं तो, गुड़हल के फूलों (gudhal ka phool) का तेल या लेप आपके लिए फायदेमंद हो सकता है। कैसे, जानते हैं।
फूलो की घाटी विश्वविख्यात है। उत्तराखंड के इस विश्व विरासत स्थल में 500 से अधिक फूल अपनी खुशबू बिखेरते हैं। भगवान का निवास स्थान माने जाने वाले इस घाटी को नेशनल पार्क का दर्जा भी मिल चुका है। भगवान हनुमान संजीवनी बूटी की खोज करने यहीं आए थे।
Favorite Flower: भगवान की पूजा के दौरान अगर आप उनकी पसंद के फूल अर्पित करते हैं तो इससे आप पर सदैव उनकी कृपा बनी रहेगी।
Aak Flower Benefits: आक के फूल का इस्तेमाल स्किन के दाग-धब्बों खत्म होते हैं। साथ ही ये लंबे समय से हो रही सिदरदर्द की परेशानियां खत्म होती है।
Uttrakhand News: उत्तराखंड के प्रगतिशील युवा किसान बालक राम नौटियाल ने अपनी अच्छी खासी नौकरी छोड़कर अपने गांव में गेंदे के फूल की खेती कर रहे हैं। इस व्यवसाय से उन्हें एक फसल में लाखों का मुनाफा हो रहा है। नौटियाल कहते हैं कि उन्हें पूरा उम्मीद है कि वह अपने गांव के युवाओं को रोजगार देने में कामयाब होंगे।
सावन में भोलेनाथ का आशीर्वाद पाने के लिए शिवलिंग पर शमी पत्र अर्पित किए जाते हैं। भगवान शिव को शमी पत्र अर्पित करना शास्त्रों में बेहद शुभ माना गया है।
सनासर में उद्यान विभाग की ओर से पांच कनाल जमीन में ट्यूलिप गार्डन विकसित किया गया है। जहां पर गुलाबी रंग वाले नगेटा, पीले रंग के गोल्डन पैरट, सफेद रंग वाले हाकून, ब्रिक रेड, एलड्रेन और काले रंग के ब्लैक जैक प्रजाति के ट्यूलिप के फूल लगाए गए हैं।
केले के तरह ही इसके फूल भी बहुत काम के होते हैं। बैंगनी रंग के दिखने वाले इन फूलों को कच्चा या पकाकर खाया जा सकता है। इसके अलावा इसे फेस पैक और हेयर पैक की तरह भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
उत्तर प्रदेश के दुधवा नेशनल पार्क में 'लुप्तप्राय प्रजातियों' के श्रेणी में रखा गया एक दुर्लभ ऑर्किड पौधे की किस्म पाई गई है, जिस पर खूबसूरत फूल लगे थे।
घर, ऑफिस या किसी भी अन्य जगह पर फूलों को रखना अच्छा माना जाता है, लेकिन बहुत से लोग अपने घर या ऑफिस में फूल-पौधे लगा तो लेते हैं।
डहेलिया, गुलाब, ऑर्किड, लिली, मोगरा ये सभी फूल एक साथ भवन को रंगीन रूप प्रदान कर रहे हैं। नवरात्रि के दौरान 50,000 से अधिक श्रद्धालु वैष्णो देवी के दर्शन के लिये आते हैं।
ह्यूस्टन के जॉर्ज बुश इंटरनैशनल एयरपोर्ट पर एक ऐसा वाकया हुआ, जो प्रधानमंत्री मोदी की सादगी और सहजता का उदाहरण पेश करता है।
सरकार ने किसी फूल को राष्ट्रीय पुष्प का दर्जा नहीं दिया है। गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने राज्यसभा को बुधवार को एक लिखित प्रश्न के उत्तर में यह जानकारी दी।
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