लगभग 3 महीने पहले बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की हैदराबाद में हुई बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पार्टी से पसमांदा मुसलमानों तक पहुंच बढ़ाने का आह्वान किया था।
उत्तर प्रदेश में कुछ साल पहले तक माना जाता था कि जिस पार्टी ने अपने कोर वोट के साथ मुसलमानों को साध लिया, उसका लखनऊ पर कब्जा तय है।
मुजफ्फरनगर से लेकर आजमगढ़ तक, अधिकांश मुस्लिम बहुल जिलों में समाजवादी पार्टी गठबंधन को मुसलमानों ने खुलकर वोट दिया है और कई जिलों में ये वोट सीटों में भी तब्दील हुआ है।
पहले चरण के तहत आज से 21 जनवरी तक पश्चिमी यूपी के 11 जिलों की 58 सीटों के लिए नामांकन प्रक्रिया चलेगा। 11 जिलों पर एक नजर दें तो इसमें शामली, मेरठ, बागपत, हापुड़, गाजियाबाद, मधुरा, आगरा, अलीगढ़, गौतमबुद्धनगर, मुजफ्फरनगर और बुलंदशहर शामिल है।
ममता बनर्जी पर तुष्टीकरण की राजनीति करने का आरोप लगाते हुए मोदी ने कहा कि उन्हें लोगों के तिलक लगाने और भगवा वस्त्र पहनने पर भी अब एतराज होने लगा है।
आईएएनएस-सीवोटर के एग्जिट पोल के मुताबिक, दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी को कांग्रेस के मुकाबले ज्यादा मुस्लिम वोट मिले हैं।
मुंबा देवी में पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के अमीन पटेल ने जीत दर्ज की थी। उन्हें 39 हजार 165 वोट, जबकि दूसरे नंबर पर रहे भाजपा के अतुल शाह को 30 हजार 658 वोट मिले थे। यहां 16 हजार वोटों के साथ AIMIM प्रत्याशी तीसरे स्थान पर रहे।
बिहार में राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के अध्यक्ष लालू प्रसाद की अनुपस्थिति में अपेक्षाकृत कमजोर नजर आ रहे राजद के वोटबैंक में सेंधमारी तैयारी प्रारंभ हो गई है। मुस्लिम और यादव (एमवाई) समुदाय को आमतौर पर राजद का वोटबैंक माना जाता है।
पूर्व विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने कहा कि उत्तर प्रदेश में मुस्लिम वोटों में सपा-बसपा गठबंधन और कांग्रेस के बीच बंटवारा हो गया है।
बसपा-सपा-रालोद के महागठबंधन का साथ दें या कांग्रेस का दामन थामें...नगीना के मुस्लिम मतदाता इसी दुविधा में फंसे हैं लेकिन साथ ही वे भाजपा-विरोधी वोट को एकजुट करने की गुत्थी सुलझाने के लिए कटिबद्ध भी हैं।
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