सामान्य रूप से 15 अक्टूबर तक दक्षिण-पश्चिम मानसून पूरे भारत में पूरी तरह से खत्म हो जाती है, लेकिन इस बार प्रक्रिया में देरी हो रही है। निकासी की शुरूआत भी 17 सितंबर की सामान्य तारीख के मुकाबले 6 अक्टूबर से शुरू हुई।
काईमेट ने ट्वीट कर कहा कि दक्षिण पश्चिम मानसून 2020 आखिरकार भारत की धरती पर पहुंच गया। मानसून अपने वास्तविक सामान्य तारीख से पहले ही पहुंच गया है।
आईएमडी ने कहा है कि 31 मई से 4 जून के बीच दक्षिणपूर्व और उससे सटे पूर्व मध्य अरब सागर के ऊपर एक कम दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है। इसे देखते हुए, केरल में दक्षिण-पश्चिम मानूसन की शुरुआत के लिए 1 जून से परिस्थितियां अनुकूल होने की संभावना है।
मौसम विभाग के मुताबिक इस साल मानसून (पहली जून से 30 सितंबर) सीजन के दौरान देशभर में औसतन 968.3 मिलीमीटर बरसात दर्ज की गई है जबकि सामान्य तौर पर इस दौरान देशभर में औसतन 880.6 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की जाती है।
अरब सागर में उठा चक्रवात 'वायु' भले ही गुजरात को नुकसान पहुंचाए बिना ओमान की ओर बढ़ गया हो, लेकिन इससे मौसमी परिस्थितियों पर बेहद प्रतिकूल असर पड़ा है।
Monsoon Update: मानसून आखिरकार देश की राजधानी दिल्ली में भी पहुंच गया है, भारतीय मौसम विभाग की तरफ से जारी की गई जानकारी के मुताबिक दक्षिण पश्चिम मानसून पूरे हरियाणा, दिल्ली और चंडीगढ़ में पहुंच चुका है, इसके अलावा गुजरात और राजस्थान के भी ज्यादातर हिस्सों में मानसून की बरसात हो चुकी है।
मौसम विभाग ने कहा है कि देश के कई हिस्सों में अगले चार दिनों में अच्छी बारिश के आसार हैं। विभाग के अनुसार 8 जुलाई को भारी वर्षा हो सकती है।
दक्षिण पश्चिम मानसून महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल में लगातार आगे बढ़ रहा है और मौसम विभाग ने बारिश के लिहाज से अगला हफ्ता बेहतर रहने का अनुमान जताया है।
दक्षिण पश्चिम मानसून ने मुंबई में अपनी दस्तक दे दी है। वहीं, IMD के अनुसार जल्द ही उत्तर भारत में भी मानसून दस्तक देने वाला है।
प्राइवेट वेदर एजेंसी स्काईमेट ने मानसून को लेकर अपना पहला अनुमान जारी कर दिया है। इसके मुताबिक 2014-15 की तरह इस साल भी देश में सामान्य से कम बारिश होगी।
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