

1. हर्षद मेहता घोटाला के चलते 28 अप्रैल 1992 को शेयर बाजार क्रैश हुआ था। इस दिन सेंसेक्स 570 अंक लुढ़क गया था।
Image Source : File2. एशियाई वित्तीय संकट (1997) के चलते उस वर्ष दिसंबर तक सेंसेक्स 28% से अधिक गिरकर 4,600 अंक से 3,300 अंक पर आ गया था।
Image Source : File3. डॉट-कॉम बबल बर्स्ट: टेक शेयरों की चमक फीकी पड़ने से 2000 के दशक की शुरुआत में बाजार में महत्वपूर्ण गिरावट देखी गई। फरवरी 2000 में सेंसेक्स 5,937 अंक से गिरकर अक्टूबर 2001 तक 3,404 अंक पर आ गया था। यानी 43% की गिरावट दर्ज की गई थी।
Image Source : File4. लोकसभा चुनाव (2004): 17 मई 2004 को लोकसभा चुनाव के नतीजे के मौके पर बाजार क्रैश हुआ था। तब सेंसेक्स 842 अंक (15.5%) लुढ़क गया था।
Image Source : File5. 2008 की मंदी: 17 मार्च 2008 को सेंसेक्स में 950 अंकों (6%) की गिरावट आई थी। इससे ठीक दो सप्ताह पहले, सेंसेक्स 900 अंक लुढ़क गया था। 2008 और 2009 के बीच, भारतीय बाजार ने अपने मूल्य का 50% से अधिक खो दिया था।
Image Source : File6. वैश्विक मंदी (2015-2016): दुनियाभर में आई आर्थिक सुस्ती के चलते 2015-16 दुनियाभर के शेयर बाजारों के लिए मुश्किल भरा दौर रहा। भारत में सेंसेक्स में गिरावट जारी रही। फरवरी 2016 तक महज ग्यारह महीनों में इसमें करीब 26% की गिरावट आ चुकी थी।
Image Source : File7. कोविड-19 की गिरावट (मार्च 2020): शेयर बाजार क्रैश हुआ था।
Image Source : File8. 2024: लोकसभा चुनाव परिणाम के दिन बाजार में मार्च 2020 के बाद से सबसे खराब गिरावट आई थी।
Image Source : File9. 2025: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा टैरिफ लगाए जाने की घोषण के बाद आज यानी 7 अप्रैल को सेंसेक्स 4000 अंक लुढ़का।
Image Source : FileNext : Canara Bank की 3 साल की FD में 3 लाख रुपये डालें तो मैच्योरिटी पर कितना मिलेगा