भारत में किस धर्म में कामकाजी लोगों की हिस्सेदारी सबसे कम है?

भारत में किस धर्म में कामकाजी लोगों की हिस्सेदारी सबसे कम है?

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भारत की बड़ी वर्क फोर्स का पूरी दुनिया लोहा मानती है और आज हमारा देश दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से है।

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भारत में विभिन्न धर्मों के लोग रहते हैं और सभी इसकी तरक्की में अपना-अपना योगदान लगातार देते रहे हैं।

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लेकिन क्या आपको पता है कि भारत में सबसे ज्यादा और सबसे कम काम करने वाले लोग किस धर्म में हैं?

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भारत में सबसे ज्यादा 43.1 फीसदी कामगार बौद्ध धर्म में हैं।

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इसका अर्थ यह है कि बौद्ध धर्म को मानने वाले 43.1 फीसदी लोग किसी न किसी रोजगार से जुड़े हैं।

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इस मामले में दूसरे नंबर पर ईसाई धर्म के अनुयायी हैं जिसकी 41.9 फीसदी जनसंख्या कोई न कोई रोजगार करती है।

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तीसरे नंबर पर हिंदू धर्म को मानने वाले लोग हैं जिनकी 41 फीसदी आबादी रोजगार से जुड़ी हुई है।

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चौथे नंबर पर सिख धर्म के अनुयायी हैं जिसकी 36.9 फीसदी जनसंख्या कोई न कोई रोजगार करती है।

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कामगारों के प्रतिशत के मामले में पांचवें नंबर पर जैन धर्म के अनुयायी हैं जिनकी 35.5 फीसदी जनसंख्या किसी न किसी रोजगार से जुड़ी है।

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भारत में सबसे कम कामगार इस्लाम धर्म में हैं और इस धर्म के 32.6 फीसदी अनुयायी ही कोई न कोई रोजगार करते हैं।

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विभिन्न धार्मिक और सामाजिक मान्यताओं के चलते महिलाओं का रोजगार में आना या न आना भी इस तरह के आंकड़ों पर असर डालता है। (आंकड़े 2011 की जनगणना से)

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