

तीर्थ स्थानों पर यात्रा के दौरान हर साल कई लोगों की मृत्यु हो जाती है।
Image Source : Fileकारण है कि हिंदू धर्म के ज्यादातर तीर्थस्थल दुर्गम क्षेत्रों में बने हुए हैं, इसलिए तीर्थयात्रियों के लिए प्रकृति भी चुनौती पैदा करती है।
Image Source : File Photoकई बार प्राकृतिक आपदा तो कई बार स्वास्थ्य समस्याओं के कारण तीर्थ यात्री अपनी जान गंवा देते हैं।
Image Source : Fileऐसे में कई बार लोगों के मन में सवाल आते हैं कि अगर तीर्थ यात्रा के दौरान मृत्यु हो जाए तो उसकी गति क्या होगी?
Image Source : Fileआज इसका जवाब हम आपको यहां देंगें...
Image Source : Fileधर्म शास्त्रों के मुताबिक, तीर्थ यात्रा के दौरान मृत्यु को आत्मा को मुक्ति पाने का एक तरीका माना गया है।
Image Source : Fileसाथ ही तीर्थ स्थान पर मृत्यु होने पर ईश्वर की इच्छा भी मानते हैं।
Image Source : Fileयह भी मान्यता है कि तीर्थ यात्रा के दौरान मृत्यु होने का मतलब है कि उसने अपने जीवन का उद्देश्य पूरा कर लिया है।
Image Source : Fileइसके अलावा, कहा जाता है कि ऐसी मौत नसीब वाले इंसान की होती है क्योंकि ईश्वर उसे अपने साथ रखना चाहते हैं।
Image Source : Fileयह भी माना जाता है कि तीर्थ यात्रा के दौरान मरने वाले व्यक्ति की दुर्गति नहीं होती है, और उसे भगवान के चरणों में स्थान मिलता है।
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