बीते कुछ सालों में रियल एस्टेट सेक्टर में शानदार डिमांड देखी जा रही है। घरों की कीमतें भी बढ़ी हैं। खासकर बड़े घर और लग्जरी फ्लैट्स की डिमांड बीते कुछ समय से तेज देखने को मिल रही है।
नई यूनिट्स की आपूर्ति बेंगलुरु और मुंबई में बढ़ी, लेकिन दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर), चेन्नई, हैदराबाद, पुणे, कोलकाता तथा अहमदाबाद में इसमें गिरावट आई।
शीर्ष सात शहरों में औसत आवासीय संपत्ति की कीमतों में 2024 की पहली तिमाही में सालाना आधार पर 10 से 32 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि 50 लाख रुपये तक की लागत वाले घरों में नई आपूर्ति साल 2023 में साल-दर-साल 20 प्रतिशत कम हो गई। इसके चलते किफायती घरों की बिक्री में भी गिरावट आई।
बड़ी संख्या में नए हाउसिंग प्रोजेक्ट्स के आने से ऐसे बिना बिके घरों की बिक्री की रफ्तार काफी धीमी हो गई है।
डीडीए ने एक बयान में कहा कि प्रारंभिक सर्वेक्षण में जेजे कैंप में 2,890 परिवार मौजूद थे। स्वस्थान पुनर्वास योजना के तहत उसी स्थान पर बहुमंजिला फ्लैट बनाए गए हैं, जहां पहले यह कैंप थे। बयान में कहा गया कि ड्रॉ के पहले चरण में 673 पात्र लाभार्थियों को आवंटन-सह- मांगपत्र जारी किए गए थे।
देश के आठ प्रमुख शहरों में चालू वित्त वर्ष की जुलाई-सितंबर तिमाही में घरों की बिक्री सालाना आधार पर 59 प्रतिशत बढ़ककर 55,907 इकाई पर पहुंच गई। प्रॉपटाइगर.कॉम ने यह जानकारी दी है।
डेटा एनालिटिक्स कंपनी प्रॉपइक्विटी के अनुसार इस साल जनवरी-अगस्त के दौरान दिल्ली-एनसीआर के संपत्ति बाजार में घरों की बिक्री 22 प्रतिशत गिरकर 16,846 इकाई रह गई, लेकिन नयी आपूर्ति 42 प्रतिशत बढ़कर 17,615 इकाई पर पहुंच गयी।
दिल्ली की 1731 अनधिकृत कालोनियों में मालिकाना हक देने की शुरुआत डीडीए करीब डेढ़ साल पहले ही कर चुका है, लेकिन इन कालोनियों में विकास कार्यों की शुरुआत अभी भी अटकी हुई हैं।
इस एक्ट का उद्देश्य किरायेदारों और मकान मालिकों की हितों की रक्षा के साथ साथ किराये के मकानों को देने या लेने के पूरे सिस्टम को व्यवस्थित करना है
एचडीएफसी चेयरमैन ने कहा कि रियल एस्टेट क्षेत्र अपने कुल राजस्व का 1.5 प्रतिशत से भी कम प्रौद्योगिकी पर खर्च करता है। प्रौद्योगिकी रियल एस्टेट क्षेत्र में पारदर्शिता और जवाबदेही ला सकती है।
देश के प्रमुख बैंकों ने अपनी होम लोन दरों को घटाकर एक दशक के निचले स्तर पर ला दिया है। इनमें भारतीय स्टेट बैंक, एचडीएफसी, आईसीआईसीआई बैंक और कोटक महिंद्रा बैंक शामिल हैं।
मकान का फ्लोर एरिया (जितने जगह में मकान बना है) 2018 में घटकर प्रति व्यक्ति के हिसाब से 86 वर्ग फुट पर आ गया, जो 2012 में 111 वर्ग फुट था।
जुलाई-सितंबर तिमाही में आठ शहरों में आवास बिक्री 43 प्रतिशत गिरकर 33,403 इकाई रही। जबकि पिछले साल इसी तिमाही में 58,183 मकान बिके थे। इसी तरह समीक्षावधि में 47 लाख वर्ग फुट क्षेत्र कार्यालय के तौर पर पट्टे पर लिया गया। यह पिछले वर्ष की इसी अवधि के 1.57 करोड़ वर्ग फुट के मुकाबले 70 प्रतिशत कम है।
देश में फिलहाल 1.1 करोड़ घर खाली पड़े हैं। सरकार की कोशिश है कि एक वर्ष के भीतर हर राज्य कानून को लागू करने के लिये जरूरी प्रावधान करें, जिससे घर किराए पर देने को लेकर मकान मालिकों के डर खत्म हों और ये खाली घर किराए के आवास के लिए उपलब्ध हो सकें।
रिपोर्ट बताती है कि दोनों मार्केट में बिक्री अक्टूबर-दिसंबर 2019 की अवधि के दौरान कम ब्याज दर व उच्च कर कटौती और रेडी-टू-मूव-इन घरों की उपलब्धता के बावजूद घट गई।
गुरुवार को महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजीत पवार ने संबंधित विभागों और अधिकारियों को जल्द से जल्द प्रधान मंत्री आवास योजना के तहत मुंबई डब्बावालों के लिए घर उपलब्ध कराने का आदेश दिया है।
पोर्टल 14 फरवरी से घर खरीदारों के लिए खोला जाएगा। इस दिन से 45-दिन की बिक्री अवधि (सेल) शुरू होगी। शुरुआती 15 दिन घर में खरीदार पेशकशों को देख और घर का चयन कर सकेंगे।
देश में लॉन्च किए गए प्रोजेट की वित्त वर्ष 2019-20 की जुलाई-सितंबर तिमाही में पिछले साल इसी तिमाही के मुकाबले 45 प्रतिशत की गिरावट आई है।
विभिन्न शहरों की बात की जाए तो मुंबई में घर खरीदना सबसे मुश्किल और भुवनेश्वर में सबसे आसान है।
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