किस तरह की बंदूकें इस्तेमाल करती है भारतीय सेना, कितनी खतरनाक है?

किस तरह की बंदूकें इस्तेमाल करती है भारतीय सेना, कितनी खतरनाक है?

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सेना के पास स्वदेशी और विदेशी दोनों तरह की बंदूकें होती हैं।

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पिस्टल ऑटो 9एमएम 1ए: यह भारतीय सशस्त्र बलों में सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाता है। यह सेमी ऑटोमेटिक और सेल्फ लोडिंग पिस्टल होती है। इसकी मैगजीन में 13 राउंड गोली चलाने की क्षमता होती है।

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इंसास राइफल: इसका इस्तेमाल आर्मी के साथ ही अन्य सशस्त्र बल भी करते रहे हैं। इसका पूरा नाम "इंडियन स्माल आर्म सिस्टम" है। इसका कैलीवर 5.56MM है। इसका डिजाइन AK-47 की तर्ज पर किया गया है।

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एके- 203 राइफल: इसका इस्तेमाल आतंकियों और नक्सलियों से निपटने में किया जाएगा। यह राइफल इंसास राइफल की जगह लेगी। एके-203 राइफल, रूस की कंपनी के साथ मिलकर भारत में ही बनेगी।

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एकेएम असाल्ट राइफल: इसकी तकनीक रूस से आयातित है। यह AK-47 का एडवांस और इम्प्रोव्ड वर्जन है। यह गन प्रति मिनट 600 राउंड फायरिंग करती है।

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विध्वंसक एंटी मैटेरियल राइफल: एक स्वदेश निर्मित गन है, जिसका इस्तेमाल ज्यादातर सीमा सुरक्षा बल के जवान करते हैं। इसे दुश्मनों के बंकर, वाहन, रडार सिस्टम, संचार साधन और एयरक्राफ्ट को निशाना बनाने में किया जाता है।

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ड्रेग्नोव एसवीडी 59 स्नाइपर राइफल: एक मानक स्नाइपर राइफल है। इसका इस्तेमाल खतरनाक दुश्मनों को निपटाने में किया जाता है। इस सोवियत मूल की राइफल का पहली बार शीत युद्ध के दौरान इस्तेमाल किया गया था।

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आईएमआई गैलिल 7.62 स्नाइपर राइफल: गैलिल इजरायल मिलिट्री इंडस्ट्रीज (IMI) द्वारा निर्मित बंदूक है। इसमें 20 राउंड की मैगजीन लगती है। इस गन का इस्तेमाल 25 देशों से अधिक की आर्मी में किया जाता है।

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माउजर एसपी 66 स्नाइपर राइफल: जर्मनी में निर्मित गन है। बोल्ट-एक्शन स्नाइपर राइफल है। यह हंटिंग राइफल से मिलता-जुलता है। यह  7.62x51mm NATO राउंड तक मार करती है। यह 800 मीटर तक मार सकती है।

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एसएएफ कर्बाइन 2 ए 1 सब मशीन गन: इसे सायलेंस गन माना जाता है। फायरिंग के दौरान इसकी आवाज कम होती है। इसके बैरल में सायलेंसर लगा होता है। कानपुर की ऑर्डिनेस फैक्ट्री में इसका निर्माण किया जाता है।

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NSV हैवी मशीन गन: इस गन का मॉडल रूस में तैयार किया गया है और इसका निर्माण तिरुचिरापल्ली के आयुध कारखाने में किया जाता है। इसे हेलीकॉप्टर और लड़ाकू विमानों को गिराने के लिए एंटी-एयरक्राफ्ट गन के तौर पर किया जाता है।

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