सभी स्कीम के तहत म्यूचुअल फंड योजनाओं की यूनिट्स(लिक्विड और ओवरनाइट फंड को छोड़कर) सिर्फ संभावित एनएवी पर अलॉट की जाती हैं। म्यूचुअल फंड कट-ऑफ समय के बाद भी आवेदन स्वीकार कर सकता है, लेकिन आपको अगले कारोबारी दिन का एनएवी मिलेगा।
म्यूचुअल फंड लचीले भी होते हैं, जिससे प्रवेश और निकास बहुत आसान होता है। यहां तक कि 500 रुपये प्रति माह बचाने वाला व्यक्ति भी एकमुश्त या एसआईपी के जरिये म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकता है।
म्यूचुअल फंड में, निकासी के लिए रिडेम्पशन शब्द का इस्तेमाल किया जाता है। इसका मतलब है, जब आप निवेश निकालना चाहते हैं, या अपना पैसा वापस पाना चाहते हैं, तो आप म्यूचुअल फंड को भुनाते हैं।
म्यूचुअल फंड में SIP के जरिये निवेश को पॉपुलर बनाने के लिए मार्केट रेगुलेटर सेबी ने एसआईपी निवेश की न्यूनतम सीमा को 250 रुपये करने का फैसला किया है। इससे इसका दायरा और बढ़ जाएगा।
एक्सपर्ट का कहना है कि बाजार में तेजी या गिरावट के वक्त एसआईपी को बंद नहीं करें। अपना एसआईपी चालू रखें। एसआईपी आपको लगातार छोटी राशि भी निवेश करने में मदद करता है। नियमित निवेश की यह लंबी अवधि में निवेश की औसत लागत को कम करने में फायदेमंद होता है।
धनतेरस के मौके पर आप निवेश की बेहतरीन शुरुआत कर सकते हैं। ये शुरुआत आपके सुनहरे भविष्य की नींव साबित हो सकती है। कई ऐसे ऑप्शन हैं जिसमें आप पैसा लगा सकते हैं।
जानकारों का कहना है कि करवाचौथ (Karwa Chauth) सिर्फ प्यार का जश्न मनाने का दिन नहीं है बल्कि यह एक साथ मिलकर अपने भविष्य की योजना बनाने का भी मौका है।
म्यूचुअल फंड निवेश में बिना सोचे-समझे निवेश करना नुकसान दे सकता है। इसलिए हमेशा निवेश से पहले फंड के विषय में जानकारी लेना चाहिए। ऐसा कर आप न सिर्फ सही फंड का चुनाव कर पाएंगे बल्कि अपने निवेश पर बंपर रिटर्न भी पा सकेंगे।
म्य़ुचूअल फंड्स के यूनिट बेचे बिना लोन की सुविधा का फायदा लेने के लिए एप्लीकेंट को 18 साल से ज्यादा उम्र का होना चाहिए। आप मिनिमम 25000 रुपये और मैक्सिमम 5 करोड़ रुपये तक का लोन ले सकते हैं।
अगर म्यूचुअल फंड्स निवेशक एक जरूरी काम को पूरा नहीं करते तो उनके अकाउंट्स को फ्रीज कर दिया जाता। निवेश की रकम को वह निकाल नहीं पाते।
अगले महीने से विदेशी खर्चों पर नया टीसीएस नियम (New TCS rule) भी लागू होगा। स्मॉल सेविंग्स अकाउंट के लिए भी नए नियम होंगे लागू।
आप इसमें फंड (Mutual Funds) कब खरीदना है या कब बेचना है इसकी चिंता किए बिना बाजार के उतार-चढ़ाव में अनुशासित तरीके से निवेश करते हैं.
Mutual Funds Investors: म्यूचुअल फंड से जुड़े निवेशकों के लिए अच्छी खबर आई है। अगर आप एसआईपी के जरिए पैसा निवेश कर रहे हैं तो यह खबर आपके लिए है।
Mutual Funds: म्यूचुअल फंड में निवेश करने वालों की संख्या में लगातार कमी आ रही है। एक तरफ जहां नए निवेशक अपना पैसा सुरक्षित समझकर म्यूचुअल फंड में लगा रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ बड़े निवेशक पैसा निकाल रहे हैं।
खुदरा निवेशकों के खातों का औसत आकार मार्च, 2022 में 70,199 रुपये था, जबकि मार्च, 2023 में यह 68,321 रुपये रह गया।
Mutual Funds: म्यूचुअल फंड में पैसा लगाने वालों के लिए बड़ी खबर आई है। सेबी के नए आदेश में एक म्यूचुअल फंड कंपनी को बंद कर दिया गया है। आइए पूरी खबर पढ़ते हैं।
निवेशक बिना किसी प्रीपेमेंट या फोरक्लोजर चार्ज के अपने लोन का भुगतान कर सकते हैं। निवेशक द्वारा खर्च की गई रकम पर लोन की अवधि का ही ब्याज लिया जाएगा।
आमतौर पर निवेशक टैक्स की बचत करने के लिए म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं। इसमें निवेश करते समय कुछ लोग बाजार की टाइमिंग, जोखिक और एक्सपेंस रेश्यो के ऊपर ध्यान नहीं देते हैं। टैक्स सेविंग म्यूचुअल फंड से लंबे समय के लिए निवेश कर अच्छा रिटर्न ले सकते हैं।
Mutual Funds: दो तरह के फंड होते हैं। पहला एक्टिव म्यूचुअल फंड और दूसरा पैसिव म्यूचुअल फंड। दूसरे वाले फंड को हम इंडेक्स फंड भी कहते हैं। इंडेक्स फंड में कोई फंड मैनेजर नहीं होता, इसलिए आपको बाकी फंड की तरह ब्रोकर का चार्ज नहीं देना पड़ता। ये नए निवेशकों के लिए काफी फायदेमंद है।
अगर आप विदेशी बाजारों में पेसा लगाने वाले म्यूचुअल फंड का रिकॉर्ड देखें तो कई फंड्स का रिकॉर्ड बहुत अच्छा है। कुछ गोल्ड और कमोडिटी-लिंक्ड फंड्स से 50 से 70 फीसदी तक रिटर्न मिला है।
संपादक की पसंद