इनकम टैक्स से संबंधित सवाल पर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि हमने टैक्स नहीं बढ़ाया। एक भी पैसा अतिरिक्त टैक्स के द्वारा कमाने की कोशिश नहीं की। पिछली बार प्रधानमंत्री का आदेश था कि घाटा कितना भी हो, महामारी में जनता पर टैक्स का बोझ नहीं डालना। इस बार भी वही निर्देश थे।
जीएसटी के तहत फिलहाल चार दरों वाली संरचना है। इसके तहत आवश्यक वस्तुओं पर जीएसटी से छूट है जबकि कुछ सामानों पर पांच प्रतिशत की दर से कर लगाया जाता है। वहीं उच्चतम दर 28 प्रतिशत है।
सालाना 13 लाख रुपए से अधिक वेतन और विभिन्न निवेश उपायों के जरिये दो लाख रुपए तक की कटौती पाने वाले व्यक्तियों को प्रस्तावित नई कर व्यवस्था अपनाने से कर भुगतान में लाभ हो सकता है।
आयकर दाताओं को इस बार आम बजट 2020-2021 में बड़ी राहत मिल सकती है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बजट में इनकम टैक्स स्लैब में बड़ी कटौती हो सकती है।
आयकर स्लैब में बदलाव को लेकर बढ़ती सुगबुगाहट के बीच पूर्व वित्त सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने रविवार को बिना उपकर या अधिभार के चार दर वाले व्यक्तिगत आयकर ढांचे की वकालत की है।
माल एवं सेवा कर (GST) परिषद ने सबसे ऊंचे 28 प्रतिशत के कर स्लैब में उत्पादों की सूची को घटाकर 35 कर दिया है। अब इस सूची में एयर कंडिशनर, डिजिटल कैमरा, वीडियो रिकॉर्डर, डिशवॉशिंग मशीन और वाहन जैसे 35 उत्पाद रह गए हैं। पिछले एक साल के दौरान जीएसटी परिषद ने सबसे ऊंचे कर स्लैब वाले 191 उत्पादों पर कर घटाया है। GST को एक जुलाई , 2017 को लागू किया गया था। उस समय 28 प्रतिशत कर स्लैब में 226 उत्पाद या वस्तुएं थीं।
विशेषज्ञों ने सरकार और कारोबारियों के बीच तालमेल व सहयोग बढ़ाने और टैक्स स्लैब की संख्या घटाने की सलाह दी है।
बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने शुक्रवार को कहा कि माल एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद 12 और 18 प्रतिशत दरों को एक नए स्लैब में विलय करने की संभावनाओं की जांच करेगी।
GST परिषद ने 18 मई को 1211 आइटम में से 1205 आइटम के लिए टैक्स की दरों को फाइनल कर दिया है। जीएसटी इस समय देश में प्रमुख चर्चा का विषय बना हुआ है।
आयकर विभाग जांच वाले मामलों में रिफंड विशेष हालात में ही रोकेगा। इन गंभीर मामलों में संबंधित व्यक्ति द्वारा देश छोड़कर भागने की आशंका शामिल है।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कृषि क्षेत्र के लिए वित्त वर्ष 2017-18 में कर्ज का लक्ष्य एक लाख करोड़ रुपये बढ़ाकर रिकॉर्ड 10 लाख करोड़ रुपए का प्रस्ताव किया है।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इस बार के बजट में वरिष्ठ नागरिकों (सीनियर सिटीजन) के लिए दो अहम घोषणाएं की हैं।
बजट में इनकम टैक्स स्लैब में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है। अगर धारा 87ए को जोड़ कर देखें तो जिन लोगों की आय 3 लाख रुपए हैं उन्हें टैक्स नहीं देना होगा।
60 साल से कम उम्र वाले लोगों को 2.5 लाख से 5 लाख रुपए तक की आय पर टैक्स 10 फीसदी की जगह 5 फीसदी टैक्स का प्रस्ताव किया गया है।
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