यूक्रेन और स्विट्जरलैंड के अधिकारियों ने कहा है कि प्रस्तावित सम्मेलन के संबंध में कई देशों के साथ विचार-विमर्श किया गया है। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा है कि जब तक रूस के लक्ष्य पूरे नहीं हो जाते, यूक्रेन में शांति कायम नहीं होगी।
यूक्रेन ने रूस पर अब तक का सबसे बड़ा हमला किया है। रूस में राष्ट्रपति चुनाव के बाद व्लादिमिर पुतिन के हाथ में दोबारा सत्ता आते ही रूसी सेना ने यूक्रेन पर हमला तेज कर दिया था, मगर अब जेलेंस्की की सेना ने रूस पर कर दिया सबसे बड़ा पलटवार। हालांकि रूस को इससे कितना नुकसान हुआ है, इस बारे में अभी कोई सटीक जानकारी नहीं है।
रूस ने यूक्रेन को बड़ी चेतावनी देते हुए उसके सुरक्षा प्रमुख और अन्य को मॉस्को के हवाले करने के लिए कहा है। पुतिन की सेना ने जेलेंस्की को साफ कह दिया है कि रूस पर आतंकी हमले के आरोपियों को उनके हवाले कर दिया जाए। बता दें कि कुछ दिनों पहले ही रूस के कॉन्सर्ट हाल में हुए हमले में करीब 143 लोग मारे गए थे।
यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लादिमिर जेलेंस्की फोन पर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बातचीत करने के बाद काफी खुश नजर आए। उन्होंने भारत के साथ यूक्रेन के द्विपक्षीय संबंधों को कृषि, फॉर्मास्यूटिकल, औद्योगिक और विमानन क्षेत्र में मजबूत करने की इच्छा जताई। यूक्रेन की क्षेत्रीय अखंडता के समर्थन पर भारत का धन्यवाद किया।
भारत की कूटनीति का पूरी दुनिया में डंका बज रहा है। रूस में चुनाव के बाद एक बार फिर पुतिन के राष्ट्रपति निर्वाचित होने के बाद पीएम मोदी ने उनसे फोन पर बात की। इसके बाद प्रधानमंत्री ने यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की से भी फोन पर वार्ता की। इस दौरान रूस-यूक्रेन संघर्ष समाप्त करने का रास्ता खोजने पर चर्चा हुई।
दो साल से भी ज्यादा समय से चली आ रही रूस और यूक्रेन जंग से यूक्रेन थक चुका है। इसी बीच यूक्रेन के विदेश मंत्री भारत की यात्रा पर आ रहे हैं। यूक्रेन को भारत से बहुत उम्मीद है कि भारत इस जंग का कोई समाधान निकाल सकता है।
मुख्य समस्या यह है कि यूक्रेन को समर्थन देने की महज बयानबाजी न केवल निरर्थक है, बल्कि प्रतिकूल भी है। वे आवश्यक क्षमताएं प्रदान किए बिना युद्ध के जीतने योग्य होने की मृगतृष्णा को कायम रखते हैं। जैसा कि यूक्रेनी राष्ट्रपति व्लादिमीर ज़ेलेंस्की ने 17 फरवरी को म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन में भी कहा था।
रूस-यूक्रेन युद्ध के मैदान से इस वक्त की सबसे बड़ी खबर सामने आ रही है। युद्ध के 2 वर्ष पूरे होने से पहले रूसी सेना ने यूक्रेन के एक और शहर पर कब्जा कर लिया है। यूक्रेन ने अवदिव्का से अपनी सेना को पीछे हटा लिया है। हथियारों और गोला-बारूद की कमी के चलते यूक्रेनी सेना को पीछे हटने के लिए मजबूर होना पड़ा।
रूस-यूक्रेन युद्ध के 2 वर्ष पूरे होने को हैं। अब तक रूस यूक्रेन को भले ही हरा नहीं पाया हो, लेकिन जंग में रूसी सैनिक लगातार भारी पड़ रहे हैं। यूक्रेन के 4 अहम राज्य रूसी सेना के कब्जे में हैं। ऐसे में रूस के हाथों यूक्रेन को हार से बचाने के लिए फ्रांस और जर्मनी आगे आए हैं।
रूस-यूक्रेन युद्ध के 2 वर्ष पूरे होने से पहले यूरोपीय संघ ने जेलेंस्की के लिए आखिरकार अपना खजाना खोल दिया है। रूसी सेना से जंग लड़ते अभावग्रस्त यूक्रेनी सैनिकों का हौसला बढ़ाने के लिए यूरोपी संघ ने राष्ट्रपति जेलेंस्की को 50 अरब यूरो का बड़ा रक्षा सहायता पैकेज दिया है। इसकी जेलेंस्की को बेहद जरूरत भी थी।
रूस से 2 वर्षों से युद्ध लड़ रहे यूक्रेन के पास अब हथियार और गोला-बारूद की भयंकर कमी हो गई है। अब उसे कोई आगे सहायता देने को तैयार नहीं है। ऐसे बुरे वक्त में फ्रांस ने एक बार फिर जेलेंस्की को मदद देने का ऐलान किया है। फ्रांस के राष्ट्रपति ने यूक्रेन को मिसाइल और बमों की आपूर्ति करने का ऐलान किया है।
ब्रिटिश पीएम ऋषि सुनक और राष्ट्रपति जेलेंस्की के बीच यूक्रेन में मुलाकात हुई। इसी बीच रक्षा सौदे के साथ यूक्रेन को 2.5 बिलियन पाउंड देने का ब्रिटेन ने ऐलान किया है।
रूस-यूक्रेन युद्ध लगातार जारी है। जबकि इस युद्ध का अभी तक कोई नतीजा नहीं निकल सका है। यूक्रेन के पास गोला-बारूद और हथियारों की भारी कमी हो गई है। जेलेंस्की इस वजह से निराश हैं। अकेले अमेरिका की मदद से यूक्रेन अब ज्यादा दिन रूस से जंग लड़ पाने की स्थिति में नहीं है। इस बीच यूएई ने दोनों देशों में बड़ा समझौता कराया है।
रूस और यूक्रेन के बीच जंग और तेज हो गई है। दो दिन पहले रूस ने 18 घंटे तक लगातार यूक्रेन के विभिन्न इलाकों में बैलिस्टिक मिसाइलों से हमला करके 30 लोगों को मौत के घाट उतार दिया। यह रूस की ओर से यूक्रेन पर किया सबसे बड़ा हमला था। अब यूक्रेन भी रूस से बदला लेना चाहता है।
एक बार यूक्रेन की और अधिक सहायता से इनकार के बाद अमेरिका ने फिर से जेलेंस्की को बड़ा रक्षा पैकेज दिया है। अमेरिका ने यूक्रेन को आखिरी मदद के तौर पर 250 मिलियन अमेरिकी डॉलर का सैन्य सहायता पैकेज दिया है। ताकि यूक्रेन अपनी संप्रभुता और राष्ट्रीय अखंडता की रक्षा कर सके। इससे रूस के खिलाफ यूक्रेन फिर से उठ खड़ा होगा।
रूस-यूक्रेन युद्ध में 2023 में कई बड़ी घटनाएं घटी। इस वर्ष यूक्रेन युद्ध में काफी कमजोर साबित हुआ। यूरोपीय देशों समेत अमेरिका से उससे मदद मिलनी 90 फीसद तक कम हो गई। ऐसे में यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की और उनकी सेना का हौसला टूटने लगा। रूसी सेना यूक्रेन पर हावी होने लगी।
रूस और यूक्रेन की जंग के बीच यूक्रेन में सैनिकों की कमी का संकट खड़ा हो गया है। यही कारण है कि यूक्रेनी सेना ने राष्ट्रपति जेलेंस्की को प्रस्ताव दिया है कि कम से कम 5 लाख सैनिकों की भर्ती की जाना जरूरी है।
युद्ध के भवंरजाल में बुरी तरह फंस चुके यूक्रेन का खेल अब खत्म होने वाला है। 22 महीने की जंग के बाद यूक्रेन के पास अब हथियार और गोला-बारूद की भारी कमी हो गई है। यूरोपीय संघ और अमेरिका ने उसे अब आगे मदद देने में असमर्थता जाहिर कर दी है। ऐसे में पुतिन की सेना अब यूक्रेन को जल्द अपने चंगुल में ले सकती है।
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने यूक्रेन से जंग के 22 महीने बीत जाने पर कहा है कि कीव में तब तक शांति नहीं कायम होगी, जब तक मास्को अपना लक्ष्य हासिल नहीं कर लेता। पुतिन ने कहा कि यूक्रेन को नाटो में शामिल नहीं होना चाहिए और उसे तटस्थ रहना चाहिए। अगर वह ऐसा नहीं करता तो यूक्रेन में शांति नहीं आएगी।
रूस और यूक्रेन युद्ध के बीच सबसे बड़ी खबर ये है कि यूक्रेन के पास हथियारों का भंडार खत्म हो चुका है। ऐसे में अब उसके बाद जंग लड़ने के लिए हथियारों और गोला-बारूद की कमी होने लगी है। लिहाजा अब जेलेंस्की की टेंशन बढ़ गई है। वह हथियार मांगने फिर से अमेरिका के पास पहुंच गए हैं।
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