दीवाली पर दीपक जलाने से पहले जान लें ये वास्तु नियम, मिलेंगे विशेष लाभ

दीवाली पर दीपक जलाने से पहले जान लें ये वास्तु नियम, मिलेंगे विशेष लाभ

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हिंदूओं का सबसे महत्वपूर्ण त्योहार दिवाली, अंधकार पर प्रकाश की जीत का प्रतीक है। इस दिन पूरे देश में घरों, मंदिरों और मार्केट में दीपकों और रंग‑बिरंगी लाइटों से सजाया जाता है।

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पंचांग के अनुसार, इस साल दिवाली 20 अक्टूबर को पड़ रही है। इस दिन लोग भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की पूजा अर्चना करते हैं। इस दिन सही समय पर और विधिपूर्वक पूजा करने से समृद्धि और सुख‑शांति मिलती है।

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घर के विभिन्न स्थानों में दीपक जलाने से वास्तु अनुसार विशेष लाभ होते हैं। विशेष रूप से दीपक जलाना बहुत शुभ होता है, क्योंकि यह अंधकार को दूर करके सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है।

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वास्तु शास्त्र के अनुसार, दीपक जलाने का स्थान और समय बहुत महत्वपूर्ण है। इस दिन पहला दीपक मंदिर या घर के पूजा स्थान पर जलाना चाहिए। इससे सकारात्मक ऊर्जा तो आती है, मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है।

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सूर्यास्त के बाद, विशेष रूप से प्रदोष काल के आसपास दीपक जलाना शुभ होता है। दीपक का प्रकाश न केवल घर रोशन करता है, बल्कि मानसिक तनाव और नकारात्मक भावनाओं को भी कम करता है।

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दीपकों में सोयाबीन, मूंगफली, तिल और सरसों का तेल, घी आदि का उपयोग होता है। अगर संभव हो तो घी का दीपक जलाना अधिक शुभ माना जाता है, क्योंकि यह मानसिक शांति और सेहत दोनों के लिए फायदेमंद है।

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रसोई के दक्षिण‑पूर्व कोने में दीपक जलाने से सेहत से जुड़ी दिक्कतों से छुटकारा मिलता है और घर के सदस्यों का स्वास्थ्य अच्छा रहता है।

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लिविंग रूम और मुख्य प्रवेश द्वार पर दीपक जलाने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और घर में खुशहाली बनी रहती है।

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घर के हर कोने में दीपक जलाने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और पूरे परिवार में प्रेम, शांति और सुख बना रहता है।

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