पाकिस्तान के करतारपुर साहिब गुरुद्वारे में सिख समुदाय की भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया गया है। गुरुद्वारे की दर्शनी ड्योढ़ी से महज 20 फीट की दूरी पर शराब और नॉनवेज पार्टी की गई है।
भारत-पाकिस्तान बंटवारे के दौरान 75 साल पहले एकदूसरे से बिछड़े एक व्यक्ति और उसकी बहन ऐतिहासिक करतारपुर गलियारे पर फिर से मिल गए
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने इस मामले से जुड़े एक सवाल के जवाब में कहा कि पाकिस्तान उच्चायोग के प्रभारी को तलब कर गुरुद्वारा दरबार साहिब में हुई घटना को लेकर भारत ने अपनी गहरी चिंता से उन्हें अवगत कराया।
समारोह में ‘नगर कीर्तन’ जुलूस और ‘पालकी’ जुलूस भी शामिल था जो जन्मस्थान से निकाला गया और ननकाना साहिब में 8 गुरुद्वारों में उसे ले जाया गया।
पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने करतारपुर गलियारे को फिर से खोलने को अच्छा घटनाक्रम करार दिया। करीब 2,500 से अधिक भारतीय पैदल वाघा सीमा पार कर पाकिस्तान पहुंचे।
ऐसा माना जाता है कि सिख पंथ के संस्थापक गुरु नानक देव जी ने करतारपुर में ही देह का त्याग किया था। उसी जगह पर गुरुद्वारा बनाया गया है और 1947 में भारत तथा पाकिस्तान के बीच हुए बंटवारे में वह भाग पाकिस्तान में चला गया था।
सिर्फ वही सिख श्रद्धालु करतारपुर जा पाएंगे जिन्होंने कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज़ लगवा ली है। कोविड महामारी की वजह से मार्च 2020 में करतारपुर साहिब के लिए तीर्थयात्रा स्थगित कर दी गई थी
माना जा रहा है कि इसके निर्माण में घटिया मटीरियल का इस्तेमाल किया गया था जिसके चलते ये मामूली आंधी भी नहीं झेल पाए।
इवैक्यूई ट्रस्ट प्रॉपर्टी बोर्ड (ईटीबीपी) के प्रवक्ता आमिर हाशमी ने PTI से कहा कि पाकिस्तान सरकार ने गुरु गोबिन्द सिंह जयंती समारोह पर तीन से पांच जनवरी तक पाकिस्तानी गैर सिखों को करतारपुर साहिब में प्रवेश न देने का निर्णय किया है।
कांग्रेस सांसद रवनीत सिंह बिट्टू ने बुधवार को लोकसभा में कहा कि करतारपुर साहिब से वापस लौटने वाले श्रद्धालुओं के प्रसाद को सुरक्षा जांच के तहत खोजी कुत्तों से सुंघवाया जाता है और इस पर रोक लगनी चाहिए।
कमलनाथ सरकार का करतारपुर साहिब को मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना में शामिल करना बीजेपी को सिख दंगों के पाप धोने की कवायद जैसा दिखने लगा है...
ऐतिहासिक करतारपुर गलियारे के उद्घाटन का स्वागत करते हुए चीन ने उम्मीद जताई कि भारत और पाकिस्तान दोनों बातचीत के जरिए अपने मतभेदों को सुलझाने के लिए ‘‘सद्भावना प्रदर्शित करना जारी रख सकते हैं।’’
किसी सिख के लिए पाकिस्तान स्थित करतारपुर साहिब गुरुद्वारा में मत्था टेकना जिंदगीभर की एक बड़ी इच्छा पूरी होने जैसी है। यह कुछ वैसा ही है, जैसे किसी मुस्लिम के लिए पवित्र मक्का का दौरा करना...
भारत से बड़ी संख्या में सिखों ने पाकिस्तान स्थित करतारपुर साहिब गुरुद्वारा के दर्शन किए और इस तीर्थ स्थल में सोने की एक पालकी स्थापित की।
केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर ने रविवार को जानकारी दी कि पीएम नरेंद्र मोदी 8 नवंबर को डेरा बाबा नानक जाएंगे और करतारपुर कॉरिडोर का उद्घाटन करेंगे
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पाकिस्तान स्थित करतारपुर साहिब गुरुद्वारा जाने वाले जत्थे में शामिल नहीं होंगे। बता दें कि पहले ऐसी खबरें थीं कि मनमोहन सिंह ने पाकिस्तान में स्थित करतारपुर साहिब जाने का न्योता स्वीकार कर लिया है।
पाकिस्तान में करतारपुर साहिब गुरुद्वारा जाने वाले भारतीय श्रद्धालुओं के पास पासपोर्ट होना जरूरी है, जहां गुरु नानक देव ने अंतिम सांस ली थी। हालांकि, वीजा की आवश्यकता नहीं होगी।
करतारपुर में भारतीय सिख यात्रियों को दर्शन की इजाजत के बदले पाकिस्तान ने भारत के सामने हर भारतीय सिख यात्री से दर्शन के बदले में 20 अमेरिकी डॉलर का प्रस्ताव रखा है
विभाजन के 72 साल बाद पाकिस्तान ने पंजाब प्रांत में स्थित ऐतिहासिक गुरुद्वारा चोआ साहिब के दरवाजे भारत समेत विभिन्न देशों के सिख श्रद्धालुओं के लिए शुक्रवार को खोल दिए।
करतार गुरुद्वारा के लिए पाकिस्तान ने जमीन का अलॉटमेंट बढ़ा दिया है। अब पाकिस्तान के पंजाब प्रांत की सरकार इस गुरुद्वारे के लिए 42 एकड़ जमीन अलॉट करेगी।
संपादक की पसंद