भीख देने वालों पर BNS की इस धारा के तहत दर्ज हो रही FIR

भीख देने वालों पर BNS की इस धारा के तहत दर्ज हो रही FIR

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मध्य प्रदेश के इंदौर में भीख देने और भीख लेने वाले लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की जा रही हैं। शुक्रवार (24 जनवरी) को भिक्षा लेने और देने के दो अलग-अलग मामलों में एफआईआर दर्ज कराई गई है। देश में पहली बार भीख देने वालों पर एफआईआर दर्ज की गई है।

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इंदौर की भंवर कुआं थाना पुलिस ने मामला दर्ज किया है और आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है। भीख लेने और भीख देने वाले लोगों के खिलाफ आने वाले समय में भी एफआईआर दर्ज होंगी। इन लोगों पर सरकारी आदेश की अवहेलना का मामला चलेगा।

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इंदौर को भिक्षावृत्ति से मुक्त करने के लिए कलेक्टर आशीष सिंह की पहल पर विशेष अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान के तहत भिक्षा लेने और देने वाले दोनों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई की जा रही है। इसी सिलसिले में भिक्षा लेने और देने के दो अलग-अलग मामलों में एफआईआर दर्ज कराई गई है।

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फरियादी भिक्षावृत्ति उन्मूलन दल अधिकारी फूल सिंह पिता मांगीलाल ने थाना भंवरकुआं में उपस्थित होकर लिखित आवेदन पत्र दिया। इसके बाद भिक्षावृत्ति को बढ़ावा देने वाले लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।

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कलेक्टर आशीष सिंह ने भिक्षा लेने और देने दोनों को भारतीय नागरिक सुरक्षा अधिनियम 2023 की धारा 163 के तहत प्रतिबंधित किया है। उनके आदेश के उल्लंघन पर सोनाबाई पति बलराम के लिए शपथ पत्र प्रस्तुत कर जिम्मेदारी लेने वाले भिक्षुक मां के पुत्र मुकेश पर प्रकरण दर्ज कराया गया।

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एक अन्य मामले में फरियादी भिक्षावृत्ति उन्मूलन दल अधिकारी फूल सिंह पिता मांगीलाल ने थाना भंवरकुआं में उपस्थित होकर एफआईआर दर्ज कराई। इस प्रकरण में बताया गया कि यह प्रकरण अज्ञात आरोपी के खिलाफ दर्ज कराया गया है।

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केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने देश के 10 शहरों को भिखारी मुक्त बनाने के लिए पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया। इन शहरों की सूची में इंदौर भी शामिल है। इंदौर प्रशासन ने शहर को भिखारी मुक्त बनाने के कई उपाय किए हैं।

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दिसंबर 2024 में इंदौर में एक आदेश पारित किया गया था। इसके जरिए भीख देने और भीख लेने पर रोक लगाई गई थी। इस आदेश का पालन नहीं करने वाले लोगों पर अब मामला दर्ज किया गया है।

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पुलिस ने दो FIR दर्ज कर की हैं। पहली FIR भीख देने वाले एक अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ दर्ज की गई है। दूसरी FIR भीख मांगने वाली महिला भिखारी के बेटे के खिलाफ दर्ज की गई है। पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 223 के तहत FIR दर्ज की है। सरकारी आदेश का पालन नहीं करने पर इस धारा के तहत केस दर्ज किया जाता है।

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