एक IAS ऑफिसर का क्या होता है काम, जानें कितनी होती है पावर

एक IAS ऑफिसर का क्या होता है काम, जानें कितनी होती है पावर

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IAS अफसर बनने के लिए उम्मीदवार को यूपीएससी की सिविल सर्विस एग्जाम पास करने पड़ते हैं। जानकारी दे दें कि ये परीक्षा देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में गिनी जाती है। यूपीएससी पास करने का सपना देश का हर दूसरा शख्स देखता है।

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UPSC सिविल सर्विस एग्जाम को पास करने के बाद ही युवा अपनी रैंक के मुताबिक IAS यानी इंडियन एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस, IPS यानी इंडियन पुलिस सर्विस, IES यानी इंडियन इंजीनियरिंग सर्विस और IFS यानी इंडियन फॉरेन सर्विस में नौकरी लगती है।

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जो सबसे अधिक रैंक लाते हैं उन्हें IAS पोस्ट मिलती है, फिर इससे नीचे होते हैं उन्हें IPS व IFS पद मिलते हैं।

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एक IAS अफसर को शुरुआती ट्रेनिंग में फाउंडेशन कोर्स पढ़ना पड़ता है, जो मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री नेशनल एकेडमी ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन यानी LBSNAA में होती है।

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इसके बाद IAS को जिले में एसडीएम पदों पर तैनाती मिलती है। फिर कुछ साल बाद उन्हें डीएम के रूप में अपना एक जिला मिलता है।

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एक डीएम पद के IAS अफसर के पास जिले के सभी विभागों की जिम्मेदारी होती है। यानी हम कह सकते हैं कि जिलाधिकारी के पास पुलिस विभाग के साथ जिले के विकास से जुड़े सभी विभाग होते हैं।

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जानकारी के लिए बता दें कि डीएम पुलिस विभाग को एक आईपीएस ऑफिसर के साथ मिल कर संभालता है।

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डीएम के पास जिले में धारा 144, जिले में निषेधाज्ञा, लॉ एंड ऑर्डर से जुड़ा फैसला लेने का अधिकार होता है। डीएम ही भीड़ पर कार्रवाई करने का आदेश दे सकता है।

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इसके अतिरिक्त डीएम के पास, जिले के विकास के लिए प्रस्ताव बनाने संबंधित सभी पॉलिसी को लागू करने और उससे जुड़े सभी फैसले लेने का अधिकार होता है।

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फिर कुछ सालों तक जिले में सेवा करने के बाद आईएएस को सचिव के रूप में मंत्रालयों में जिम्मेदारी मिलती है, जहां वे विभाग से जुड़े सभी पॉलिसी व बजट वगैहर बनाते व नियंत्रित करते हैं।

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