सिस्टम के आगे आम आदमी बेबस नजर आया, देहरादून में भाई, अपने छोटे भाई का शव कंधे पर लेकर एंबुलेंस के लिए अस्पताल में दौड़ता रहा तो UP के आगरा में एक पिता 20 किलो का ऑक्सीजन सिलेंडर कंधे पर लेकर इस वॉर्ड से उस वॉर्ड तक जिंदगी के लिए दौड़ लगाता रहा.
Chakravyuh: Eye surgery in torchlight at Unnao hospital, when will medical negligence end?
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