जगन्नाथ रथ यात्रा साल 2024 में 7 जुलाई से शुरू होगी।
Image Source : File जगन्नाथ यात्रा के रथ को बनाने की विधिवत तैयारी वैशाख मास की तृतीया तिथि जिसे अक्षय तृतीया के नाम से भी जाना जाता है से शुरू हो जाती हैं।
Image Source : File साल 2024 में 10 मई को अक्षय तृतीया थी। इसी दिन से जगन्नाथ जी के रथ का निर्माण शुरू हुआ था। रथ को बनने में लगभग डेढ से दो महीने का समय लगता है।
Image Source : File इस रथ का निर्माण कार्य 7 समुदायों के द्वारा मिलकर किया जाता है।
Image Source : File सबसे पहले आते हैं विश्वकर्मा या महाराणा समुदाय के लोग। इनका मुख्य काम होता है रथ के नाप को सही रखना। कौन सा हिस्सा कितना लंबा-चौड़ा होगा इसका ध्यान यही रखते हैं।
Image Source : File दूसरा समुदाय भोई सेवकों का है। ये रथ के निर्माण में उपयोग होने वाली लकड़ी को उस जगह तक पहुंचाते हैं जहां पर रथ बनाया जाना है।
Image Source : File तीसरा वर्ग है करतिया का, ये लोग रथ में लगाई जाने वाली लकड़ी की चीर फाड़ करते हैं।
Image Source : File लोहार समुदाय के लोग रथ में छल्ले और लोहे से बनी चीजों को आकार देना का काम करते हैं।
Image Source : File पांचवें हैं रूपकार, जो रथ पर सुंदर कृतियां बनाते हैं।
Image Source : File छठा समुदाय है दर्जीयों का जो रथ में लगने वाले कपड़े से जुड़ा सारा कार्य संभालते हैं।
Image Source : File सातवें और अंतिम हैं चित्रकार। ये लोग रथ को रंगने का कार्य करते हैं। इन सभी के द्वारा ही रथ का बेहतरीन निर्माण किया जाता है।
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