रेलवे में क्या होता है इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम?

रेलवे में क्या होता है इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम?

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ओडिशा के बालासोर में हुए भीषण ट्रेन हादसे में असल वजह 'इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग’ को बताया गया है।

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इंडियन रेलवे में इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम सिग्नल देने में उपयोग होने वाली महत्वपूर्ण प्रणाली है।

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इस प्रणाली को रेलवे ट्रैक पर ट्रेनों की सुरक्षा और उन्हें एक सुगम गति प्रदान करने के लिए उपयोग किया जाता है।

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रेलवे में ये ऐसा सिस्टम है जिसमें इलेक्ट्रॉनिक और कंप्यूटर नेटवर्क के इस्तेमाल से ट्रेनों के बीच ट्रांजिशन को कंट्रोल किया जाता है।

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इस इंटरलॉकिंग सिस्टम का मकसद होता है कि किसी भी ट्रेन को तब तक आगे बढ़ने का सिग्नल नहीं मिलता जब तक वह लाइन क्लियर (ग्रीन) न हो।

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रेल मंत्रालय के मुताबिक रेलवे में दो प्रकार के इंटरलॉकिंग सिस्टम होता है।

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एक तो मैकेनिकल इंटरलॉकिंग या इलेक्ट्रिकल इंटरलॉकिं और दूसरा इलेक्ट्रॉनिक या कंप्यूटर आधारित होता है।

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बता दें कि इंटरलॉकिंग पहले मैनुअली होती थी लेकिन अब यह इलेक्ट्रॉनिक हो गई है।

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