

साल में कुल 24 एकादशी पड़ती है, इनमें से निर्जला एकादशी को खासा महत्व दिया जाता है। निर्जला एकादशी ज्येष्ठ मास में शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है।
Image Source : File Photoमान्यता है कि निर्जला एकादशी को व्रत रखने पर साल भर की 24 एकादशी के बराबर फल मिलता है। इस बार निर्जला एकादशी 6 जून को पड़ रही है।
Image Source : File Photoकहा जाता है कि निर्जला एकादशी व्रत करने से मनुष्य को धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की प्राप्ति होती है और मृत्यु पश्चात उसका स्वर्गलोक गमन होता है।
Image Source : File Photoअक्सर देखे गए हैं कि व्रत रखने से पहले महिलाएं अपने बाल धोती हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि व्रत से पहले उन्हें पूरी तरह अपने शरीर को स्वच्छ रखना चाहिए।
Image Source : File Photoहालांकि यह पूरी तरह सच नहीं है, शास्त्रों में तन की शुद्धि से ज्यादा मन की शुद्धि को महत्व दिया गया है।
Image Source : File Photoऐसे में एक सवाल सभी के मन में कौंध रहा कि क्या निर्जला एकादशी में बाल धोने चाहिए?
Image Source : File Photoआइए जानते हैं इसका जवाब...
Image Source : File Photoशास्त्रों के मुताबिक, अमावस्या, पूर्णिमा और एकादशी तिथि पर बालों का धोना वर्जित है, ऐसे में निर्जला एकादशी के दिन महिलाओं को बाल नहीं धुलने चाहिए।
Image Source : File Photoआगे इसके प्रभाव को लेकर शास्त्रों में कहा गया कि अगर कोई स्त्री अमावस्या, पूर्णिमा और एकादशी तिथि पर बाल धुलती है तो उसके घर दुख, दरिद्रता और कलेश का वास होता है।
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